Transformer on load with resistance and leakage reactance:-
चित्र में दिखाया गया Transformer on load with resistance भी दिखाया गया गया है। ट्रांसफार्मर की या स्थिति वास्तविक स्थिति को दर्शाता है। मतलब की प्रत्येक ट्रांसफार्मर की स्थिति यही होती है।

इस चित्र में प्राइमरी वाइंडिंग में R1 तथा reactance X1 को दिखाया गया है। अतः इसमें वोल्टेज ड्रॉप होगा। जिससे प्राइमरी में उत्पन्न emf E1 होगा जो को प्राइमरी वोल्टेज V1 से कम होगा। इसी प्रकार सेकंडरी साइड में R2 तथा X2 होगा। जिसमे वोल्टेज ड्रॉप होगा।
इस वोल्टेज ड्रॉप के कारण सेकंडरी साइड का वोल्टेज V2 सेकंडरी में उत्पन्न emf, E2 से कम होगा।
अब चुकी लोड सामान्यतः inductive होता है। अतः लोड के कारण सेकंडरी में धारा I2 प्रवाहित होगी। चुकी लोड inductive है तो धारा I2, वोल्टेज V2 से φ2 लैग करेगी।
अब प्राइमरी करंट I1 को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
पहला घटक:-
I0 धारा है जो कि प्राइमरी में आयरन तथा थोड़े बहुत कॉपर हानि के कारण उत्पन्न होती है।
दूसरा घटक:-
I’2 सेकंडरी में उत्पन्न धारा I2 से demagnetising इफेक्ट को काम करने के लिए उत्पन्न होती है। और यह I2 धारा के विपरीत होती है। अतः
N1 I’2 = N2 I2
या
I’2 = (N2/N1) I2 = K I2
अतः कुल प्राइमरी करंट I1, I’2 तथा I0 का फेजर सम् होगा।
I1 = I’2 + I0
V1 = -E1 + I1 (R1+ JX1)
= -E1 + I1 Z1
V2 = E2 – I2 (R2 + JX2)
= E2 – I2 Z2
Phaser diagram:-

चित्र में फेजर डायग्राम को दिखाया गया है। इसमें E1 तथा E2 mutual flux φ से 90° लैग करेगा। इसमें सप्लाई वोल्टेज V1 का काउंटर emf -E1 होगा जो E1 के ठीक विपरीत होगा।
अतः हम -E1 वाले ग्राफ I1 R1 को जोड़ेंगे जो I1 के फेस में है तो I1 वाले ग्राफ से समांतर में -E1 से एक ग्राफ खींचेंगे।
अब चुकी I1 और X1 का ग्राफ I1 से 90° आगे है, तो I1 R1 वाले ग्राफ से 90° अंश का कोण बनाते हुए। एक लाइन खींचेंगे।
अब -E1 से चित्रानुसार I1 X1 वाले लाइन तक मिला देंगे। और अंत में इन दोनों के मिले हुए प्वाइंट से एक रेखा O बिंदु तक ले जाकर मिला देंगे। और यही रेखा V1 वोल्टेज होगा।
इसमें V1 की रेखा E1 से बड़ी होती है। इसी प्रकार चुकी सेकंडरी में E2 > V2 होगा। अतः यह पर substrating होगा। इससे E2 से I1 X1 के बिल्कुल समांतर रेखा खींचेंगे, E2 पर, जो I2 X2 होगा।
अब I2 X2 से I2 X2 से I1 R1 के बिल्कुल समांतर रेखा खींचेंगे जो I2 R2 होगा।
अब इन दोनों रेखाओं को चित्रानुसार मिलाएंगे तो एक समकोण त्रिभुज बनेगा। अब ये मिलाने वाली रेखा I2 Z2 बनेगा ये I2 Z2 तथा I2 R2 के मिलान बिंदु से एक रेखा O बिंदु पर मिला देंगे जो सेकंडरी वोल्टेज V2 होगा।
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