R-C series circuit in Hindi | R-C सीरीज सर्किट क्या है?

परिचय:

दोस्तों इसके पिछले वाले पोस्ट में हमने R-L सीरीज सर्किट के बारे में पढ़ा था। जिसमें resistive के साथ इंडक्टिव लोड सीरीज में जुड़ा हुआ था। लेकिन आज के इस पोस्ट में R-C सीरीज सर्किट (R-C series circuit in Hindi) के बारे में डिस्कस करेंगे। इसमें हम देखेंगे कि आरसी सीरीज सर्किट के स्थिति में हमारे पावर फैक्टर पर क्या प्रभाव पड़ता है? इस स्थिति में ग्राफिकल अप्रोच क्या होता है? फेजर डायग्राम क्या होता है? इंस्टैन्टेनियस पावर क्या होता है? एवरेज पावर क्या होता है? और भी बहुत सारे बातों को डिस्कस करेंगे।

R-L series circuit in hindi | R-L सीरीज सर्किट क्या है ?

R-C सीरीज सर्किट (R-C series circuit in Hindi ):

आरसी (R-C) सीरीज सर्किट में आप नीचे देख सकते हैं कि इसमें सीरीज में रेजिस्टिव लोड और कैपेसिटी लोड जुड़ा हुआ है। चुकी यह सीरीज में जुड़ा हुआ है, तो इन दोनों लोड के से बहने वाला करंट का मान समान होगा। लेकिन इन दोनों लोड के एक्रॉस वोल्टेज  का मान अलग-अलग होगा। मतलब की resistive load के एक्रॉस वोल्टेज VR और कैपेसिटी लोड के एक्रॉस वोल्टेज VC होगा।

R-C series circuit in Hindi
R-C series circuit in Hindi

AC through pure capacitance in Hindi | AC में शुद्ध कैपेसिटिव लोड

अतः इस स्थिति में हम यदि कर चाप वोल्टेज ला लगाएं तो हमारा टोटल वोल्टेज V = VR + VC होगा। और ohms law के अनुसार VR= IR और VC= IXC होता है।

फेजर डायग्राम:

अब हम इस R-C सीरीज सर्किट (R-C series circuit in Hindi) की स्थिति में देखें तो इस स्थिति में भी सर्किट सीरीज में होने के कारण करंट के फेजर को रेफरेंस मानेंगे। Resistive load के स्थिति में हमारा लोड वोल्टेज VR का फेजर करेंट के फेजर से ओवरलैप करेगा। यानी की दोनो के बीच का कोण जीरो होगा। और कैपेसिटी लोड के स्थिति में करेंट, वोल्टेज से 90 डिग्री पर लीड करता है,तो उसको भी हम नीचे चित्र में दिखाएं हैं। अब इन दोनों वोल्टेज (VR और VC) का परिणामी खींचने के लिए हम उन दोनों वोल्टेज के फेजर से एक समांतर लाइन खींचेंगे। और यह दोनों समांतर लाइन जहां पर एक दूसरे को काटते हैं, उस बिंदु से एक फेजर खींचेंगे और यही परिणामी फेजर होगा। और इस मान V = VR + VC होगा।

R-C series circuit in Hindi

Impedance triangle:

अब इससे हमे एक ट्रायंगल मिलेगा। जिसमे आधार वाला सेक्शन VR का मान होगा। और लंब वाला सेक्शन VC का मान होगा। और कर्ण वाला सेक्शन परिणामी वोल्टेज V का मान होगा। अतः इन तीनो वोल्टेज का ohms law के द्वारा निकला हुआ मान रखेंगे तो हमे आधार, लंब और कर्ण भुजा पे क्रमशः IR, IXC, और IZ मिलेगा। इसमें Z को हम इंपेडेंस कहते है। अतः आप देखेंगे तो आपको तीनो के करेंट का मान समान मिलेगा। अतः इसको हम कॉमन ले लेते हैं। इसके बाद हमे तीनो भुजा पे R, XC और Z मिलेगा। अब इसी ट्रायंगल को हम इंपेंडेस ट्रायंगल कहते हैं। इसमें इंपेडेंस का मान Z = √(R2 + XC2) होगा।

R-C series circuit in Hindi

Power factor:

अब अगर हमे इस impedance triangle से पावर फैक्टर निकालना है तो हमे cos φ का मान निकलन होगा। और cos φ के लिए सूत्र आधार/कर्ण होता है। अतः इसमें cos φ=  R/Z होगा। मतलब की यदि R-C सीरीज सर्किट के स्थिति में हमारे पास रेजिस्टेंस और impedance की वैल्यू पता है तो हम आसानी से पावर फैक्टर निकल सकते हैं।

कैपेसिटिव रिएक्टेंस:

आप यदि impedance ट्रायंगल को X-Y axis पर रखेंगे तो यह X-Y axis के पॉजिटिव सेक्शन वाले में बनता हुआ दिखाई देगा। इससे यह सिद्ध होता है कि कैपेसिटी सर्किट में कैपेसिटिव रिएक्टेंस negative लिया जाता है।

R-C series circuit in Hindi

Admittance triangle:

अब इसी इंपेडेंस ट्रायंगल को यदि हम इसके सामने मिरर रखे तो इसका मिरर इमेज हमें निम्न प्रकार बनता हुआ दिखाई देगा।

R-C series circuit in Hindi

चुकी इंपेडेंस ट्रायंगल का कैपेसिटिव रिएक्टेंस नेगेटिव था, तो मिरर इमेज उल्टा बनने के कारण हमारा capacitive susceptance पॉजिटिव होता है। अतः एडमिटेंस ट्रायंगल मे capacitive susceptance पॉजिटिव लिया जाता है। यह जो मिरर इमेज बना है, इसी ट्रायंगल को हम एडमिटेंस ट्रायंगल कहते हैं। इसमें एडमिट्टेंस का मान Y = √(G2 + Bc2) होगा।

इस मिरर इमेज में सभी मान का वैल्यू उल्टा हो जाएगा जैसे कि इंपेडेंस(Z), एडमिटेंस(Y) हो जाएगा। रिएक्टेंस(Xc) susceptance (BC) हो जाएगा और रेजिस्टेंस (R), कंडक्टेंस (G) हो जाएगा।

पावर फैक्टर:

और स्थिति में पावर फैक्टर cos φ= Y/G होगा।

पावर एंगल:

R-C सीरीज सर्किट में हमें पता है कि हमारा परिणामी वोल्टेज, करंट से φ डिग्री पर लैग कर रहा है। यानी की करेंट, वोल्टेज से φ पर लीड कर रहा है। जिसको हम नीचे बनाए है। अब इसमें करेंट फेजर से एक लंब डालेंगे। जिससे हमे एक और ट्राइंगल मिलेगा, जिसे हम पावर ट्रायंगल कहेंगे।

R-C series circuit in Hindi

अब इस ट्राइंगल में हमे आधार, लंब और कर्ण पर तीन कंपोनेंट मिलेंगे। जो को क्रमश I cos φ, I sin φ और I मिलेगा। I cos φ active component होता है और I sin φ करेंट का रिएक्टिव कंपोनेंट होता है। जब हम इन तीनो में V से गुणा कर देंगे तो हमे VI cos φ मिलेगा जो की एक्टिव पावर या true power होता है। VI sin φ मिलेगा जो reactive power होगा। और कर्ण में VI मिलेगा जो को apperant power होता है।

एक्टिव पावर (P) का यूनिट KW/W/mW होता है। रिएक्टिव पावर का यूनिट VAR/KVAR/MVAR में होता हैं और आभासी पावर (Apperant power) का यूनिट VA/kVA/MVA में होता है।

Power in R-C series circuit:

जैसा कि हम सबको पता है सर्किट में पावर दो प्रकार के होते हैं।
1. Instantaneous power
2. Average power

Instantaneous power:

Instantaneous power के अंतर्गत आप नीचे कैलकुलेशन देख सकते हैं।

ऊपर के कैलकुलेशन से हमें यह पता चल गया है कि  R-C सीरीज सर्किट (R-C series circuit in Hindi) में भी इंस्टैन्टेनियस पावर की फ्रिकवेंसी, इनपुट सप्लाई फ्रिकवेंसी से दोगुनी होती है। और इंस्टैन्टेनियस पावर एसिमिट्रिकल होता है लेकिन पीरियाडिक होता है।

Average power:

Instantaneous power के फंक्शन में जो कांस्टेंट वैल्यू होता है वही हमारा एवरेज वैल्यू होता है। क्योंकि एवरेज वैल्यू सप्लाई के फ्रिकवेंसी  पर डिपेंड नहीं करता है।

Pav = Vrms. Irms cos φ

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