Squirrel cage induction motor in Hindi | स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर की सरचना

परिचय:-

जैसा कि आप जानते हैं कि इंडक्शन मोटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। इसमें पहला स्क्विरेल केज इंडक्शन मोटर तथा दूसरा स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर होता है या स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर को वाउंड रोटर टाइप इंडक्शन मोटर भी करते हैं। तो आज किस पोस्ट में हम स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर (squirrel cage induction motor in Hindi) की संरचना प्रकार तथा उपयोग को भी समझेंगे।

स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर (squirrel cage induction motor in Hindi):-

चुकी इंडक्शन मोटर के प्रकारों के नाम मोटर के रोटर की संरचना के आधार पर रखा जाता है। अतः इस इंडक्शन मोटर में रोटर की संरचना गिलहरी के पिजड़े के समान होती है। अतः इसे स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर कहते हैं।

स्क्वायरल केज इंडक्शन मोटर की संरचना: –

सामान्यत सभी प्रकार की इंडक्शन मोटर के स्टेटर की संरचना लगभग समान ही होती है। लेकिन इसके रोटर की संरचना अलग-अलग होती है। इस मोटर में रोटर का स्क्विरल केज टाइप रोटर का इस्तेमाल होता है। इस रोटर में सिलिकॉन इस्पात की लैमिनेटेड गोल पत्तियों को आपस में संगठित करके सॉफ्ट पर उचित तरीके से कस दिया जाता है। जैसे स्टेटर की पत्तियों को लैमिनेटेड किया जाता है वैसे ही इनकी पतियों को भी लैमिनेटेड बनाया जाता है। इसकी पत्तियों पर वार्निश की एक पर चढ़ाकर इंसुलेटेड कर दिया जाता है।

Squirrel cage induction motor in Hindi

इस प्रकार के रोटर पर खांचे भी कांटे होते हैं। इन खांचों में एलुमिनियम या तांबा में के छड़ों को डाला जाता है। इन छड़ों के दोनों सिरों को ताबे या एलुमिनियम के बने मोटी पत्ती के रिंग से शॉर्ट सर्किट कर दिया जाता है। यह तांबे या एलुमिनियम के छड़ रोटर में वाइंडिंग का कार्य करती है। जो कि पहले से शॉर्ट सर्किट होती है।

इस ओवरऑल रोटर की आकृति अगर हम देखें तो एक गिलहरी के छोटे पिंजरे के समान होती है। अतः इसे स्क्विरल केज टाइप रोटर कहते हैं। तथा जिस मोटर में यह इस्तेमाल होता है उसे स्क्वायर केज इंडक्शन मोटर (Squirrel cage induction motor in Hindi) कहते हैं।

आधुनिक समय का स्क्वायरल केज इंडक्शन मोटर: –

आजकल के समय का स्क्वायरल केज इंडक्शन मोटर के रोटर में थोड़ा सा परिवर्तन होता है। या थोड़ा सा मॉडिफाइड होता है। आजकल के रोटरों में सेंट्रीफ्यूगल die-casting विधि द्वारा मशीनों में रोटर क्रोड में रोटर छड़ों को शॉर्ट सर्किट करने वाला एंड रिंग में ही फैन ब्लेड को भी लगाया जाता है। जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं

इसमें लगा एंड प्लेट शॉर्ट सर्किट रिंग का कार्य करते हैं। रोटर में जो स्लॉट कटे होते हैं यह खांचे सामान्यता तिरछा बनाए जाते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि ऐसा करने से मोटर में उत्पन्न होने वाली हमिंग नॉइस कम हो जाती है। और स्लॉट तिरछा होने से स्लोटों में पड़ने वाले जो छड होते हैं उनकी लंबाई भी बढ़ जाती है जिससे रोटर का प्रतिरोध बढ़ जाता है। जिससे मोटर कटार कभी बढ़ जाता है।

इससे मोटर के बल आघूर्ण के लिए स्लिप बढ़ जाती है और उससे मशीन की impedance बढ़ जाती है।

बड़ी मशीनों में कूलिंग के लिए मोटर के रोटर के समांतर में वेंटिलेटिंग पाइप लगाए जाते हैं जो मशीनों में होने वाले हीटिंग को नियंत्रित करता है।

इस प्रकार के मोटर के रोटर का प्रतिरोध अपेक्षाकृत कम होने के कारण स्क्वायरल केज मोटर का पावर फैक्टर बहुत कम होती है। और इसका प्रारंभिक बल आघूर्ण भी कम होता है इसलिए इस मोटर को ऑन लोड की स्थिति में नहीं चलाया जाता है। और चुकी इस रोटर में तांबे एलमुनियम के छड़ों के दोनों सिरों को आपस में शॉर्ट सर्किट होती है। अतः हम बाहर से कोई और प्रतिरोध भी नहीं दे सकते हैं।

Double squirrel cage rotor:-

क्योंकि हम पिछले वर्णन में देख चुके हैं कि सिंगल स्क्वायरल केज रोटर की प्रारंभिक बल आघूर्ण बहुत कम होती है। तो इन्हीं सब कमियों को दूर करने के उद्देश्य से हम डबल स्क्वायरल केज रोटर बनाते हैं।

इस प्रकार के रोटर का चित्र आपको नीचे देख सकते हैं।

इस प्रकार के रोटर का अंदर की तरफ वाले गोलाई परिधि में क्लोज्ड स्लॉट कटी होती है। तथा बाहर की तरफ वाले यानी बाहरी परिधि में सेमी क्लोज्ड स्लॉट कटे होते हैं।

अंदर की तरफ वाले क्लोज स्लॉट में कम प्रतिरोध वाले धातु के छड़ जैसे तांबे के छड़ को लगाया जाता है। तथा इन छड़ों को दोनों सिरों से शार्ट सर्किट कर दिया जाता है। शार्ट सर्किट के लिए उसी धातु के एंड रिंग का इस्तेमाल किया जाता है।

अब रोटर के बाहरी परिधि वाले अर्ध खांचे में अधिक प्रतिरोध वाले धातु जैसे पीतल के क्षणों को डालकर उनके दोनों सिरों को शॉर्ट सर्किट कर दिया जाता है। इसमें भी शार्ट सर्किट के लिए उसी धातु (पीतल) के एंड रिंग का इस्तेमाल किया जाता है।

क्योंकि इस मोटर में डबल स्क्वायरल केज वाइंडिंग होती है अतः यह डबल स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर कहलाती है। इस मोटर में बल आघूर्ण सिंगल स्क्वायरल केज इंडक्शन मोटर की अपेक्षा अधिक होती है।

इसमें शुरुआत में अधिक बल आघूर्ण की आवश्यकता होती हैअतः यह शुरू में इसके रोटर का बाहरी परिधि वाला पिजड़ा जो कि अधिक प्रतिरोध वाला होता है वह कार्य करता है। लेकिन जब मोटर अपनी फुल स्पीड पर होती है तो उस समय अंदर वाले पिजड़ा जो कि कम प्रतिरोध का होता है कार्य करता है।

Leave a comment