परिचय (Introduction to Sf6 circuit breaker)
पावर लाइन की सुरक्षा के लिए सर्किट ब्रेकर एक बहुत ही महत्वपूर्ण यंत्र है। जो दोष स्थिति में पावर लाइन को सुरक्षा प्रदान करता है। अतः हमने अलग अलग वातावरण और स्थिति के अनुसार अलग-अलग प्रकार के सर्किट ब्रेकर को विकसित किया है। जिसमें से sf6 सर्किट ब्रेकर (Sf6 Circuit breaker in hindi) काफी महत्वपूर्ण सर्किट ब्रेकर है। इस पोस्ट में हम इसी सर्किट ब्रेकर के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Sf6 सर्किट ब्रेकर क्या है (Sf6 circuit breaker in Hindi)
Sf6 सर्किट ब्रेकर मेआग को बुझाने के लिए sf6 गैस का उपयोग आर्किग माध्यम के रूप में किया जाता है।
Sf6 गैस का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि यह गैस एक इलेक्ट्रोनेगेटिव गैस है। जो मुक्त इलेक्ट्रॉन को सोख लेता है या उसे उदासीन कर देता है।
इस सर्किट ब्रेकर में जब कांटेक्ट खुलता है, तो गैस को हाई प्रेशर पर दोनों कांटेक्टो के बीच छोड़ा जाता है। चुकी आर्क फ्री इलेक्ट्रॉन के कारण बनता है। इसलिए यह गैस को उन फ्री इलेक्ट्रॉन को सोख लेता है। और आर्क बुझ जाती है।
Sf6 सर्किट ब्रेकर एक काफी प्रभावी सर्किट ब्रेकर माना जाता है। इसीलिए इसे हाई वोल्टेज रेंज में प्रयोग किया जाता है।
Sf6 सर्किट ब्रेकर में Sf6 गैस को एक सिलेंडर में भरा जाता है। इस सिलेंडर का कनेक्शन सर्किट ब्रेकर के इनलेट (Inlet) से कर दिया जाता है। इस सिलेंडर में गैस का प्रेशर 7.0 bar होता है
Sf6 सर्किट ब्रेकर में जब Sf6 गैस का प्रेशर कम होता है तो इसमें एक अलार्म लगा होता है जो काम प्रेशर पर बजने लगता है। जब Sf6 गैस का प्रेशर 5 kg/cm2 पर हो तो सर्किट ब्रेकर लॉकआउट हो जाता है। इसका मतलब यह है कि अब आप सर्किट ब्रेकर को ऑपरेट नहीं करा सकते हैं।
Sf6 गैस की विशेषता (Characteristics of Sf6 gas in hindi)
Sf6 गैस को सर्किट ब्रेकर में प्रयोग करने के पीछे निम्न विशेषताएं होती है।
- Sf6 गैस की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि यह गैस electro-negative गैस होती है जो आर्क बुझाने के लिए आदर्श माना जाता है।
- इस गैस में उपस्थित फ्लोरिन तत्व periodic table का सबसे ऋणात्मक तत्व माना जाता है। यही कारण है कि यह गैस सबसे electronegative होता है।
- इस गैस की डाइलेक्ट्रिक स्ट्रैंथ हवा के अपेक्षा अच्छी होती है।
- यह inner, नॉनटॉक्सिक (non-toxic), नान फ्लेमेबल (non-flamable) और भारी गैस है।
- इसका डाइलेक्ट्रिक स्ट्रैंथ सामान्य ताप पर हवा से 2.5 गुना ज्यादा होता है। इसलिए इसकी आर्क बुझाने की गुण अपेक्षाकृत अच्छी होती है।
- Sf6 गैस में हीट ट्रांसफर करने की विशेषता भी काफी अच्छी होती है।
- 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान पर Sf6 गैस एस, Sf2, S2, F2, S, तथा F में परिवर्तित या डिकंपोज हो जाती है।
- नमी की उपस्थिति में Sf6 गैस सर्किट ब्रेकर के कांटेक्ट मेटल (Contact metal) तथा रबर गास्केट (Rubber Gasket) को क्षति पहुंचा सकती है। अतः हमें सर्किट ब्रेकर में Sf6 गैस को नमी रहित उपयोग करना चाहिए।
- sf6 गैस से भरी एक सिलेंडर की लागत 25000 से 30000 रुपए होता है।
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Sf6 सर्किट ब्रेकर की संरचना (Structure of sf6 circuit breaker in Hindi)
आपको sf6 सर्किट ब्रेकर का सरल डायग्राम दिख रहा होगा। इसमें भी सभी सर्किट ब्रेकर की तरह दो contact, moving contact तथा फिक्स कांटेक्ट (fix contact) होते हैं। वे दोनों कांटेक्ट को एक चेंबर में रखा जाता है। इस चेंबर का Sf6 गैस से भरे सिलेंडर से कनेक्शन होता है।
जब सर्किट ब्रेकर ओपन होता है तो इसमें लगा वाल्व मैकेनिज्म चेंबर में हाई प्रेशर पर उपस्थित गैस को रिलीज कर देता है। और आर्क बुझ जाती है।
इसमें सर्किट ब्रेकर में लगा फिक्स कांटेक्ट खोखला होता है। इस खोखले कांटेक्ट के अंदर Arcing horn लगाया जाता है।
इसमें लगा मूविंग कांटेक्ट भी खोखला होता है। इसके खोखला बनाने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि जब सर्किट ब्रेकर ओपन होता है तो sf6 गैस जो उस चेंबर में खुलता है उस गैस को बाहर निकालने के लिए हम मूविंग कांटेक्ट के जरिए निकालते हैं। आप देख सकते हैं कि इसमें गैस आउटलेट का व्यवस्था मूवी कांटेक्ट के खोखले रास्ते से होकर जाता है।

आप चित्र में देख सकते हैं कि गैस इन लेट (gas inlet) के द्वारा हम गैस को सर्किट ब्रेकर के ओपन होते समय अंदर लेते हैं। और जब आर्क बुझ जाता है तो उसी गैस को मूविंग कांटेक्ट के खोखले होने से उसमें एक गैस आउटलेट (outlet) बनाया गया है जिसके द्वारा गैस को बाहर निकाल लेते हैं।
इस सर्किट ब्रेकर का contact tip यानी ऊपरी सतह वाला हिस्से को copper – tonguston के मिश्र धातु का बनाया जाता है। यह मिश्र धातु आर्क प्रतिरोधी होता है।
Sf6 gas को gas reservoir यानी कि cylinder में सोडा लाइम के (NaoH + Cao) के साथ भरा जाता है। ताकि यह Sf6 गैस आर्किंग चैंबर के सतहों तथा संपर्क सतहों से रिएक्ट होने से बचाया जा सके।
Sf6 सर्किट ब्रेकर का कार्य सिद्धांत (working principle of Sf6 Circuit Breaker in Hindi)
जब Sf6 सर्किट ब्रेकर ओपन होता है तो उस समय ब्रेकर के मूविंग कांटेक्ट, फिक्स कांटेक्ट से अलग होता है। और इसी दौरान दोनों contact के बीच आर्क उत्पन्न होता है।
जैसे ही सर्किट ब्रेकर ओपन होता है। उसी तुल्य समय पर सेट किए गए Sf6 गैस के सिलिंडर का वाल्व खुलता है। और उसी से Sf6 गैस 14 kg/cm² के प्रेशर से आर्क पर अटैक करता है। और आर्क में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉन को अपने नेगेटिव आयन के द्वारा उदासीन कर देता है। इस प्रकार arc बुझ जाती है। यह प्रक्रिया काफी तेजी से होता है।
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Sf6 सर्किट ब्रेकर के लाभ (Advantages of Sf6 Circuit Breaker in Hindi)
अब हम जान चुके हैं की Sf6 गैस आर्क बुझाने में कितना महत्वपूर्ण तथा प्रभावी गैस है। अतः Sf6 सर्किट ब्रेकर का ऑयल सर्किट ब्रेकर तथा एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर के अपेक्षा निम्न लाभ है।
- Sf6 गैस आर्क बुझाने में सबसे प्रभावी होने के कारण इस सर्किट ब्रेकर में arcing time बहुत छोटा होता है।
- Sf6 गैस का हवा के अपेक्षा 2-3 गुना ज्यादा डाइलेक्ट्रिक स्ट्रैंथ होने के कारण यह सर्किट ब्रेकर भारी करंट फ्लो कर रहे सर्किट को भी आसानी से ब्रेक कर देता है।
- Sf6 गैस के नॉन फ्लैमेबल होने से इसमें आग लगने का कोई खतरा नहीं रहता है।
- सर्किट ब्रेकर को बहुत कम मरम्मत की जरूरत पड़ती है।
- Sf6 सर्किट ब्रेकर एक पूर्णतः बंद कवर वाला सर्किट ब्रेकर है जो किसी भी मौसम में आसानी से ऑपरेट कराया जा सकता है।
- यह सर्किट ब्रेकर का ऑपरेशन शोर मुक्त होता है।
- Sf6 सर्किट ब्रेकर का क्लोजिंग टाइम (closing time) 100 – 150 मिली सेकंड होता है। जबकि इसका ट्रिपिंग टाइम 20 – 30 मिली सेकंड होता है।
- Sf6 सर्किट ब्रेकर एयर ब्लास्ट सर्किट ब्रेकर (ABCB) की अपेक्षा जगह कम घेरता है।
- Sf6 सर्किट ब्रेकर को 3.3 KV से 765 kv तक के ट्रांसमिशन वोल्टेज के लिए बनाया जा सकता है।
- Sf6 सर्किट ब्रेकर में करंट चॉपिंग की समस्या कम होती है।
Sf6 सर्किट ब्रेकर की हानियां (Disadvantages of Sf6 Circuit Breaker)
हालाकि की इस सर्किट ब्रेकर में बहुत कम हानियां देखने को मिलती हैं। फिर कुछ हानियां है जो निम्न है।
- सर्किट ब्रेकर में उपयोग होने वाले Sf6 गैस काफी कॉस्टली होती है। अतः इस सर्किट ब्रेकर का ओवरऑल कॉस्ट बढ़ जाता है।
- इस सर्किट ब्रेकर में प्रत्येक ऑपरेशन के बाद जो गैस होता है। उसे फिर से रिस्टोर करने के लिए इसमें अलग से एक रिस्टोरिंग सिस्टम लगाना पड़ता है।
Sf6 सर्किट ब्रेकर के उपयोग (Application of Sf6 Circuit Breaker in hindi)
चुकी इसको हम किसी भी प्रकार के वोल्टेज (low voltage and High voltage) के लिए डिजाइन कर सकते हैं। लेकिन हम इसकी लागत ज्यादा होने के कारण इसे 132 kv के ट्रांसमिशन वोल्टेज के तथा इसके उपर के वोल्टेज के लिए इस्तेमाल करते हैं।
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