परिचय
दोस्तों, इलेक्ट्रिकल के क्षेत्र में प्रतिरोध (Resistance in Hindi) एक ऐसा प्रॉपर्टी है। जिसके बारे में लगभग पूरे समय डिस्कस किया जाता है। बहुत सारी घटनाएं इलेक्ट्रिकल के क्षेत्र में इसी प्रतिरोध के आधार पर घटती है। अतः आज के इस पोस्ट में रेजिस्टेंस के बारे में विस्तार से डिस्कस करेंगे।
प्रतिरोध क्या है? (Resistance in Hindi)
English definition
” The property of a material by virtue of which it opposes the flow of current is called resistance.”

हिंदी परिभाषा
“किसी भी मैटेरियल की वह गुण या प्रॉपर्टी जिसके कारण वह मैटेरियल अपने से विद्युत धारा के बहाने का विरोध करे उसे ही प्रतिरोध कहते हैं।”
दोस्तों इस पृथ्वी पर जितने भी प्रकार के मैटेरियल है उन सब में कुछ न कुछ प्रतिरोध होता हैं। किसी में कम तो किसी में बहुत ज्यादा होता है। मेटल में प्रतिरोध या रेजिस्टेंस सबसे कम होता है। यही कारण है कि हम इलेक्ट्रिक वायर के रूप में कम प्रतिरोध वाला मेटल का इस्तेमाल करते हैं।
यह प्रतिरोध किसी किसी मेटल में कम तो किसी किसी में अपेक्षाकृत ज्यादा होता है। प्रतिरोध का मात्रक Ω (ohm) होता हैं।
प्रतिरोधकता (Resistivity)
किसी भी मैटेरियल में करेंट फ्लो न कराने की गुण को ही प्रतिरोधकता कहते हैं। इसे हम ρ (रो) से प्रदर्शित करते हैं। और इसका मात्रक ओह्म – मीटर (Ω-m ) होता है। प्रतिरोधकता का मतलब ये है कि कोई मेटल किसी निश्चित क्षेत्र में कितने ohm का प्रतिरोध दिखाता हैं। वही प्रतिरोधकता होता हैं। यह एक प्रकार की प्रतिरोध के संदर्भ में क्षमता होती है। जो की हर मैटेरियल के लिए अलग अलग होता है। यह प्रतिरोधकता मटेरियल के तापमान पर भी निर्भर करता है
चालकता (conductivity)
चालकता, प्रतिरोधकता का उल्टा होता है। अतः जिस मैटेरियल की चालकता (conductivity) अधिक होती है। उसकी प्रतिरोधकता काम होती है। कंडक्टिटिवी को ℧ (mho) (ohm का उल्टा) से प्रदर्शित करते हैं।
प्रतिरोध का वर्गीकरण (classification of resistance)
प्रतिरोध को हम निम्न तीन भाग में बांट सकते हैं।
1. Low resistance
2. Medium resistance
3. High resistance
Low resistance
जब किसी मैटेरियल का प्रतिरोध 1 ओह्म से कम है तो वह लो रेजिस्टेंस कहलाता है। उदाहरण के लिए डीसी मोटर के आर्मेचर का प्रतिरोध 0.2 Ω होता है। जो की लो रेजिस्टेंस के कोटेगरी में आता है। लो resistance को मापने के लिए हम kelvin double bridge method का प्रयोग करते हैं।
Medium resistance
जब रेजिस्टेंस 1Ω – 5000Ω हो तो वह मीडियम प्रतिरोध (medium resistance) होता है।
High resistance
5000 Ω से अधिक के सभी रेसिटेंस वाले मैटेरियल हाई resistance के श्रेणी में आते हैं।
किसी मैटेरियल का रेजिस्टेंस (resistance of material)
अब यदि हमे किसी भी मैटेरियल का प्रतिरोध (resistance) ज्ञात करना हो तो उसके लिए एक सूत्र होता है।
R = ρ (l/A)
जहां R मैटेरियल का प्रतिरोध है। ρ मैटेरियल की प्रतिरोधकता है। A मैटेरियल का क्रॉस सेक्शनल एरिया है। और स्मॉल एल (l) मैटेरियल की लंबाई है।