Overload relay in Hindi | ओवरलोड रिले कहा उपयोग किया जाता है?

परिचय:

दोस्तों हमने बहुत सारे प्रकार के सुरक्षा उपकरण के बारे में पढ़ा है। जिसमे से ओवर लोड रिले भी एक मुख्य इलेक्ट्रिकल प्रोटेक्शन डिवाइस है। आज के इस पोस्ट में ओवरलोड रिले (overload relay in Hindi) को अच्छे से समझेंगे। ताकि हम आगे इसे हमेशा याद रखें।

ओवरलोड रिले क्या है? (Overload relay in Hindi):

दोस्तों, जैसे की नाम से ही लग रहा है को यह रिले एक ऐसा रिले है जो ओवरलोड की कंडीशन को सेंस करती है और सर्किट ब्रेकर को ट्रिपिंग कमांड भेजती है। ओवरलोड रिले में सबसे ज्यादा थर्मल टाइप ओवर लोड रिले का इस्तेमाल करते हैं। जिसमे एक बाइमेटलिक स्ट्रिप होती है। जिसके द्वारा ही रिले ओवर लोड के कारण बढ़ रहे करेंट को सेंस करती है।

ओवर लोड रिले किस किस स्थिति के सुरक्षा देती है?:

ओवरलोड रिले सामान्यतः दो प्रकार के सिचुएशन में सुरक्षा देती है।

1. ओवरलोड की स्थिति में (overload)
2. फेज फेल्योर की स्थिति में (phase failure)

Overload का मतलब यह है को जब मोटर पर सामान्य लोड से ज्यादा लोड पड़ेगा तो मोटर सप्लाई से ज्यादा करेंट लेगी। जिससे की जो रिले में करेंट की सेटिंग थी उससे ज्यादा होगी तो रिले इस करेंट को बाइमेटालिक स्ट्रिप के द्वारा सेंस कर लेगी। और सर्किट ब्रेकर को ट्रिप करा देगी।

मान लीजिए की हमारा मोटर तीन फेज की सप्लाई पर चल रहा है। और अचानक किसी एक फेस की सप्लाई कट गई। जिससे मोटर अब सिर्फ दो फेज पर चल रही है।  जिससे को मोटर जल सकती है। अतः इस स्थिति को भी ओवरलोड रिले सेंस कर लेता है। और सर्किट ब्रेकर को ट्रिपिंग कमांड भेजता है।

ओवरलोड रिले का सिंबल (symbol of overload relay):

Overload का सिंबल आपको नीचे दिखाया गए है।

overload relay in Hindi
overload relay

इसमें आपको दो प्रकार के स्ट्रक्चर दिख रहे होंगे। जिसमे एक स्क्वायर के आकार के और दूसरा एक अंग्रेजी के अक्षर आई के आकार का और उसके बगल में greater than के सिंबल के आकार का। इसमें ये दोनो सिंबल ही आपको ये बताता है कि ओवरलोड रिले आपको किस किस स्थिति में सुरक्षा देता है।

जो आपको स्क्वायर टाइप आकार है वह यह प्रदर्शित करता है की ओवरलोड रिले ओवरलोड की स्थिति में यह सुरक्षा प्रदान करता है। जी की इस रिले का कोर उद्देश्य भी है।

और जो अंग्रेजी एक अक्षर आई के आकार और उसके बगल में greater than का सिंबल है वह यह प्रदर्शित करता है कि यह कि यह रिले फेज फेल्योर में भी सुरक्षा प्रदान करता है।

जो स्क्वायर वाला आकार है यह एमसीबी के सिंबल में भी आपको देखने को मिलता है। मतलब कि जिस भी सिंबल में आपको ये आकार का बना हुआ देखेंगे उसका मतलब की आपको वह डिवाइस ओवरलोड की सुरक्षा देता है।

circuit breaker symbol

ओवरलोड रिले का उपयोग:

दोस्तों अब सवाल यह आता है की आखिर ओवरलोड रिले को हम कहा कहा इस्तेमाल करते हैं। तो आपको बता दूं कि इस प्रोटेक्शन डिवाइस का उपयोग अधिकतर हम मोटर को ओवरलोड की प्रोटेक्शन देने के लिए करते हैं। दोस्तों अगर आपने किसी मोटर को प्रोटेक्शन देखा होगा तो आपको देखने को मिलेगा को इसमें मोटर को सप्लाई देने के लिए पहले हम कॉन्टैक्टर को लगाते है।

overload relay in Hindi

जब contactor से होते हुए सप्लाई मोटर को जाती है तो कॉन्टैक्टर और मोटर के बीच में ही यह ओवरलोड रिले को लगाया जाता है। मतलब की यह रिले contactor के आउटपुट टर्मिनल में ही लगा दिया जाता है। दिए की आपको इस नीचे के चित्र में दिख रहा होगा।

ओवरलोड रिले काम कैसे करती है (how overload relay works):

दोस्तों, मान लीजिए की एक मोटर contactor के साथ और उसमे लगे ओवरलोड रिले के साथ जुड़ी है। अब चलिए मान लीजिए कि अचानक मोटर पर किसी भी कारणवश ओवरलोड आया। जिससे मोटर suddenly सप्लाई से जुड़ा करेंट लेने लगी। मान लीजिए मोटर सामने स्थिति में 10 एम्पियर को करेंट ले रही थीं।

अतः ओवरलोड रिले को भी हम 10 से 12 एम्पियर पर सेट किए थे। तो 10 से 12 एम्पियर तक का धारा तो ओवरलोड रिले के लिए सामान्य था। लेकिन अब माना की ओवरलोड के कारण मोटर 15 एम्पियर करेंट लेने लगी। जो की रिले के सेट करेंट से ज्यादा है। अब इस स्थिति में ओवरलोड रिले में लगा बाइमेटलिक स्ट्रिप ज्यादा हिट होकर मुड़ जायेगी। जिससे को यह अपने होकर बने वाली करेंट को बंद कर देगी।

इसमें रिले स्वयं ही मोटर के सप्लाई को टर्न ऑफ नही करतीं है। यह सिर्फ एक ट्रिपिंग कमांड भेजती है। और सर्किट ब्रेकर। सप्लाई को मोटर से अलग करतीं है।  यह काम कंट्रोल वायरिंग के द्वारा किया जाता है। जैसे कि चुकी जो हमारा ओवरलोड रिले होता है इसमें NO तथा NC terminal होता है।

जिसमे से एक कंट्रोल वायर हमरा सर्किट ब्रेकर को जुड़ा होता है। और जब मोटर हमरा सामान्य स्थिति में चल रही होती हैं तो इस स्थिति में कंट्रोल वायर में करेंट फ्लो कर रहा होता है। और सर्किट ब्रेकर ऑन होता है। लेकिन जब ओवरलोड का स्थिति आता है तो उस समय बाइमेटलिक स्ट्रिप के मुड़ने के कारण इस कंट्रोल वायरिंग में करेंट का बहन बंद हों जाता है। जिससे की सर्किट ब्रेकर ऑफ हो जाता है।

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