Mcb क्या होता है: What is mcb in hindi: mcb के प्रकार

Introduction:-

दोस्तों जैसा की हम सभी के घर में बिजिली का कनेक्शन तो होगा ही। उसमे लगे उपकरणों को हम लोगों देखा ही होगा। और हमे लगभग सभी उपकरणों का नाम भी पता होगा। जैसे कि स्विच, होल्डर, इंडिकेटर, change over switch, distribution box, juction box, alarm आदि उपकरण। इन्ही सब उपकरणों में से एक उपकरण mcb होता है। जिसका फूल फार्म मिनिएचर सर्किट ब्रेकर होता है। इस उपकरण का मुख्य कार्य घर के wiring में आए fault को sense करना और पूरे circuit को fault hone से बचना । यह एक प्रोटेक्टिव device के वर्ग में आता है। तो आज इस पोस्ट में जानेंगे कि mcb क्या होता है, mcb कितने प्रकार के होते हैं, और mcb का प्रयोग किस तरह किया जाता है। इसकी रेटिंग क्या होती है और भी बहुत कुछ ।

Mcb क्या होता है (mcb kya hota hai):-

Mcb एक बेसिकली प्रोटेक्शन device होता है। जो हमारे घर में लगे लोड जैसे – TV, रेफ्रीजरेटर, वाशिंग मशीन, कूलर आदि को ओवर लोड के कारण होने वाले fault से बचाता है। यह हमारे घरों में इंडस्ट्री में आदि जगहों पर किया जाता है। यह एक प्रकार का स्विचिंग device होता है। जो circuit में होने वाले ओवर लोडिंग और fault के कंडीशन को sense करता है और mcb ट्रिप हो जाता है। जिससे घर का कनेक्शन मेन सप्लाई से अलग हो जाता है। अगर सामान्य स्विच को बात करे तो सामान्य स्विच में बटन को नीचे की तरफ दबाने पर ऑन होता है। लेकिन mcb के केस में इसके स्विचिंग नॉब को ऊपर की तरफ उठाया जाता है तो mcb ऑन की स्थिति में होता है।

Mcb की संरचना (structure of mcb):-

दोस्तों जैसा की हम जानते है। की mcb एक प्रकार का स्विचिंग device है। लेकिन इसकी संरचना सामान्य स्विच की अपेक्षा जटिल होती है। इसमें कुछ मकैनिज्म लगाया जाता है। जिसकी वजह से ये ओवर लोडिंग या fault के स्थिति मै ऑटोमैटिक ट्रिप हो जाती है। अतः इस संरचना में इसमें एक pvc पदार्थ का एक कवर होता है जिसके अंदर सारी मैकेनिज्म फाइट किया जाता है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। इसकी संरचना में बहुत सारे भाग (part) होते हैं। जो कि निम्न है।

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Mcb के भाग (parts of mcb):-

mcb के अंदर लगे मैकेनिज्म में बहुत सारे पार्ट होते हैं जिसका अपना अलग अलग कार्य होता है। जिसके कारण एमसीबी असामान्य स्थिति में ट्रिप कर जाती है।

  1. Incoming terminal
  2. Moving cantact
  3. Arc suite
  4. Bimetallic strip
  5. Magnatic coil
  6. Manually on/off nob
  7. Outgoing terminal

Incoming terminal(इनपुट): –

घर का वायरिंग करते समय एमसीबी को डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में लगाया जाता है। इसमें घर में जितने सर्किट होते है। प्रत्येक सर्किट के लिए एक एमसीबी लगाया जाता है। अतः जब बाहर से सप्लाई आती है तो वह पहले सप्लाई चेंज ओवर स्विच में आता है तथा उसके बाद वह हमारे डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में एमसीबी के incoming terminal में जुडता है।

Moving cantact:-

यह mcb के अंदर लगा होता है जो ट्रिपिंग के दौरान सर्किट को ट्रिप कराने में सहायक होता है।

Arc suite:-

यह एक प्रकार का चैंबर होता है। जो ट्रिपिंग के समय उत्पन्न होने वाले चिनगारी (arc) को बुझाने (supress) में काम आती है।

Bimetallic strip:-

इसमें bimetallic strip का सबसे खास महत्व होता है। जब सर्किट ओवर लोड होती है तो सर्किट में बहुत अधिक धारा बहती है l जिससे यह bimetallic strip गरम हो जाती है। और बेंड हो जाती है। जिससे एमसीबी ट्रिप हो जाती है।

मैगनेटिक कायल: –

मैगनेटिक कायल, शॉर्ट सर्किट में अधिक मैगनेटिक फील्ड पैदा करता है जिससे mcb के ट्रिपिंग मैकेनिज्म को ऑपरेट कराती है।

मैनुअल ऑन/ऑफ नॉब:-

यह एक नॉब होता है जिसके सहायता से हम मैनुअली mcb को ऑन ऑफ कर सकते हैं।

आउटगोइंग टर्मिनल:-

इस पोर्ट के सहारे हम अपने घरों के लोड को जोड़ते हैं।

Mcb कितने प्रकार का होता हैं (mcb kitane prakar ka hota hai):-

Mcb का प्रयोग चुकी अलग अलग स्थानों पर अलग लोड के लिए किया जाता है और अलग प्रकार के लोड के लिए भी किया जाता है। इसलिए एमसीबी को उनके उपयोग के आधार पर अलग प्रकार का डिजाइन किया गया है। जो निम्न है।

  1. टाइप – B
  2. टाइप – C
  3. टाइप – D
  4. टाइप – K
  5. टाइप – Z
टाइपऑपरेटिंग टाइमट्रिपिंग करंट
टाइप – B0.04 से 13 सेकंडफूल लोड करंट से 3 से 5 गुना करंट
टाइप – C0.04 से 5 सेकंडफूल लोड करंट से 5 से 10 गुना करंट
टाइप – D0.04 से 3 सेकंडफूल लोड करंट से 10 से 20 गुना करंट
टाइप – K<0.1 सेकंडफूल लोड करंट से 8 से 12 गुना करंट
टाइप – Z<0.1 सेकंडफूल लोड करंट से 2 से 3 गुना करंट
mcb के टाइप और ऑपरेटिंग करंट टेबल

टाइप – B एमसीबी:-

दिए गए टेबल से आप समझ सकते हैं कि इसकी ट्रिपिंग करेंट, फूल लोड करंट का 3 से 5 गुना होता है। तथा इसकी ऑपरेटिंग टाइम 0.04 से 13 सेकंड होता है।इस प्रकार वो एमसीबी का प्रयोग, रेजिडेंशियल और थोड़ा बहुत कॉमर्शियल लाइटिंग के किया जाता है। इसका प्रयोग सामान्यतः कंप्यूटर को सप्लाई देने के लिए भी किया जाता है। इसके लगभग लोड की प्रकृति रेजिस्टिव होती है।

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टाइप – C एमसीबी:-

इस प्रकार के एमसीबी का ट्रिपिंग करंट, फूल लोड करंट का 5 से 10 गुना होता है तथा इसकी ऑपरेटिंग टाइमिंग 0.04 से 5 सेकंड होता है।

इस प्रकार के एमसीबी का प्रयोग कॉमर्शियल तथा इंडस्ट्रियल लोड के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका प्रयोग वाहा पर किया जाता है। जहा शॉर्ट सर्किट करंट की मात्रा ज्यादा और त्वरित बदलाव होता है। इसमें लोड की प्रकृति इंडक्टिव होता है। जैसे इंडक्शन मोटर, फ्लोरोसेंट लाइटिंग, स्मॉल ट्रांसफार्मर, कंट्रोल सर्किट और विभिन्न प्रकार के कायल।

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टाइप – D एमसीबी:-

इस टाइप के एमसीबी का ट्रिपिंग करंट फूल लोड करंट का 10 से 20 गुना होता है। तथा ऑपरेटिंग टाइम 0.04 से 3 सेकंड तक होता है।

इस टाइप के एमसीबी का प्रयोग भी इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल तौर पे किया जाता है। लेकिन यह उस स्थान पर प्रोयोग किया जाता है। जहां करंट का बदलाव बहुत बड़े रेंज तेजी से हो।

जैसे कि कुछ ही सेकंड के करंट बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा और फिर एकदम से नीचे गिर जाए। अतः अगर हम ऐसे उपकरण का उदाहरण ले तो ट्रांसफार्मर, x-ray मशीन, और बड़ी वाइंडिंग वाली मशीनें है।

Type d mcb

टाइप – K एमसीबी:-

इस प्रकार के एमसीबी का ट्रिपिंग करंट 8 से 12 गुना होता है। तथा ऑपरेटिंग 0.1 से भी कम होता है। इस टाइप के एमसीबी का प्रयोग कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल दोनो में किया जाता है। यह विशेष रूप से इंडक्टिव लोड और मोटर ऑपरेशन में किया जाता है।

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टाइप – Z एमसीबी:-

इसका ट्रिपिंग करंट, फूल लोड करंट का 2 से 3 गुना होता है। तथा ऑपरेटिंग टाइम 0.1 से भी कम होता है। इस प्रकार के एमसीबी का प्रयोग भी कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल दोनो में किया जाता है। इसका प्रयोग इंडस्ट्रीज में उच्च संवेदनशील यंत्रों (highly sensitive device) को सुरक्षा देने के लिए किए जाता हैं। जैसे कि सेमीकंडक्टर डिवाइसेज, या किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस।

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  2. ट्रांसफार्मर का इंपेडेंस ratio.
  3. ट्रांसफार्मर लोड की स्थिति में कैसे काम करता है?

Mcb काम कैसे करता है (mcb kaam kaise karta hai):-

दोस्तों mcb दो स्थिति में काम करती है। पहला की जब सर्किट ओवरलोड हो जाए और दूसरा की जब शॉर्ट सर्किट हो जाए। इन दोनो स्थिति में हमारी mcb ट्रिप हो जाती है। अब ये mcb ट्रिप कैसे करती है आइए समझते है।

ओवरलोड की स्थिति में mcb को ट्रिपिंग :-

दोस्तों ओवरलोड की स्थिति में एमसीबी में लगे बाइमेटलिक स्ट्रिप के द्वारा ट्रिप करती है। चुकी बाइमेटलिक स्ट्रिप दो धातु की बनी एक पट्टी होती है। जिसके जरिए ही हमारा कनेक्शन जुड़ा रहता है। अतः जब कनेक्शन ओवरलोडेड होगा तो अधिक करंट फ्लो होगा। जिससे बाइमेटेलिक स्ट्रिप मुड़ जाती है। और वह मुड़ कर एक लीवर पर हल्का सा पुश कर देती है जिससे लीवर जो मूविंग कॉन्टैक्ट को में कनेक्शन से जोड़ा रहता है, यूज रिलीज कर देती है जिससे हमारी mcb ट्रिप हो जाती है। और हमारा सर्किट में सप्लाई से अलग हो जाता है।

शॉर्ट सर्किट की स्थिति में एमसीबी की ट्रिपिंग:-

दोस्तों शॉर्ट सर्किट की स्थिति में बहुत अधिक करंट फ्लो होता है। और वह भी बहुत ही कम समय में तो ऐसे में बाइमेटलिक स्ट्रिप उस क्षणिक समय में गरम होकर मुड़ नहीं सकती। स्ट्रिप को गरम होबकर मुड़ने में थोड़ा वक्त लगता है। तो चुकी शॉर्ट सर्किट आपके उपकरण को क्षणिक समय में ही खराब कर सकती है। इसीलिए mcb इस स्थिति में कैसे काम करे इसके लिए mcb में एक सोलेनॉइड कायल (solenoid coil) लगाया जाता है। जिसके बीच में एक प्लंजर (plunger) लगाया जाता है। जब शॉर्ट सर्किट की स्थिति आती है तो इस कायल में एक बहुत ही strong मैगनेटिक फील्ड पैदा होती है। जिसकी वजह से coil में लगे प्लंजर को एक धक्का लगता है। और प्लंजर बाहर की तरफ निकलता है। और उसके जस्ट बाहर ही ट्रिपिंग लीवर लगा होता है जिसको प्लंजर पुश कर देता है जिससे mcb ट्रिप कर जाती है।

Mcb की रेटिंग क्या होती है (mcb ki rating kya hoti hai) :-

वास्तव में घरों में प्रयोग होने वाले सप्लाई वोल्टेज 240 वोल्ट तक होता है। अतः इसमें अधिकतम 6000 एम्पियर तक ओवर करंट फ्लो कर सकती है। अतः घरों में 6000 एम्पियर तक के रेटिंग का इस्तेमाल करते है।

पोल के आधार पर mcb का वर्गीकरण:-

पोल या फेस के आधार पर mcb को निम्न भागों में बाटा जा सकता है।

  1. सिंगल पोल एमसीबी (single pole mcb)
  2. डबल पोल एमसीबी (double pole mcb)
  3. ट्रिपल पोल एमसीबी (tripple pole mcb)
  4. फोर पोल एमसीबी (four pole mcb)

तो दोस्तों मै आशा करता हूं की mcb क्या होता है, कितने प्रकार का होता है। ये सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर एमसीबी के बारे में और कुछ सवाल हैं, तो कमेंट करके जरूर बताएं।

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