Repulsion induction motor in Hindi | प्रतिकर्षण प्रेरण मोटर के उपयोग

परिचय :-

सिंगल फेज मोटर ओके प्रकार में एक मोटर प्रतिकर्षण प्रेरण मोटर (Repulsion induction motor in hindi) भी है। जो कि एक काफी यूनिक मोटर है। तो आइए इस मोटर के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

प्रतिकर्षण प्रेरण मोटर (Repulsion induction motor in Hindi):-

प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटर सिंगल फेज के वर्गीकरण करने पर जो कमयुटेटर प्रकार के मोटर होते हैं। उसमें से एक प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटर (Repulsion induction motor in hindi) भी होता है।

इसमें एक और मोटर पाया जाता है जिसको हम सिर्फ प्रतिकर्षण मोटर (Repulsion motor)कहते हैं।

अतः इन दोनों प्रतिकर्षण मोटर तथा प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटर रूम को सामान्यतः बाहर से देखने पर इन में अंतर बता पाना काफी कठिन होता है।

प्रतिकर्षण प्रेरण मोटर की आर्मेचर अन्य मोटरों की अपेक्षा कुछ स्पेशल डिजाइन की होती है। इस मोटर की आर्मेचर में रेगुलर बेंडिंग तो होती ही है, इसके साथ-साथ इसमें Squirrel cage टाइप संरचना भी पाई जाती है। Squirrel cage  की संरचना आर्मेचर के खांचों के नीचे होती है। इस आर्मेचर के खांचों में ही रेगुलर बैंडिंग लगाई जाती है। Armature में जो वाइंडिंग होती है वह प्रायः लैप कुंडलिक होती है। ताकि यह अधिक धारा वाहन कर सके। इसका चित्र आप नीचे देख सकते हैं।

Repulsion induction motor in hindi

प्रतिकर्षण मोटर तथा प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटर को पहचाना: –

प्रतिकर्षण मोटर तथा प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटर को निम्न प्रकार की क्रिया करके पहचाना जा सकता है।

यदि हम मोटर को पावर सप्लाई देकर उसे पूर्ण गति तक पहुंचा दें और उसके बाद उस मोटर के सभी ब्रशों को ऊपर उठा दे ताकि मोटर का कमयुटेटर से संपर्क ना रहे तो उस समय भी यदि मोटर अपनी फुल स्पीड पर चलती रहे तो वह मोटर ‘प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटर’ होगी। और यदि मोटर चलना बंद कर देगी तो वह मोटर ‘प्रतिकर्षण मोटर’ होगी।

प्रतिकर्षण प्रेरण मोटर की विशेषताएं (Characteristics of Repulsion induction motor in Hindi):-

सामान्य तौर पर प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटरों को 10 HP तक डिजाइन किया जा सकता है। यह मोटर दोहरी वोल्टता पर भी कार्य करने में सक्षम होती है। चित्र में आप 220 वोल्ट पर तथा 110 वोल्ट दोनों पर चलने वाली मोटरों को देख सकते हैं।

Repulsion induction motor in Hindi

वे प्रतिकर्षण मोटर जो दोहरी वोल्टता पर कार्य करती है। उस टाइप की मोटर, आजकल ज्यादा प्रचलित है। क्योंकि इनका गुण दिष्ट धारा कंपाउंड मोटर की लगभग समान होता है।

इस प्रकार के मोटरों का लाभ है या है कि इसमें सेंट्रीफ्यूगल शॉर्ट सर्किट स्विच की आवश्यकता नहीं होती है। और साथ में इनका प्रारंभिक बल आघूर्ण भी अपेक्षाकृत उच्च होता है।

इसके साथ-साथ इस प्रकार के मोटरों के आर्मेचर में पिंजरे टाइप के संरचना के कारण इसका स्पीड रेगुलेशन भी काफी अच्छा होता है। यानी काफी हद तक स्थिर रहता है।

इस प्रकार के वोटरों में समकारी कुंडलन (Compansated winding) भी लगाई जाती है। जिसके कारण परिपथ का पावर फैक्टर भी सुधरता है।

प्रतिकर्षण प्रेरण मोटर में गति और बल आघूर्ण में संबंध (relation between speed and torque in repulsion induction motor in Hindi):-

जैसा की ऊपर हमने वर्णन किया है कि इसका गुण दिष्ट धारा कंपाउंड मोटर के समान होता है। अतः इसका गति और बल आघूर्ण के बीच संबंध भी लगभग डीसी कंपाउंड मोटर के समान ही होगा। इसके संबंध का ग्राफ नीचे चित्र में दिखाया गया है।

चित्र

प्रतिकर्षण मोटर का उपयोग (uses of repulsion induction motor in Hindi):-

इस मोटर का उपयोग निम्न प्रकार के कामों में किया जाता है।

• घरेलू फ्रिज
• कंप्रेसर
• पंप
• मशीन टूल
• Lift hoist
• मिक्सिंग मशीन इत्यादि

उपरोक्त दिए गए प्रतिकर्षण इंडक्शन मोटर का वर्णन आपको कैसा लगा तथा आपके लिए कितना सहायक रहा। यह हमें कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको इस मोटर से संबंधित कुछ सवाल है तो जरूर पूछें। धन्यवाद।

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