Electromagnetic induction type relay in hindi | इंडक्शन टाइप रिले

परिचय:-

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन टाइप रिले (electromagnetic induction type relay in indi) के अंतर्गत मुख्यतः तीन प्रकार के रिले होते हैं।

  1. Shaded pole type relay
  2. Watt hour meter type relay
  3. Induction type relay

आज के इस पोस्ट में हम इन तीनो प्रकार के इंडक्शन टाइप रिले के बारे में डिस्कस करेंगे। इसके पहले हम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन टाइप रिले के बारे में थोड़ा सा समझ लेते हैं।

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन टाइप रिले ( electromagnetic induction type relay in Hindi) :-

Induction type relay बेसिकली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत पर कार्य करता है। यह रिले बिल्कुल वैसे ही काम करता है जैसे इंडक्शन मोटर काम करता है। इसमें भी एक मूविंग पार्ट होता है। और इसमें जब सप्लाई दी जाती है। तो सप्लाई के कारण रोटेटिंग फ्लक्स जेनरेट होता है। तथा यह रोटेटिंग फ्लक्स घूमने वाले भाग या रोटर को उसी स्पीड से कटता है। जिससे रोटर के वाइंडिंग में भी एक emf जेनरेट होता है। चुकी रोटर का वाइंडिंग शॉर्ट सर्किट होता है तो परिणामस्वरूप उसमे करंट फ्लो होने लगता है। जिससे रोटर का खुद का एक flux पैदा होता है।

अब चुकी में वाइंडिंग का भी अपना रोटेटिंग flux होता है। और रोटर का भी अपना एक flux है। तो अब इन दोनो के flux का इंटरेक्शन के कारण रोटर का flux भी मेन flux के विरोध में उसी की दिशा में घूमना प्रारंभ कर देता है।

Shaded pole type relay :-

चित्र में आपको shaded pole relay को दिखाया गया है। इसमें आपको एक मैगनेटिक कोर पर दोनो साइड पर शेडिंग रिंग लगा हुआ दिखाया गया है। इसमें मैं flux शेडिंग रिंग के द्वारा दो भागों में बांटी जाती है।

ये शेडिंग रिंग कॉपर का बना होता है। और यह पोल फेस के चारो तरफ से लगाया गया होता है। इस प्रकार हम देखते हैं। कि डिस्क पर दो अल्टरनेटिंग flux पड़ते हैं। जिससे शैडेड पोल वाले flux, एयर गैप में लैग करेगा हमारे नॉन शैडेड पोल के flux से।

इस प्रकार के flux distribution से एक टॉर्क पैदा होता हैं। जो की डिस्क पर लगता है। परिणामस्वरूप डिस्क घूमता हैं।

Watt hour meter type induction relay :-

इस प्रकार के इंडक्शन रिले की संरचना watt hour meter की तरह होती हैं। यह watt hour meter बेसिकली घरों में, व्यवसाय आदि में पावर को होने वाली खपत को मापता है। और इसी मापन के आधार पर कस्टमर से पैसा लिया जाता है। पावर की खपत को हम यूनिट में मापता है। जिसमे KwH भी कहा जाता है।

इस रिले की संरचना का चित्र आप नीचे देख सकते है।

electromagnetic induction type relay in hindi

इसमें आपको दो इलेक्ट्रोमैगेट दिख रहा होगा। और इन दोनो में φa तथा φb flux को भी दिखाया गया है। इन्ही दोनो eletctromagnet के नीचे में एक डिस्क रखा गया है। जो की घूमने के लिए स्वतंत्र है।
जब हम इन दोनो eletctromagnet पर लगे वाइंडिंग में सप्लाई देते हैं। तो दोनो eletctromagnet इनर्जाइज्ड होते हैं। और एक अल्टरनेटिंग flux पैदा करते हैं। अब इस flux के कारण disk पर भी एक टॉर्क लगता है। क्योंकि ये flux बीच में स्थिति टॉर्क को कटता है। जिससे इसमें खुद का एक emf पैदा होता है। और साथ ही वाइंडिंग शॉर्ट होने कर करना एक करेंट भी पैदा होता है। जिसके कारण इसमें eddy current और खुद के flux के कारण एक टॉर्क पैदा होता है। अब चुकी डिस्क घूमने के लिए स्वतंत्र है। तो वह टॉर्क के कारण घूमने लगता है।

इंडक्शन कप टाइप रिले ( Induction cup type relay):-

इसकी संरचना भी इंडक्शन मोटर के समान होती है। नीचे आपको इंडक्शन। कप टाइप रिले का चित्र दिखाया गया होगा।

electromagnetic induction type relay in hindi

यह इंडक्शन कप रिले निम्न प्रकार के भाग से मिलकर बना होता है।

• स्टेशनरी iron core
• Hollow cylinder type cup
• Electromagnet
• Coil

चित्र में जो आपको स्टेशनरी iron core दिखाया गया है। यह iron core दो पोल चार पोल या इससे अधिक पोल का हो सकता है। इसमें लगे खोखली सिलेंडर कप रोटर का काम करती है। यह सिलेंडर बिल्कुल वैसे ही है जैसे पिछले में डिस्क था। यह खोखली सिलेंडर रोटर को तरह घूमने के लिए स्वतंत्र होता है। अतः यह electromagnet और स्टेशनरी iron core के बीच घूमने के लिए स्वतंत्र होता है।

जब हम सप्लाई देते हैं तो electromagnet, मैगनेटिक फील्ड क्रिएट करता है। और flux पैदा होता है। इस flux की फ्रीक्वेंसी तो समान होती है। लेकिन यह flux अलग अलग कोण पर एक दूसरे से विस्थापित होता है। जैसे की आप इसके चित्र में देख सकते है की इसमें दो पैसे में flux है जो को अलग अलग कोण पर विस्थापित है।

अब इस flux के कारण कॉल इनर्जाइजेड होता है। परिणामस्वरूप iron कोर और गैप में एक रोटेटिंग flux पैदा करता है। इस रोटेटिंग flux के कारण eddy current पैदा होता है। जो की रोटर को सर्कुलेट यानी घूमता है। इस प्रकार खोखली सिलेंडरिकल कप मैगनेटिक फील्ड की दिशा में घूमने लगाता है। जिस प्रकार इंडक्शन मोटर घूमता है। इसके रोटेटिंग भाग में ट्रिप सर्किट लगा होता है। जो घूमने पर ट्रिपिंग कमांड भेजता है। इसके रोटर के spindle में एक कंट्रोल स्प्रिंग लगा होता है। जो रोटर को लगातार घूमने से बचाता है।

इंडक्शन डिस्क रिले के अपेक्षा इंडक्शन कप रिले के लाभ :-

  • इंडक्शन कप रिले में कप का जड़ता इंडक्शन डिस्क रिले के डिस्क से कम होता है।
  • इंडक्शन कप रिले बहुत ही संवेदनशील होता है। क्योंकि इसके टॉर्क और वेट का ratio बहुत ज्यादा होता है, इंडक्शन डिस्क रिले के अपेक्षा।
  • इंडक्शन कप रिले बहुत ही तेज गति से ऑपरेट करने वाला रिले होता है। इसीलिए यह उच्च गति (high speed) के ऑपरेशन के लिए उपयोग किया जाता है।
  • इंडक्शन कप रिले के मैगनेटिक सर्किट में होने वाला लीकेज मिनिमम होता है। यह रोटर के करेंट के पथ में होने वाले प्रतिरोध को भी घटता है।
  • बढ़िया मैग्नेटिक सिस्टम और रोटर का वजन में हल्का होने के कारण इंडक्शन कप रिले volt एम्पियर बर्डन बहुत हद तक कम हो जाता है।
  • इंडक्शन कप रिले में टॉर्क / VA, इंडक्शन डिस्क रिले से तीन गुना होता है।
  • इंडक्शन कप रिले को लीनियर अभिलक्षण के लिए बनाया या प्रयोग किया जाता है। ये रिले अधिक रेंज तथा उच्च औसत के रीसेट से pick value के ऊपर काम करता है।
  • इंडक्शन कप रिले स्थिर, और बिना कंपन वाला टॉर्क पैदा करता है।
  • यह रिले वहा पर ज्यादा सूटेबल होता है जहां पर नॉर्मल और एब्नॉर्मल स्थिति में बहुत ही कल अंतर होता है। जिसको नॉर्मल रिले डिटेक्ट नहीं कर पाता है। अतः चुकी ये इंडक्शन कप रिले ज्यादा सेंसिटिव होता है तो यह कम से कम अंतर को भी आसानी से डिटेक्ट कर लेता है।

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