Oil Circuit breaker in hindi | ऑयल सर्किट ब्रेकर की संरचना और प्रयोग

परिचय (Introduction to oil circuit breaker)

सर्किट ब्रेकर मे बहुत से प्रकार के सर्किट ब्रेकर होते हैं। जिसके बारे में हमने circuit breaker in hindi वाले पोस्ट मे थोड़ा थोड़ा परिचय दिया था। उन्ही मे से एक ऑयल सर्किट ब्रेकर (oil circuit breaker in hindi) है। जिसके बारे में हम इस पोस्ट में विस्तार से समझेंगे।

ऑयल सर्किट ब्रेकर (Oil circuit breaker in hindi)

इस प्रकार के सर्किट ब्रेकर (Oil Circuit breaker in hindi) आग को बुझाने के लिए ट्रांसफार्मर आयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इस आयल सर्किट ब्रेकर कहते हैं। इस में प्रयोग की जाने वाली आयल की डाइलेक्ट्रिक स्ट्रैंथ 50 kv/cm2 होता है।

Circuit breaker के दोनों contact oil माध्यम मे खुलते है। जब circuit breaker के दोनों contact oil माध्यम मे खुलते है, तो ऑयल के अंदर उत्पन्न आर्क के कारण दोनों contact के बीच ऑयल अत्यधिक गर्म हो जाता है। जिसके कारण ऑयल वाष्पित होता है।

इस ऑयल के वाष्पन के कारण ऑयल के अंदर बुलबुला बनता है। इस वाष्पन की क्रिया में एक प्रयाप्त मात्रा हाइड्रोजन गैस में परिवर्तित होता है। यह गैस उच्च pressure पर होता है। यह गैस 650 केल्विन पर 70 % की मात्रा तक उत्पन्न होता है।

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ऑयल सर्किट ब्रेकर में आर्क कैसे बुझता है (how arc extinct used in oil circuit breaker)

जब आयल में कांटेक्ट (contacts) खुलते हैं तो आर्क के कारण हीट उत्पन्न होता है। जिससे वहां के आयल वाष्पित होकर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है। अब चुकी हाइड्रोजन गैस हीट का सबसे अच्छा सुचालक होता है जो वहां की उत्पन्न हुए आर्क को ठंडा कर देता है। तथा इस प्रकार आग बुझ जाता है।

Oil Circuit breaker in hindi
Image Credit: Vardhaman College of Engineering by B. RajaGopal Reddy

आयल सर्किट ब्रेकर के प्रकार (types of oil circuit breaker in Hindi)

इस सर्किट ब्रेकर में मुख्यतः दो प्रकार की आयल सर्किट ब्रेकर आती है।

  1. बल्क आयल सर्किट ब्रेकर (bulk oil circuit breaker)
  2. मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर (minimum oil circuit breaker)

बल्क आयल सर्किट ब्रेकर (bulk oil circuit breaker)

इस प्रकार के सर्किट ब्रेकर में बहुत ज्यादा मात्रा में ट्रांसफार्मर आयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आयल का इस्तेमाल दो प्रकार से किया जाता है। आयल का पहला काम सर्किट ब्रेकर में आग को बुझाना है। तथा दूसरा काम सर्किट ब्रेकर के कंडक्टिंग पार्ट को अन्य भाग से अलग रखना है। अर्थात इंसुलेशन प्रदान करना है।

बल्क ऑयल सर्किट ब्रेकर को भी मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है।

  • प्लेन ब्रेक आयल सर्किट ब्रेकर (plain break all circuit breaker)
  • आर्क कंट्रोल ऑयल सर्किट ब्रेकर (arc control oil circuit breaker)

प्लेन ब्रेक आयल सर्किट ब्रेकर (plain break all circuit breaker)

प्लेन ब्रेक ऑयल सर्किट ब्रेकर का चित्र आप नीचे देख सकते हैं। इस के नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें एक सिंपल प्रोसेस सिस्टम होता है। जिसमें सर्किट ब्रेकर के दोनों कांटेक्ट खुलते हैं। इसमें सर्किट ब्रेकर के दोनों कांटेक्ट को खोलने के लिए कोई स्पेशल सिस्टम नहीं होता है। इसमें सर्किट ब्रेकर का कांटेक्ट एक आयल से भरे टैंक में खुलता है।

Plain break oil circuit breaker in hindi
Image Credit: Vardhaman College of Engineering by B. RajaGopal Reddy

चित्र में आप देख सकते हैं कि इसमें डबल ब्रेक प्लेन आयल सर्किट ब्रेकर का डायग्राम दिखाया गया है इसमें एक टैंक है जिसमें आयल भरा है तथा ऊपर थोड़ा सा एयरस्पेस छोड़ा गया है। जिसे हम air cushion कहते हैं। यह टैंक मौसम प्रतिरोधी होता है।

इसमें जब सर्किट ब्रेकर सामान्य स्थिति में रहता है तो सर्किट ब्रेकर के दोनों कांटेक्ट क्लोज रहते हैं तथा सर्किट ब्रेकर करंट फ्लो करता रहता है। लेकिन जब सर्किट ब्रेकर में फाल्ट आता है तो सर्किट ब्रेकर के ऑपरेटिंग सिस्टम मूविंग कांटेक्ट को नीचे की तरफ खींचता है तथा फिक्स कांटेक्ट से अलग कर देता है। जब यह क्रिया होती है तो आयल में आर्क बनने से आयल वेपराइजर या वाष्पित होकर हाइड्रोजन गैस बनाता है। तथा इस हाइड्रोजन गैस के बबल (bubble) आग को बुझा देते हैं।

प्लेन ब्रेक आयल सर्किट ब्रेकर के हानि (disadvantage of plain break oil circuit breaker)

  1. इसमें सबसे महत्वपूर्ण डिमैरिट यह है कि इसमें आर्क को कंट्रोल करने के लिए कोई स्पेशल सिस्टम नहीं लगा होता है। अतः इसमें आर्क प्रतिरोध बढ़ाने के लिए आर्क length को बढ़ाते हैं। जिसके लिए हमें दोनों कांटेक्ट के बीच की दूरी को ज्यादा बढ़ाना पड़ता है।
  2. इस प्रकार की सर्किट ब्रेकर में अन्य सर्किट ब्रेकर ओ की अपेक्षा थोड़ा धीमा इंटरप्शन होता है। मतलब की यह सर्किट ब्रेकर अन्य सर्किट ब्रेकर की अपेक्षा धीमा खुलता है।

इस प्रकार के सर्किट ब्रेकर के इन्हीं सभी कमियों की वजह से इसको लो वोल्टेज लाइन में प्रयोग किया जाता है। इसको एक 11kv से कम के वोल्टेज में प्रयोग किया जाता है।

आर्क नियंत्रित आयल सर्किट ब्रेकर (Arc control air circuit breaker)

जैसा कि हमने प्लेन ब्रेक आयल सर्किट ब्रेकर में पढ़ा था कि इसमें आर्क को कंट्रोल करने के लिए कोई स्पेशल व्यवस्था नहीं होती है। लेकिन Arc control air circuit breaker में आर्क को कंट्रोल करने के एक छोटा सा आर्टिफिशियल सिस्टम बनाया जाता है। अतः इसको आर्क कंट्रोलर सर्किट ब्रेकर कहते हैं। यह सर्किट ब्रेकर भी दो प्रकार के होते हैं।

  • सेल्फ ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर (self blast oil circuit breaker)
  • फ़ोर्स ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर (forced blast oil circuit breaker)

सेल्फ ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर (self blast oil circuit breaker)

सेल्फ ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर में आंखों को कंट्रोल करने में इसके अंदर ही उत्पन्न हुई खुद की गैस का इस्तेमाल किया जाता है। अर्थात जब आंख उत्पन्न होता है तो आयल वेपराइज्ड होकर आयल टैंक में प्रेशर पैदा करता है। अतः इसे सेल्फ ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर कहते हैं।

इसमें लगा आयल टैंक एक पूरी तरह से एयरटाइट चेंबर की तरह कार्य करता है। इसमें जब कांटेक्ट खुलता है तो हाइड्रोजन गैस का प्रेशर बहुत ज्यादा हो जाता है। जिससे गैस और तेल का प्रेशर चेंबर में बढ़ जाता है। और आग बुझ जाती है।

फ़ोर्स ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर (forced blast oil circuit breaker)

अभी हमने पीछे की हेडिंग में डिस्कस किया था कि सेल्फ ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर आग को बुझाने के लिए आयल में प्रेशर खुद आर्क के द्वारा ही उत्पन्न होता है। लेकिन फ़ोर्स ब्लास्ट एयर सर्किट ब्रेकर मे आर्क को बुझाने के लिए आयल में जरूरी प्रेशर पैदा करने के लिए टैंक में एक स्पेशल सिस्टम लगा होता है। जिसमें एक पिस्टन लगा होता है जो आर्क उत्पन्न होने पर आयल में प्रेशर पैदा कर देता है। तथा दोनों कांटेक्ट के बीच उत्पन्न हुए आर्क को बुझा देता है।

फ़ोर्स ब्लास्ट एयर सर्किट ब्रेकर के लाभ (advantage of force blast oil circuit breaker)

  1. इस प्रकार के सर्किट ब्रेकर का सबसे बढ़िया लाभ यह है कि इसमें ऑयल प्रेशर के लिए अलग से मैकेनिज्म की व्यवस्था होती है। अतः इसकी दक्षता अपेक्षाकृत सेल्फ ब्लास्ट आयल सर्किट ब्रेकर से अच्छा होता है।
  2. इसमें आयल की जरूरत भी अपेक्षाकृत कम होती है।

मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर (minimum or low oil cicuit breaker in hindi)

मिनिमम ऑयल circuit breaker में बहुत कम मात्रा में ट्रांसफार्मर ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बल्क ऑयल सर्किट ब्रेकर का सिर्फ 10 % ऑयल की इसमें इस्तेमाल किया जाता है।

मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर की संरचना (structure of minimum oil circuit breaker in Hindi)

मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर का डायग्राम चित्र में दिखाया गया है। जिसमें यह सिंगल फेज मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर का चित्र है। इसमें आप देख सकते हैं कि इसे दो भाग में पार्टीशन विधि द्वारा बांटा गया है। इसमें सबसे ऊपर वाला भाग सर्किट ब्रेकिंग चेंबर (circuit breaking chamber) कहलाता है। तथा दूसरा नीचे वाला भाग सपोर्टिंग चेंबर (supporting chamber) कहलाता है। ऊपर वाले भाग में तथा नीचे वाले भाग में दोनों में ट्रांसफार्मर आयल भरा रहता है।

Minimum oil circuit breaker in Hindi
Image Credit: Vardhaman College of Engineering by B. RajaGopal Reddy

ऊपर वाले भाग को सर्किट ब्रेकिंग चेंबर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सर्किट ब्रेकिंग की प्रक्रिया होती है। नीचे वाले भाग को सपोर्टिंग चेंबर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार के मैकेनिज्म लगे होते हैं जो सर्किट ब्रेकर को ट्रिपिंग कराने में मदद करते हैं।

मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर के भाग (various parts of minimum oil circuit breaker)

मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर में विभिन्न प्रकार के भाग होते हैं जो निम्न है।

  1. Gas vent
  2. Breather
  3. Fix contact
  4. Moving contact
  5. Arc extinguishing device
  6. Drain valve
  7. Operating rod

गैस वेंट सर्किट ब्रेकर के ट्रिपिंग के समय जो गैस उत्पन्न होता है उस एक्सेस गैस को गैस वेंट के द्वारा बाहर निकाला जाता है।

Breather के द्वारा सर्किट ब्रेकर के अंदर हवा आती जाती है। अतः इसे breather कहते हैं।

Fix कांटेक्ट वही कांटेक्ट होता है जो अपनी जगह पर फिक्स होता है तथा सर्किट ब्रेकर के नॉर्मल स्थिति में मूविंग कांटेक्ट से जुड़ा रहता है।

अर्थ एक्सटिंग्विशर डिवाइस (Arc extinguishing device) सर्किट ब्रेकर के सिक्स कांटेक्ट पर लगा होता है जो उत्पन्न हुए आंखों को तेजी से बुझाने में मदद करता है।

मूविंग कांटेक्ट सर्किट ब्रेकर में एक मूविंग पार्ट होता है जो ट्रिपिंग क्वायल से जुड़ा होता है। जब tripping coil energized होती है तो tripping coil इस मूविंग कांटेक्ट को अपनी तरफ खींच लेती है।

ट्रिपिंग क्वायल का मूविंग कांटेक्ट को अपनी तरफ ऑपरेटिंग रोड के सहारे खींचती है।

ड्रेन वाल्व यह एक ऐसा वाल्व होता है जिसके द्वारा सर्किट ब्रेकर में भरे आयल को जरूरत पड़ने पर निकाला जाता है।

मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर के लाभ (advantages of minimum oil circuit breaker in hindi)

मिनिमम आयल सर्किट ब्रेकर का, बल्क आयल सर्किट ब्रेकर की अपेक्षा निम्न लाभ होता है।

  1. यह सर्किट ब्रेकर कम जगह खेलते हैं। क्योंकि इसमें बहुत कम आयल की मात्रा होने के कारण इसके आयल टैंक की साइज बहुत कम होती है।
  2. इसमें आयल कम होने से आग लगने का खतरा भी कम होता है।
  3. इसमें बोल कॉल सर्किट ब्रेकर की अपेक्षा मेंटेनेंस लागत कम होती है।

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