Mosquito racket in Hindi | इसमें कितने वोल्टेज का पॉवर होता है?

परिचय:

हम लोग मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए बहुत सारे उपाय अपनाते हैं जिसमें से हम बहुत सारे प्रकार के उपकरण जैसे मच्छरदानी, मॉस्किटो किलर, मॉस्किटो रेपेलेंट और मॉस्किटो जैपर (Mosquito zapper) या mosquito racket का  इस्तेमाल करते हैं। अतः आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम Mosquito racket (Mosquito racket in Hindi) के बारे में डिस्कस करेंगे। इसमें कितने वोल्ट की सप्लाई आती है को एक मच्छर को ये आसानी से मार देता है। तथा हम  यह भी समझेंगे की ये वोल्टेज लेवल एक ह्यूमन बिंग के लिए किस हद तक डेंजरस है।

Mosquito zapper या racket क्या है? (Mosquito racket in Hindi):

मॉस्किटो racket (Mosquito racket in Hindi) एक प्रकार का ऐसा इलेक्ट्रिक उपकरण है जो मच्छरों और मक्खियों को मारने के लिए बनाया गया है। इसमें एक जालीनुमा आकार होती है। जिसमें अगर मच्छर फस जाते हैं तो उसे हाई वोल्टेज की इलेक्ट्रिक करंट का shock लगता है। जिससे मच्छर या मक्खी मर जाते हैं।

Mosquito racket in Hindi

1 एंपियर में कितने वाट पॉवर होते हैं?: इंटरव्यू सवाल

यह mosquito racket का आकार ज्यादातर बैडमिंटन के समान होता है। इस रैकेट को इलेक्ट्रिक सप्लाई से चार्ज करते हैं इसमें एक छोटी सी बैटरी लगी होती है जो चार्ज की जाती है। बैटरी चार्ज होने के बाद यह उपकरण अपने जालीनुमा पर हाई वोल्टेज देता है।

मॉस्किटो रैकेट को सरचना (structure of mosquito racket):

अगर आप mosquito racket को देखोगे तो आपको इसमें सिर्फ एक जाली नहीं इसमें कुल तीन जालियां मिलेंगे। और ये तीनो जाली पर तीन वायर से कनेक्शन होता है। ये तीनो वायर इस उपकरण के कैपेसिटर से आए रहते है। यह कैपेसिटर हाई वोल्टेज कैपेसिटर होता है। और यही कैपेसिटर पहले बैटरी से पावर लेता है और चार्ज होता है। उसके बाद यही हाई वोल्टेज जाली पर भेजता है। इसमें एक बटन होता है जो ऑन करने पर बैटरी कैपेसिटर को चार्ज करना स्टार्ट कर देती है।

Mosquito racket में कैपेसिटर क्यों लगा होता है?:

अब यह आता है की आखिर mosquito racket में कैपसिटर क्यों लगा होता है। तो जवाब यह है की कैपेसिटर इस उपकरण का एक मुख्य पार्ट होता है। अगर आप एक कैपेसिटर का कार्य विधि पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा को कैपसीटर का मुख्य काम होता है अपने अंदर इलेक्ट्रिक चार्ज को कलेक्ट करना । जब हम किसी capacitor को चैक करना रहता है को आखिर ये कैपेसिटर खराब है या सही है तो इसके लिए हम कैपसीटर के दोनो वायर को किसी इलेक्ट्रिक सप्लाई से जोड़ देते है। उसके बाद वो कैप्ससिटर कुछ ही समय में चार्ज हो जाती है। उसके बाद जब हम उन दोनो वायर को एक दूसरे से शॉर्ट करवाते है, तो एक आवाज के साथ स्पार्क करके कैप्सिटर डिस्चार्ज हो जाते है। Mosquito racket भी कुछ इसी प्रकार कार्य करता है।

Mosquito racket कैसे काम करता है? (working principle of mosquito racket in Hindi:

चलिए अब समझते है की आखिर mosquito racket कैसे काम करता है। इस रैकेट में आपको पता है की तीन जालियां होती है इन तीनो जालियों पर तीन वायर जोड़े रहते है। जबकि हमे पता है की कैपसीटर में सिर्फ दो ही वायर होते है। अतः आपको बता दे को ये तीनो जालियां एक लेयर में लगी होती है। ऊपर के दोनों लेयर की जालियों का कनेक्शन कैपेसिटर के एक वायर से किया रहता है। और बीच वाली जाली का का कनेक्शन कैपेसिटर के दूसरे वायर से किया रहता है।

Mosquito racket in Hindi

इलेक्ट्रिकल फील्ड, मैग्नेटिक फील्ड और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में क्या अंतर होता है?

चित्र (लेयर और कनेक्शन)

अब जब हम इस जाली के लेयर के बाहरी लेयर को टच करेंगे हमे कोई इलेक्ट्रिक शॉक नही लगेगा। लेकिन अगर कोई बाहरी लेयर के साथ बीच वाली लेयर की जाली को भी टच करे तो फिर आपको शोक लग सकता है।

जब मच्छर जाली पर पड़ता है तो वह बाहरी जाली के साथ-साथ बीच वाली जाली के बीच भी टच हो जाता है जिससे उन दोनों जाली को टच करने के कारण मच्छर के बॉडी से होते हुए कैपसीटर डिस्चार्ज होता है। जिसकी वजह से मच्छर की बॉडी स्पार्क कर जाती है। और एक आवाज भी करता है।

इसमें लगा कैपसीटर एक छोटे से बैटरी से चार्ज कैसे होता है?:

हम लोगों के दिमाग में यह सवाल तो जरूर आता है कि आखिर इसमें जो कैपसीटर लगा है जो हाई वोल्टेज जनरेट कर रहा है वह एक छोटी सी बैटरी जिसकी वोल्टेज रेटिंग लगभग 4 वोल्ट से 5 वोल्ट तक होती है वह इस कैपसीटर को चार्ज कैसे कर देती है। क्योंकि हमें पता है कि इस कैप सीटर को जो इस रैकेट में लगा है चार्ज करने के लिए हमें 500 से 600 बोल्ट का हाय सप्लाई चाहिए।

अतः हमे इस छोटी सी बैटरी से जिसकी वॉलेट रेटिंग सिर्फ 4 -5 वोल्ट ही है। इसे हमे हाई वोल्टेज में कन्वर्ट करना है। अतः इसके लिए आइए हम इसे क्रम से समझते है।

How a low battery voltage converts into high AC voltage:

  1. पहले तो हम एसी सप्लाई से बैटरी को चार्ज करने के लिए एक रेक्टिफायर और स्टेप डाउन transformer लगा कर बैटरी को 4 वोल्टेज पर चार्ज कर लेते है।
  2. इसके बाद जब हमारी बैटरी चार्ज हो जाती है तो चुकी इस बैटरी से हमे एसी सप्लाई चाइए तो इसके लिए हम पहले इस बैटरी से ओसिलेटर जोड़ देते हैं। इस ओसिलेटर से आउट में हमे लो वोल्टेज का एसी सप्लाई मिल जाता है।
  3. इसके बात चुकी हमे हाई वोल्टेज चाइए तो इसके लिए हम ओसिलेट के आउटपुट से एक स्टेप अप ट्रांसफार्मर लगा देते है। जो को वोल्टेज लेवल को 200 वोल्टेज तक बढ़ा देता है।
  4. अब चुकी 200 वोल्ट की सप्लाई भी कैपसीटर को चार्ज करने के लिए पर्याप्त नहीं है। अतः इस 200 वोल्ट की सप्लाई को वोल्टेज ट्रिपलर सर्किट में जोड़ देते है।
  5. यह वोल्टेज ट्रिप्लर सर्किट 200 वोल्टेज की सप्लाई को तीन गुना बढ़ा देता है। मतलब की इस सर्किट के आउटपुट पर हमे 500 से 600 वोल्टेज की सप्लाई मिल जाती है।
  6. इसके बाद हम इस हाई वोल्टेज के आउट पुट को कैपसीटर में जोड़ देते है। जिससे कैपेसिटर चार्ज हो जाती है।

क्या mosquito racket आदमी के लिए डेंजरस है?

अगर हम बात करें कि क्या एक mosquito racket ह्यूमन बीइंग के लिए खतरनाक हो सकता है तो आपको हम बता दें कि यह मॉस्किटो रैकेट में वोल्टेज लेवल बहुत ज्यादा हाई होता है। लेकिन इसमें करंट की मात्रा बहुत ही कम होती है अगर हम इसे टच करें तो और यदि हम दोनों वायर को टच करते हैं तो स्पार्क तो होगा और आवाज भी आएगी.

लेकिन हमें बहुत कम झटका महसूस होगा। यानी कि इलेक्ट्रिक शॉक बहुत कम मात्रा में महसूस होगी। अतः एक मनुष्य के लिए मॉस्किटो रैकेट डेंजरस साबित नहीं होता है। हालांकि हमें उसे छूने से बचना चाहिए। अगर आप कभी गैस जलने वाली लाइटर से जो इलेक्ट्रिक शॉक लगता है, उसको फील किया है, तो लगभग उसी लेवल का इस उपकरण में भी झटका लगता है ।

Leave a comment