Transformer on load: In hindi

Practical transformer on load:

Transformer on load की स्थिति दो प्रकार की हो सकती है।

1. एक ऐसा ट्रांसफार्मर माना जाए जिसमे कोई वाइंडिंग प्रतिरोध (resistance) तथा लीकेज flux ना हो।

2. दूसरी स्थिति में ट्रांसफार्मर में वाइंडिंग प्रतिरोध के साथ साथ लीकेज flux भी हो।

पहली परिस्थिति:जब ट्रांसफार्मर में वाइंडिंग प्रतिरोध और लीकेज flux न माना जाए:-

Transformer on load का डायग्राम चित्र में दिखाया गया है। जिसे एक लोड जोड़ा गया है जो को इडक्टिव (inductive) लोड है। और चित्र में ट्रांसफार्मर की leakage flux और वाइंडिंग की प्रतिरोध को इग्नोर किया गया है। अतः जब वाइंडिंग की लीकेज reactance और प्रतिरोध को इग्नोर किया जाता है। तो इसमें V2 = E2 होगा।

अब चुकी लोड इंडक्टिव है तो धारा I2 होगी जो V2 वोल्टेज से φ2 डिग्री लैग करेगी। जैसा कि ग्राफ में दिखाया गया है। अब रही बात I1 धारा की जो कि दो घटकों में बटी है।

Transformer on load
Transformer on load

• पहला घटक:-

पहला घटक I0 है जो नो लोड करंट है। यह धारा आयरन हानि और थोड़ा बहुत कॉपर हानि के कारण उत्पन्न होती है।

• दूसरा घटक:-

यहां वह घटक है जो सेकंडरी में बह रही धारा I2 के demagnetising इफेक्ट को काम करने के लिए पैदा हुई है जो को I2 धारा के बिल्कुल विपरीत है। जैसा कि फेजर डायग्राम में दिखाया गया है। और यह धारा I’2होगी।

Transformer on load
Phaser diagram

अब इन दोनों घटकों का फेजर सम् (phaser sum) ही प्राइमरी में धारा I1 होगी। अब चुकी हम जानते है कि I0 धारा बहुत ही काम होती है तो इसे इग्नोर करने पर –

N1 I’2 = N2 I2 होगा।

या

I’2= (N2/N1) I2

या

I’2 = K I2 ……….(a)

चुकी कुल प्राइमरी धारा I1, I’2 तथा I0 का फेजर सम् है। अतः

I1 = I’2 + I0

अब समीकरण (a) से –

I1 = K I2 + I0

फेजर डायग्राम खींचना:-

Transformer on load
Phaser diagram

चुकी सप्लाई वोल्टेज V1 के कारण flux पैदा हुई है तो flux φ, V1 से 90° लैग करेगा। और चुकी पैदा हुई flux के कारण E1 तथा E2 emf पैदा हुआ है। तो यह E1 तथा E2 दोनों एक ही कला में होंगे और flux φ वाले ग्राफ से 90° लैग करेगा।

अब जब I0 जो नो लोड करंट है वह सप्लाई वोल्टेज के कारण उत्पन्न हुई है तो I0, V1 सप्लाई वोल्टेज से φ0° अंश से लैग करेगी।

I2′ का ग्राफ खींचना:-

चुकी या सेकंडरी में धारा I2 के demagnetising इफेक्ट को I2 धारा प्रवाहित होती है। अतः I’2 धारा का ग्राफ I2 धारा के विपरीत यानी कि 180° पर खींचा जाएगा। और इन दोनों धाराओं I’2 और I0 का फेजर सम् I1 होगा।

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दूसरी स्थिति में ट्रांसफार्मर में वाइंडिंग प्रतिरोध के साथ साथ लीकेज flux भी हो।

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