परिचय (introduction):-
सिंगल फेज मोटर में बहुत प्रकार के मोटर पाए जाते हैं। जिसमें से सार्वत्रिक मोटर (Universal motor in hindi) भी एक है। यूनिवर्सल मोटर का उपयोग सभी सिंगल फेज मोटर में से सबसे ज्यादा और महत्वपूर्ण है। अतः हम आज के इस पोस्ट में यूनिवर्सल मोटर के बारे में विस्तार से समझेंगे।
यूनिवर्सल मोटर क्या है (Universal motor in Hindi):-
यूनिवर्सल मोटर एक ऐसा मोटर है जो AC तथा DC दोनो प्रकार के पावर सप्लाई पर चलाया जा सकता है। यही कारण है को इसे यूनिवर्सल मोटर कहा जाय है। यह मोटर सामान्य रूप से एक डीसी सीरीज मोटर ही होती है। लेकिन इसे एसी सप्लाई पर कार्य करने हेतु इसकी संरचना में थोड़ा सा मॉडिफिकेशन कर देते हैं। जिसके कारण यह AC सप्लाई पर भी चलने लगता है।
अतः इस मोटर को एसी सीरीज मोटर भी कहा जाता है। यूनिवर्सल मोटर कम हॉर्स पावर के लिए डिजाइन की जाती है। अतः यह भी ‘फ्रेक्शनल हॉर्स पावर मोटर’ के अंतर्गत आता है।
क्योंकि हम जान चुके हैं कि यह सामान्य सामान्यतः डीसी सीरीज मोटर ही है तो हम जानते हैं कि डीसी सीरीज मोटर का प्रारंभिक बल आघूर्ण बहुत अधिक होता है। तथा यह मोटर लोड बढ़ने पर इसके स्पीड में बदलाव भी ज्यादा होता है। डीसी सीरीज को नो लोड पर नहीं चलाया जाता है। क्योंकि यह no-load की स्थिति में इसकी स्पीड काफी ज्यादा हो जाती है।

यूनिवर्सल मोटर का भी स्थिति बिल्कुल ऐसे ही होती है। इस मोटर को भी लोड के साथ ही चालू किया जाता है।
आजकल तो यूनिवर्सल मोटर भी कई प्रकार के आ गए हैं। इनमें से एक, 2 पोल सीरीज वाली यूनिवर्सल मोटर है जो की काफी प्रचलित है। इस प्रकार के मोटर में दो कॉन्सेंट्रिक फील्ड पोल होते हैं। अतः इस प्रकार के मोटर को कंसेंट्रीक पोल टाइप यूनिवर्सल मोटर कहते हैं।
दूसरी प्रकार के यूनिवर्सल मोटर भी होते हैं जिनमें फील्ड कॉइल इलाकों में डिस्ट्रीब्यूटर होती है। तथा यह स्प्लिट्टेड फेज प्रारूप होती है। अतः इसे डिस्ट्रीब्यूटर फील्ड कंपनसेटेड टाइप यूनिवर्सल मोटर कहते हैं।
यूनिवर्सल मोटरों का हॉर्स पावर रेंजर 1/3 HP से लेकर 1/200 HP तक होता है।
यूनिवर्सल मोटर की संरचना (construction of universal motor in Hindi):-
Concentric universal motor में निम्न भाग होते हैं।
- फ्रेम या योक (Frame or yoke)
- क्षेत्र क्रोड (Field core)
- Armature
- End plate
याेक या फ्रेम :-
यह मोटर का सबसे बाहरी भाग होता है। तथा यह लोहे के पत्तियों को लैमिनेटेड करके बनाया जाता है। इससे लैमिनेटेड करने के पीछे का कारण यह है, कि पतियों को लैमिनेटेड करने से मोटर में भंवर धारा हानि (Eddy current loss) कम हो जाता है। मोटर का योक बाहरी मैकेनिकल आघातों से भी मोटर को बचाता है।

फील्ड कोर (field core):-
यह फील्डकोर भी लैमिनेटेड होता है। यह फील्डकोर तथा याेक एक ही लोहे के टुकड़े से बनाया जाता है। जैसा की चित्र में देख सकते हैं।
चित्र
Armature :-
यूनिवर्सल मोटर में armature की संरचना wound type की होती है। तथा इसकी संरचना छोटी दिष्ट धारा मोटर के आर्मेचर के ही समान होती है। इसमें armature भी लैमिनेटेड बनाया जाता है। जिसमें स्लॉट तिरछी कटी होती है। यह स्लॉट तिरछा होने से मोटर में होने वाले हमिंग नॉइस को कम करता है।
सिरा प्लेट (End plate):-
फ्रेम के दोनो सिरों पर लगी रहने वाली प्लेटें सिरा प्लेट कहलाती है। इस प्लेटों के बीच में बेयरिंग लगा रहता है। जिसके सहारे armature का सॉफ्ट घूमता है। यह कुछ कुछ मोटरों पर एक सिरा प्लेट होती है। तथा दूसरी फ्रेम के साथ ही जुड़ी रहती है। प्रायः सामने की सिरा प्लेट पर ब्रश होल्डर लगे रहते है।

नोट :-
कभी कभी हम देखते है कि किसी किसी यूनिवर्सल मोटर में समकारी कुंडली (Conmpansated winding) लगी होती है। आपको बता दे की बड़ी आकर को मोटरो में कंपनसेटेड वाइंडिंग लगी होती है। जबकि छोटे आकार को मोटरों में armature current का मान इतना कम होता है की इससे पावर सप्लाई के पावर फैक्टर पर कोई असर नहीं जाएगा।
यूनिवर्सल मोटर का कार्य सिद्धांत (working principle of universal motor in Hindi):-
जैसा की हमने पहले ही बताया है कि यूनिवर्सल मोटर सामान्य रूप से एक डीसी सीरीज मोटर ही होता है। अतः यूनिवर्सल मोटर का कार्य सिद्धांत भी बिल्कुल डीसी सीरीज मोटर के समान ही होगा।
इसमें जब फील्ड तथा armature को सीरीज में जोड़ कर सप्लाई दिया जाता है, तो फील्ड करंट के कारण उत्पन्न चुंबकीय बल रेखाएं, armature द्वारा उत्पन्न चुंबकीय बल रेखाओं से प्रतिक्रिया करता है। तथा armature घूमने लगता है।
यह उपर्युक्त वर्णन AC तथा DC दोनो प्रकार के सप्लाई के लिए उपयुक्त होता है।
यूनिवर्सल मोटर का स्पीड – लोड ग्राफ (speed load characteristics fo universal motor):-
जैसा की हम डीसी सीरीज मोटर का गुण हम जानते है कि जब dc series motor को नो लोड पर ले जाते है तो उसकी स्पीड अत्यधिक बढ़ जाती है। और जब लोड लगाते हैं , तो उसकी स्पीड कम हो जाती है। कभी कभी तो इसका नो लोड पर स्पीड 20000 rpm तक हो जाता है।
अगर वास्तव में कहा जाए तो अन्य लोड पर इसकी स्पीड सिर्फ वायु घर्षण के कारण ही सीमित है अन्यथा इसकी स्पीड भी असीमित होती। अतः इस हिसाब से ग्राफ निम्न प्रकार बनेगा।

यूनिवर्सल मोटर के घुमने की दिशा को बदलना (how to change the rotation of universal motor):-
यूनिवर्सल मोटर में कंसंट्रिक्स पोल टाइप यूनिवर्सल मोटर की घूमने की दिशा को चेंज करने के लिए हम armature या फील्ड वाइंडिंग दोनों में से किसी एक की धारा की दिशा को विपरीत करके बदला जा सकता है। इसके लिए प्रायः ब्रूस होल्डरों के तारों के संयोजन को पलट देते हैं। जिससे घूमने की दिशा बदल जाती है।
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यूनिवर्सल मोटर की गति (speed control in universal motor):-
हम जानते हैं कि यूनिवर्सल मोटर कार नो लोड पर स्पीड और नियमित तरीके से बढ़ता है। अतः इसकी गति नियंत्रण करना काफी महत्वपूर्ण होता है। अतः मोटर की गति नियंत्रण निम्न तरीके से की जा सकती है।
- प्रतिरोध विधि (Resistance method)
- टैप्ड फील्ड विधि (Tapped filed method)
- अपकेंद्री यंत्र विधि (centrifugal mechanism method)
प्रतिरोध विधि (Resistance method):-
इस प्रतिरोध विधि में फील्ड वाइंडिंग के पार्श्व में एक वेरिएबल प्रतिरोध लगाते हैं। जिनके प्रतिरोध परिवर्तन से इसकी गति में भी बदलाव होता है। इस प्रकार का नियंत्रण विधि सिलाई मशीन में प्रयोग होने वाले यूनिवर्सल मोटर के साथ की जाती है।

टैप्ड फील्ड विधि (Tapped filed method):-
इस विधि में फील्ड वाइंडिंग में टाइपिंग सिस्टम लगाकर फील्ड की सामर्थ्य को परिवर्तित करके गति नियंत्रण करते हैं। इसमें फील्ड पोल के ऊपर नाइक्रोम तार को कुंडलित कर लिया जाता है। तथा tapped सिरो को इस तार के बाहर निकाल लेते हैं।

अपकेंद्री यंत्र विधि (centrifugal mechanism method): –
आप इस सेंट्रीफ्यूगल यंत्र का डायग्राम नीचे चित्र में देख सकते हैं। जब हम यूनिवर्सल मोटर को किसी घरेलू मिक्सी या ग्राइंडर में लगाते हैं तो इस स्थिति में हमें कई प्रकार के गति पर चलाने की जरूरत होती है। अतः आप देख सकते हैं कि एक सेंट्रीफुगल यंत्र मोटर के अंदर लगाया गया है यह यंत्र मोटर के अंदर लगा होता है तथा इसे बाहर से एक लीवर द्वारा एडजस्ट किया जाता है। इसमें यदि मोटर की गति लीवर द्वारा सेट किए गए गति से ज्यादा बढ़ता है तो सेंट्रीफ्यूगल यंत्र दोनों संपर्कों को खोल देती है। जिससे प्रतिरोध, सप्लाई और मोटर के बीच जुड़ जाता है। जिसे मोटर की गति धीमी हो जाती है। लेकिन जब मोटर की स्पीड धीमी होती है तो यह दोनों संपर्क फिर से जुड़ जाते हैं। जिससे प्रतिरोध फिर शॉर्ट सर्किट हो जाता है।

इसमें आप देख सकते हैं कि इस यंत्र में प्रतिरोध के साथ-साथ एक संधारित्र भी लगा होता है। संधारित्र के लगाने से फायदा यह होता है कि दोनों संपर्कों के खुलने तथा बंद होने के समय जो स्पार्किंग होती है उसे यह संधारित्र कम कर देता है।
यूनिवर्सल मोटर का उपयोग (Uses of universal motor in Hindi):-
यूनिवर्सल मोटर की लोकप्रियता ज्यादातर घरेलू उपकरणों में है। इसका उपयोग निम्न प्रकार से घरेलू उपकरणों में किया जाता है।
- सिलाई मशीन
- मिक्सी
- Grinder
- जूसर
- टेबल फैन
- Hair dryer etc.
इसके साथ साथ यूनिवर्सल मोटर का उपयोग पोर्टेबल ड्रिल में भी किया जाता है।
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