Relay in Hindi | रिले क्या होता और यह कैसे काम करता है

परिचय:-

दोस्तों ट्रांसमिशन लाइन हो या आजकल की कोई भी ऑटोमेटिक और एडजेस्टेबल उपकरण इन सब को ऑटोमेटिक बनाने का काम रिले (Relay in Hindi) और विभिन्न प्रकार के सेंसर करते हैं।

इसके साथ ही इन उपकरणों को किसी भी स्थिति के फाल्ट से बचाने के लिए भी रिले और सेंसर का बहुत ही बड़ा योगदान है। आज पोस्ट में हम रिले को विस्तार पूर्वक समझेंगे। और इसके प्रकारों को भी समझेंगे।

रिले क्या है (relay in Hindi):-

Relay स्विचगियर और प्रोटेक्शन के अंतर्गत आने वाला एक ऐसा यंत्र है जो पावर सिस्टम के असामान्य स्थिति को सेंस करता है। तथा सर्किट ब्रेकर को ट्रिपिंग कमांड भेजता है।

जिससे सर्किट ब्रेकर पावर सिस्टम के उस फाल्ट वाले सेक्शन को हेल्थी सेक्शन से अलग कर देता है। इस प्रकार हमारा पावर सिस्टम लगातार बिना किसी रोक-टोक के चलता रहता है।

Relay in Hindi
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आजकल के आधुनिक ट्रांसमिशन लाइन के सब स्टेशनों को पूरी तरह से रिले (Relay in Hindi) पर निर्भर कर दिया गया है। इसमें रिले फाल्ट सेक्शन को ऑटोमेटिक मेन पावर सिस्टम से अलग कर देता है। और मेन पावर सिस्टम लगातार चलती रहती है। जब जब वह दोष युक्त भाग रिपेयर कर दिया जाता है तो पुनः उसे मेन पावर सिस्टम से जोड़ दिया जाता है।

एक रिले के क्या-क्या गुण होने चाहिए (Fundamental characteristics requirement of relay in Hindi):-

एक रिले को सही तरीके से ऑपरेट करने के लिए क्या-क्या गुण होने चाहिए यह जानना हमें आवश्यक होता है। अतः एक रिले के बेस्ट ऑपरेशन के लिए निम्न गुण होना आवश्यक है।

• Selectivity
• Sensitivity
• Simplicity
• Speed
• Reliability
• Coster economy

Selectivity:-

रिले (Relay in Hindi) का यह गुण बहुत ही आवश्यक गुण हैं। एक रिले के अंदर यह गुण तो होना ही चाहिए कि वह पूरे पावर सिस्टम से  फॉल्ट वाले भाग को चुने और उससे पावर सिस्टम से अलग करें। अतः रिले के अंदर पावर सिस्टम से दोषमुक्त भाग को सेलेक्ट करने और करने के गुण होना अति आवश्यक है।

अन्यथा यह गुण के बिना रिले किसी भी हल्दी वाले भाग को भी सर्किट ब्रेकर द्वारा ट्रिप करा देगा। और जो कि कहीं से भी विश्वसनीयता पर यह खरे नहीं उतरेगा।

Sensitivity:-

एक रिले को अपना कार्य करने के प्रति बहुत ही ज्यादा संवेदनशील होना चाहिए। हमारे कहने का मतलब यह है कि यदि पावर सिस्टम में करंट का मान एक प्री सेट वैल्यू से अधिक होता है, तो रिले के लिए यह धारा का मान पिकअप करंट होता है। और इस स्थिति में रिले को ऑपरेट होना चाहिए। और यदि पिक अप करंट का मान कम हो तो रिले को ऑपरेट नहीं होना चाहिए।

Simplicity:-

एक रिले की सर्किट की डिजाइन सिंपल होना चाहिए। ताकि रिले में फाल्ट आने से उसे जल्दी से जल्दी रिपेयर किया जा सके। रिले का गुण भी रिले के कार्य को प्रभावित करता है।

रिले के डिजाइन सिंपल होने से प्रोडक्शन इंजीनियर द्वारा उसे रिपेयर करने में आसानी होती है। और साथ ही में समय भी कम लगता है।

Speed:-

एक आधुनिक रीले का ऑपरेटिंग टाइम 5 साइकिल से भी कम होना चाहिए। रिले कि ऑपरेटिंग टाइम भी पावर सिस्टम को और मजबूत बनाता है।

Reliability:-

विश्वसनीयता यह एक ऐसा गुण है, जो एक रिले में होना आवश्यक है। क्योंकि यदि एक रिले किसी दोस्त की स्थिति में आप रेट नहीं होता है तो उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजमी है। अतः एक रीले को दोष आने की स्थिति में आप रेट होना अति आवश्यक है। जिससे रिले की विश्वसनीयता बनी रहे।

Economy:-

चुकी रिले पावर सिस्टम में एक प्रोटक्शन डिवाइस के अंतर्गत आता है। अतः भारतीय मानक के अनुसार एक प्रोटक्शन सिस्टम का खर्च पूरी खर्च का 20 परसेंट होना चाहिए।

अतः रिले भी उसी दायरे के बीच होना चाहिए। ऐसा ना हो कि रिले की वजह से खर्च बढ़कर 20 परसेंट से अधिक हो जाए। 

रिले से संबंधित कुछ टर्मिनोलॉजी (Some terminology regarding relay in Hindi):-

अगर हमें रिले को अच्छे से समझना है तो आपको रिले से संबंधित टर्मिनोलॉजी को समझना जरूरी है।

पिक अप करंट (pick up current of relay in Hindi):-

यह एक मिनिमम करंट का मान है पूर्णविराम जिसके ऊपर मान बढ़ने पर रिले ऑपरेट करता है। इसे पिक अप करंट कहते हैं। इसे हम threesold value of current भी कहा जाता है।

Operating current of relay in Hindi:-

यह वह करंट का मान है जिस पर रिले ऑपरेट करता है। और रिले सर्किट ब्रेकर को ट्रिपिंग कमांड देता है। इस करंट कमान पिक अप करंट से अधिक होता है।

Reset current of relay in Hindi:-

यह करंट का वह मान है जिसके कम मान के करंट पर रिले फिर से रीनर्जाइज्ड हो जाता है। और रिले पुनः नॉर्मल पोजीशन में आ जाता है।

Reset time of relay Hindi:-

रिले के ऑपरेट करने के बाद जब रिले पुनः अपने नॉर्मल स्थिति में आता है। तो उसके नॉर्मल स्थिति में जाने में जीतना टाइम लगता है उसे रिसेट टाइम कहते हैं।

Setting of relay in Hindi:-

यह करंट का वह मान है जिस पर रिले ऑपरेट करने के लिए सेट किया जाता है।

ऑपरेटिंग टाइम:-

यह रिले का वह समय है। जितने समय में रिले ऑपरेट करता है। यह समय मिली सेकंड में होता है।

Reach of relay in Hindi:-

रिले कुछ सेटिंग के दौरान एक विशेष रेंज दिया जाता है। ताकि वह रिले उसी रेंज के अंदर आने वाले फाल्ट सेंस करें। और ट्रिपिंग कमांड भेजें। यदि रिले उसी रेंज में रहकर उचित तरीके से काम करता है तो हम उसे रीच कहते हैं।

Over reach of relay:-

अगर रिले दिए गए रेंज से आगे बढ़कर अलग सेक्शन के फाल्ट को सेंस करके ट्रिपिंग कमांड भेजने लगे तो वह रिले का ओवर रीच कहलाता है।

Under reach of relay :-

अगर रिले दिए गए रेंज के अंदर ही फलत को सेंस करने के लिए करने में असफल रहे तो उसे हम अंडर रीच कहते हैं।

रिले के प्रकार (Types of relay in Hindi):-

दोस्तों रिले को परियों के अनुसार बहुत से भागों में बांट सकते हैं।

उनके उपयोग के आधार पर (On the basis of use) :-

उपयोग के आधार पर हम रिले को मुख्यतः दो भागो में बाँट सकते है.

  1. रेगुलर रिले
  2. पॉवर रिले

ऑपरेशन के समय के आधार पर (On the basis of operation time) :-

1. Instantenious relay
2. Definite minumum time relay
3. Differential relay
4. Inverse relay
5. Inverse definite minimum time relay
6. Extremely inverse relay
7. Very inverse relay

दूरी के आधार पर रिले के प्रकार (on the basis of distance):-

इस प्रकार के रिले को डिस्टेंस रिले (Distance relay) भी कहते हैं। यह मुख्यताः तीन प्रकार के होते है।

1. Reactance relay
2. Impedance relay
3. Mho relay

• Reactance relay को short transmission line के लिए उपयोग किया जाता है। यानी कि जो ट्रांसमिशन लाइन 80 km तक का है। उसमे यह रिले इस्तेमाल किया जाता है।
• Impedance relay को medium transmission line के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यानी कि यह रिले 80 – 150 km के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
• Mho relay को long ट्रांसमिशन लाइन के लिए इस्तेमाल किया जात है। यानी की यह रिले 150 km से अधिक दूरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

रिले के आंतरिक संरचना के आधार पर (on the basis of internal structure):-

1. Electromagnetic attraction type relay
2. Electromagnetic induction type relay

अब इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन टाइप रिले में निम्न प्रकार के रिले आते हैं।

1. Shaded pole type relay
2. Watt hour meter type relay
3. Induction cup type relay