star delta connection in Hindi | स्टार डेल्टा कनेक्शन कैसे करें

परिचय

दोस्त अगर आपको किसी थ्री फेज मोटर का कनेक्शन करना है तो इसके लिए आपको स्टार कनेक्शन और डेल्टा कनेक्शन (star delta connection in Hindi) के बारे में जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि हमारे थ्री फेज मोटर का कुल 6 टर्मिनल बाहर निकले होते है। और इन्ही 6 टर्मिनल से हमे स्टार और डेल्टा कनेक्शन बनाना होता है।

स्टार डेल्टा कनेक्शन क्या है (star delta connection in Hindi)

दोस्तों हमारे थ्री फेज इलेक्ट्रिकल सिस्टम में दो प्रकार के कनेक्शन होते हैं जो निम्न है ।

1. स्टार कनेक्शन (star connection)
2. डेल्टा कनेक्शन (delta connection)

स्टार कनेक्शन  (Star connection in Hindi)

मान लीजिए कि हमारे पास तीन फेज है। जैसे कि चित्र में दिखाया गया हैं अब इन तीनो फेस के पास दो दो सिरा है।

star delta connection in Hindi

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अब मान लीजिए की यदि हम इन तीनो फेस के एक साइड के सिरों को एक दूसरे से शॉर्ट कर दें तो इस स्थिति में हमे एक तरफ तीन टर्मिनल प्राप्त होगा। वही तीन टर्मिनल R, Y, और B फेज हैं। और दूसरा सिरा जिसको हमने शॉर्ट करा है वह  सिर्फ एक सिरा बन जायेगा जिसे हम न्यूट्रल टर्मिनल कहेंगे। इसी प्रकार के कनेक्शन को हम स्टार कनेक्शन (star connection in Hindi) कहते हैं। इस प्रकार स्टार कनेक्शन में हमारे पास तीनो फेस वायर के साथ साथ  न्यूट्रल टर्मिनल भी मिलता है।

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star delta connection in Hindi
Star connection

डेल्टा कनेक्शन क्या होता है? ( Delta connection in Hindi)

अब हम मान लेते है की ये तीनो फेस जो नीचे दिखाए गए है। चित्र के अनुसार जोड़ दें तो यह पर कनेक्शन डेल्टा कनेक्शन बन जायेगा। इस प्रकार जोड़े गए कनेक्शन से हमारे एक वायर में दो फेज जाता है। अतः यही कारण है कि डेल्टा कनेक्शन में 440 वोल्ट की सप्लाई जाती है। लेकिन वही स्टार कनेक्शन में सिर्फ 220 वोल्ट की सप्लाई जाती है। क्योंकि इसमें सिर्फ एक फेस जाता है।

star delta connection in Hindi
Delta connection

मोटर में स्टार डेल्टा कनेक्शन (star delta connection in motor)

जब आप थ्री फेज मोटर को देखेंगे तो आपको इसके कूल छः टर्मिनल मिलेंगे। अतः अगर आप इसके इंटरनल वाइंडिंग स्ट्रक्चर को देखे तो आपको मिलेगा की इसमें कुल तीन वाइंडिंग है। जिसमे से प्रत्येक वाइंडिंग का दो सिरा होगा। अतः तीनो वाइंडिंग का कुल छः सिरा होगा। और वही छः सिरे बाहर टर्मिनल के रूप में निकले रहते हैं। अब हम इन्ही छः टर्मिनल के द्वारा मोटर को कभी डेल्टा कनेक्शन पर चलाते है तो कभी स्टार कनेक्शन करके के चलाते हैं।

star delta connection in Hindi

मोटर में टर्मिनल की स्थिति (motor terminal for star delta connection in Hindi)

अधिकतर अगर आप मोटर को देखेंगे तो आपको इन छः टर्मिनलों के स्क्वेंस कुछ इस प्रकार दिखेगा। जिसमे नीचे के टर्मिनल तो u1, v1 और w1 है। जो की एक स्क्वैंस में है। और ये तीनो टर्मिनल क्रमशः u, v तथा w फेज के एक सिरा है। और दूसरा सिरा u2, v2, और w2 है।  लेकिन ऊपर के टर्मिनल में देखेंगे तो सामान्यत आपके अनुसार ऊपर भी u2, v2 तथा w2 के स्क्वेंस में होना चाइए। लेकिन ऐसा नहीं है ऊपर वाले में आपको पहले w2 दिखेगा उसके बाद u2 और v2 दिखेगा। मोटर में ऐसा इसीलिए किया जाता है। ताकि यदि हमे मोटर को डेल्टा में चलाना है तो हम आसानी से ऊपर नीचे के टर्मिनल को एक मेटल की पत्ती से शॉर्ट कर देंगे तो मोटर का कनेक्शन डेल्टा में हो जायेगा। जैसा की चित्र में देख सकते है।

three phase motor terminals

मोटर में स्टार कनेक्शन

अब हम चुकी मोटर में सारे टर्मिनल की स्थिति को देख लिए है। तो अब देखते है हम कैसे मोटर को स्टार में कनेक्ट करेंगे। इसके हम सिंपल सा एक काम करेंगे की मोटर के ऊपर वाले तीनो टर्मिनल को एक दूसरे से शॉर्ट कर देंगे। जिससे कि हमारे पास कूल चार टर्मिनल मिलेंगे। जैसे को नीचे के तीन टर्मिनल R, Y तथा B फेज कहलाएंगे। तथा जो हमने शॉर्ट किया है उसको एक टर्मिनल मान लेंगे। जिसे हम न्यूट्रल टर्मिनल मानेंगे। इस प्रकार हमने देखा की स्टार कनेक्शन में हमे तीनो फेस के साथ न्यूट्रल टर्मिनल भी मिलता है।

star connection in motor

मोटर में डेल्टा कनेक्शन

अब जब हमे मोटर को डेल्टा कनेक्शन में चलाने की जरूरत पड़ती है। तो हम बेसिकली ऊपर के एक टर्मिनल को उसके नीचे के टर्मिनल से शॉर्ट कर देते है। जैसे की u1 टर्मिनल को w2 टर्मिनल से और v1 को u2 टर्मिनल से और w1 को v2 टर्मिनल से शॉर्ट कर देंगे। ऐसा करने से हमारा डेल्टा कनेक्शन कंप्लीट हो जाता है। क्योंकि इससे वाइंडिंग में 440 वोल्ट सप्लाई आ जाती है।

delta connection in motor

मोटर में कब स्टार कनेक्शन और का डेल्टा कनेक्शन करते हैं

दोस्तों चुकी मोटर में जैसे चाहे वैसे ही हम कनेक्शन (star delta connection in Hindi) कर सकते हैं। लेकिन हमे मोटर में यह ध्यान देना होता है कि मोटर हमारा कितने परसेंट लोड पर चल रहा है। मोटर को डेल्टा कनेक्शन में तभी कनेक्ट करना चाइए जब मोटर को 50 से 70% लोड पर चलाना हो। यदि मोटर को सिर्फ 20 से 25% लोड पर ही रन कराना है, तो उसे हम स्टार में कनेक्शन करना चाइए ।

यदि हम मोटर को सिर्फ 20 से 25 % लोड पर ही चला रहे हैं। और मोटर को हम डेल्टा में जोड़ रखे है। तो इससे मोटर में ज्यादा लॉस बढ़ता है। और मोटर की एफिशिएंसी (efficiency) कम हो जाती है। और मोटर की लाइफ भी प्रभावित होती है।

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