Refrigerator in Hindi | फ्रिज की वायरिंग सीखे आसान भाषा में

परिचय:

हम सब ने फ्रिज (refrigerator in Hindi) का नाम तो सुना ही होगा। और लगभग सभी के घर में होता भी होगा। आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम फ्रिज में उपयोग होने वाले मुख्य पार्ट के बारे के जानेंगे। और साथ ही इसके कंपोनेंट की वायरिंग कैसे करते हैं। इसको भी समझेंगे।

रेफ्रिजरेटर क्या है?(Refrigerator in Hindi) :

रेफ्रिजरेटर एक ऐसा उपकरण है जिसके अंदर रखें सभी वस्तुओं को ठंडा करने का काम करता है। इसे हम लोग शॉर्ट में फ्रिज भी कहते हैं। फ्रिज  का काम नॉर्मल वातावरण के टेंपरेचर से कम टेंपरेचर पर किसी वस्तु को रखना है। जब भी हमे कोई भी ऐसी वस्तु जो नॉर्मल टेंपरेचर पर रखने से जल्दी खराब हो जाती है तो उसे यदि हम नॉर्मल टेंपरेचर से कम तापमान पर रखेंगे तो वही पदार्थ ज्यादा दिन तक सही स्थिति में रहता है। अतः यही कारण है कि हम इसे घरों में विभिन्न प्रकार के खाने के वस्तुओं को इसमें रखते है ताकि ये खाने की चीजे जल्दी खराब न हो।

Refrigerator in Hindi

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रेफ्रिजरेटर के मुख्य भाग (main parts of a refrigerator in Hindi):

अगर हम रेफ्रिजरेटर में देखे तो हमे यह सोचते है कि आखिर ये रेफ्रिजरेटर ठंडा कैसे करता हैं। इसमें कैसे कैसे कंपोनेंट लगे है तो ठंडा करने के प्रोसेस को कंप्लीट करता है। अतः इसके प्रोसेस में निम्न प्रकार के कंपोनेंट लगे होते है।

  1. कंप्रेशर (compressor)
  2. स्टार्टिंग & रनिंग रिले
  3. Door switch
  4. थर्मोस्टेट
  5. लाइट
  6. ओवर लोड प्रोटेक्शन (OLP)

कंप्रेशर :

किसी भी रेफ्रिजरेटर का कंप्रेसर एक सबसे महत्वपूर्ण डिवाइस होता है। यह कंप्रेसर रेफ्रिजरेटर के अंदर तापमान को और ज्यादा ठंडा करने का काम करता है। इसी कंप्रेसर को हम अपनी अनुसार विभिन्न प्रकार के कंट्रोलिंग डिवाइस लगाकर रेफ्रिजरेटर के अंदर के तापमान को कंट्रोल करते हैं। यदि आप कंप्रेसर में देखेंगे तो इस कंप्रेसर डिवाइस में 3 टर्मिनल लगे होते हैं। जिसमें से पहला कॉमन टर्मिनल (C), दूसरा स्टार्टिंग टर्मिनल (S) तथा तीसरा रनिंग टर्मिनल (R) होता है।

स्टार्टिंग रनिंग रिले:

यह एक ऐसा रिले है जो फ्रिज (Refrigerator in Hindi) में लगे कंप्रेसर के ऑपरेशन को कंट्रोल करता है। यानी कि यह रिले जब हम फ्रिज को चालू करते हैं तो कंप्रेसर को चालू करने के लिए पहले स्टार्टिंग टर्मिनल से सप्लाई देता है। यानी कि कहने का मतलब यह है कि कंप्रेसर में हमारा दो बाइंडिंग होता है जैसे कि यदि हम सीलिंग फैन में देखेंगे तो एक स्टार्टिंग वाइंडिंग और एक रनिंग वाइंडिंग होता है। उसी प्रकार से इसमें भी स्टार्टिंग वाइंडिंग और रनिंग वाइंडिंग होता है।  तो शुरू में जब कंप्रेसर चालू किया जाता है तो रिले पहले स्टार्टिंग बा वाइंडिंग को सप्लाई देता है उसके साथ ही साथ रनिंग वाइंडिंग को भी सप्लाई देता है। लेकिन जब कंप्रेसर पूरी तरीके से ऑपरेट करने लगता है तो यह रिले कंप्रेसर के स्टार्टिंग वाइंडिंग को सप्लाई देना बंद कर देता है। और कंप्रेशर पूरी तरह से रनिंग विडनिंग पर चलना शुरू कर देता है।

Door switch:

जब आप रेफ्रिजरेटर को खोलते हैं तो रेफ्रिजरेटर के अंदर एक लाइट लगी होती है जो दरवाजे की खुलते ही जल जाती है। तो यह जो सिस्टम होता है यह सिस्टम एक डोर स्विच के द्वारा ऑपरेट कराई जाती है। यानी कि लाइट के जलने और बुझने को एक डोर स्विच के द्वारा कंट्रोल किया जाता है। या डोर स्विच दूर में लगा होता है जो दरवाजा के खुलने पर लाइट को ऑन कर देता है और दरवाजा जब बंद होता है तो लाइट को ऑफ कर देता है।

थर्मोस्टेट:

थर्मोस्टेट एक प्रकार का तापमान सेंस करने वाला डिवाइस होता है। जोकि एडजेस्टेबल होता है। कहने का मतलब यह है कि यदि आप फ्रिज में देखेंगे तो एक तापमान को कंट्रोल करने का स्विच दिया रहता है जिसको हम घुमाकर अपने अनुसार तापमान को कंट्रोल करते हैं। यह जो स्विच होता है यह थर्मोस्टेट का ही स्विच होता है जब हम इस को घुमाते हैं और तापमान को सेट करते हैं तो यह थर्मोस्टेट जब तक उस सेट किए गए तापमान तक ठंडा नहीं कर लेता तब तक कंप्रेसर को चालू रखता है। जब वह सेट किया गया टेंपरेचर, फ्रीज के तापमान से मैच कर जाता है, तो यह थर्मोस्टेट कंप्रेसर को बंद करा देता है। यहां पर कंप्रेसर को बंद कराने का मतलब यह है कि यह थर्मोस्टेट रिले को एक कमांड भेजता है उसके बाद रिले (स्टार्टिंग और रनिंग रिले) कंप्रेसर को बंद करता है। यानी कि हमारी सप्लाई का सबसे पहले कनेक्शन थर्मोस्टेट्स से होता है। उसके बाद थर्मोस्टेट से निकलने वाला टर्मिनल रिले को जाता है। और रिले से निकलने वाला टर्मिनल कंप्रेसर को जाता है।

लाइट :

जो हमारे रेफ्रिजरेटर में दूर खोलने पर लाइट जलती है वही लाइट दूर से इसके द्वारा भी कंट्रोल्ड होती है।

ओवर लोड प्रोटेक्शन:

यह एक प्रकार का protection डिवाइस है जोकि कंप्रेसर को ओवरलोड की स्थिति में प्रोटेक्ट करता है।

फ्रिज का वायरिंग कैसे करते हैं (wiring diagram of a refrigerator):

फ्रिज के कंपोनेंट की वायरिंग का diagram आपको नीचे चित्र में दिख रहा होगा। इसमें आपको सप्लाई का फेज वाला टर्मिनल पहले फ्रिज के बल्ब के phase टर्मिनल से जुड़ा है। उसके बाद बल्ब का न्यूट्रल टर्मिनल सप्लाई के न्यूट्रल टर्मिनल से जुड़ा रहता है। इसके बाद डोर स्विच में लगा फेज टर्मिनल से हम एक फेस वायर ले जाकर थर्मोस्टेट के एक टर्मिनल से जोड़ देंगे। उसके बाद थर्मोस्टेट के दूसरे टर्मिनल से एक वायर निकल कर स्टार्टिंग रनिग रिले के कॉमन प्वाइंट से जोड़ देंगे। उसके बाद रिले के स्टार्टिंग और रनिंग टर्मिनल से एक एक वायर निकल कर कंप्रेशर के दोनो टर्मिनल (स्टार्टिंग और रनिंग) से जोड़ देंगे। अब OLP के एक टर्मिनल को न्यूट्रल टर्मिनल से सीधे जोड़ेंगे और उसके दूसरे टर्मिनल को कंप्रेशर के कॉमन टर्मिनल से जोड़ देंगे। इस प्रकार से जोड़ने से ओवर लोड के कारण आने वाली एब्नार्मल्टी से यह डिवाइस कॉम्प्रेशर के न्यूट्रल टर्मिनल के कनेक्शन को काट देता है। जिससे हमारा कंप्रेशर सुरक्षित रहता है।

Refrigerator in Hindi

इस प्रकार से आपने देखा कि एक फ्रिज का वायरिंग कितना आसान होता है। जिसमे आप चाहे तो आसानी से कर सकते हैं।

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