Types of relay on the basis of distance :-
दोस्तों रिले के प्रकारों (types of Relay in in Hindi) को दूरी के आधार पर निम्न भागों में बटा गया है।
- रिएक्टेंस रीले
- Impedance relay
- Mho relay
अब यदि हमे इन तीनो प्रकार के रिले के बारे के समझना है तो हमे पहले यूनिवर्सल टॉर्क समीकरण के आधार पर समझना होगा।
Universal torque equation:-
सभी रिले के लिए एक टॉर्क समीकरण होता है। इन समीकरण के द्वारा हम इन रिले के गुणों और क्रियाओं को समझते है। अतः वह टॉर्क समीकरण निम्न है।
Universal torque equation
T = K1I2 + K2V2 + KVI cos (θ-τ) + K4
जहां पर K1, K2, K3, तथा K4 नियत (constant) है।
K4 स्प्रिंग के लिए है।
K1 धारा के लिए है।
K2 वोल्टेज के लिए है।
तथा K3 VI cos (θ – τ) यह डायरेक्शनल यूनिट है मतलब की यह रिले के दिशात्मक गुणों को प्रदर्शित करता है।
रिएक्टंस रिले(Reactance relay in Hindi):-
Reactance relay को हम शॉर्ट ट्रांसमिशन लाइन में इस्तेमाल करते हैं। अगर हम रिएक्टन रिले के गुण धर्मो को समझे तो यूनिवर्सल टॉर्क समीकरण के अनुसार यदि हम इस समीकरण में K1 को पॉजिटिव तथा K3 को नेगेटिव और K4 को जीरो रखते हैं तो हम देखते हैं कि –

अतः इसमें आप देख सकते है कि K3 VI cos (θ-τ) नेगेटिव है तो यह restraining torque हुआ। जबकि K1 I2 positive है तो यह रिले का ऑपरेटिंग टॉर्क हुआ। अतः हम कह सकते है कि यह Reactance रिले करंट ऑपरेटेड, डायरेक्शनल restrain रिले है।
मतलब की यहां पर डायरेक्शनल restrain रिले का मतलब है कि यह रिले non directional relay है। यह रिले short transmission line में सामान्यत earth protection के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अब आप इसमें दिए गए गणितीय सूत्र के अनुसार देख सकते है कि

इसमें τ अधिकतम टॉर्क एंगल है। तथा θ वोल्टेज फेज और करंट फेज के बीच का एंगल है। इस गणितीय सूत्र के अनुसार रिले तभी ऑपरेट करेगा जब

बॉक्स में घेरा गया स्थिति ही रिले के ऑपरेट होने की स्थिति है।
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Relay in Hindi | रिले क्या होता और यह कैसे काम करता है
Types of relay in Hindi | ऑपरेशन के आधार पर रिले के प्रकार
Impedance relay in Hindi:-
यह रिले मीडियम ट्रांसमिशन लाइन के लिए उपयोग किया जाता है। अगर इसका यूनिवर्सल टॉर्क के अनुसार गणना करे तो हम देखते है कि

अब इस रिले के characteristics को डिफाइन करने के लिए K1 को पॉजिटिव, K2 नेगेटिव तथा K3 तथा K4 को जीरो रखेंगे। तब हमारा समीकरण

अब इसमें आप इस सूत्र को देख सकते हैं कि यह करंट ऑपरेटेड वोल्टेज restrain relay कहलाता है।
K1 I2 = operating torque
K2 V2 = Restraining torque (विरोधी टॉर्क)
जब T = 0 = K1 I2 – K2 V2
K1 I2 = K2V2
तो इसीलिए रिले ऑपरेट करने के स्थिति में तो होगा। लेकिन ऑपरेट नही करेगा। अब जब K1 I2 > K2 V2
तब स्थित में रिले ऑपरेट करेगा। इसका पूरा गणितीय विश्लेषण आप नीचे चित्र में देख सकते हैं।

Mho relay in Hindi:-
बेसिकली Mho relay को long transmission line में इस्तेमाल किया जाता है। Mho relay एक डायरेक्शनल रिले है। यह relay voltage restrain, directional relay कहलाता है.
अगर हमे Mho Relay के गुणों को समझना है तो हमे यूनिवर्सल टॉर्क इक्वेशन से समझेंगे।
