परिचय :-
जब भी हम लोन (loan in Hindi) का नाम लेते हैं तो बैंक की हमे याद आती है। और कॉल की याद तो जरूर आती है जो आपको लगभग रोज या हफ्ते एक बार आता है। और आपको बोला जाता है की ये लोन ले लीजिए वो लोन लीजिए वैगरहा वगैरह। तो आज इस पोस्ट में लोन क्या होता है (loan kya hota hai) . इस के कितने भाग होते हैं। तथा यह कैसे काम करता है पूरा विस्तार से समझेंगे।
लोन क्या होता है (Loan in hindi):-
लोन एक निश्चित धनराशि होती है जो किसी बैंक संस्था या व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्तियों को दी जाती है। यह धनराशि उस व्यक्ति के द्वारा अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए दी जाती है।
कई बार ऐसा होता है कि हम लोग नौकरी तो कर रहे होते हैं। लेकिन हमें कई बार एक बार में ही ज्यादा पैसे की जरूरत होती है। उदाहरण के तौर पर यदि हमें कोई गाड़ी खरीदनी हो या कोई फ्लैट खरीदना हो या कोई जमीन खरीदनी हो तो ऐसे में हमें एक बार में ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ती है। अतः हमें इसके लिए एक ही उपाय आता है कि हम उतने का लोन ले ले।

और उसे महीने महीने करके भरते रहे। इससे हमारा काम भी हो जाता है।
लोन में यह भी होता है कि जितनी धनराशि का आप लोन (loan in Hindi) ले रहे हैं उस धनराशि पर आपको एक निश्चित ब्याज दर भी चुकानी होती है। और साथ में अगर कोई फाइनेंस चार्जेस (Finance charges) है तो वह भी चुकाने पड़ते हैं।
आजकल अगर लोन लेने की बात करें तो लोन लेना आजकल के समय में बहुत ही आसान हो गया है। आजकल तो बहुत सारे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Online platform) है, जो आपको ऑनलाइन ही सारे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कंप्लीट कर दे रही है तथा लोन सैंक्शन कर दे रही है। बहुत सारे ऐसे ऐप भी है जो आपको आसानी से लोन सैंक्शन (Loan Sanction) कराने में मदद कर रहे हैं।
लोन के अंग (Parts of loan in Hindi):-
अब चुकी लोन की भी कुछ अंग होते हैं जिससे या लोन का एक ढांचा तैयार होता है। अतः लोन के ये अंग निम्न है।
• लोन को धनराशि (Loan Amount)
• लोन चुकाने का समय (loan duration)
• लोन पर लगने वाला ब्याज दर (loan interest)
लोन की धनराशि(loan amount):-
लोन की धनराशि वह धनराशि होती है जो किसी व्यक्ति को दी जाती है। यह लोन की धनराशि (loan amount) व्यक्ति के द्वारा डिमांड की गई धनराशि पर निर्भर करती है। कई बार व्यक्ति द्वारा उसकी आवश्यकता से अधिक लोन धनराशि की डिमांड होती है। जिससे लोन देने वाला बैंक या संस्था उस व्यक्ति की पिछले रिकार्ड या उस व्यक्ति के पास कितनी संपत्ति है। यह जांच कर बताती है कि आपको लोन की धनराशि सिर्फ इतना ही मिल सकती है। यह कोई निश्चित नहीं है कि आपको जितनी डिमांड है उतना ही लोन की धनराशि भी प्राप्त होगी।
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लोन चुकाने का समय (loan duration):-
जब लोन किसी बैंक के संस्था द्वारा दिया जाता है। तो ऐसा नहीं है कि वह धनराशि कभी भी चुका सकता है उस व्यक्ति को उस लोन धनराशि को बैंक द्वारा निर्धारित किए गए समय के अंदर ही चुकाना होता है। उसे ही loan duration कहते हैं।
लोन धनराशि पर लगने वाला ब्याज (loan interest in Hindi):-
आप जो लोन अमाउंट ले रहे हैं उस पर बैंक या किसी लोन देता संस्था द्वारा एक निश्चित ब्याज दर भी लगाया जाता है। यह ब्याज दर भी उसी loan duration के समय में ही चुकाना होता है।
लोन के प्रकार (types of loan in Hindi):-
वैसे तो लोन बहुत सारे प्रकार के होते हैं। अलग-अलग आधार पर लोन को अलग-अलग भागों में बांटा जाता है। अतः अलग-अलग धारों पर लोन का वर्गीकरण निम्न प्रकार है।
सिक्योरिटी के आधार पर लोन के प्रकार (types of loan on the basis of security):-
सिक्योरिटी के आधार पर लोन दो प्रकार के होते हैं।
1. सिक्योर्ड लोन (Secured loan)
2. अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured loan)
सिक्योर्ड लोन (Secured loan): –
सिक्योर्ड लोन वह लोन होता है जो किसी न किसी प्रकार से baked होता है। उस व्यक्ति के असेट्स के रूप में उदाहरण के लिए उस व्यक्ति की प्रॉपर्टी फिक्स्ड डिपॉजिट आदि।
सिंपल भाषा में कहें तो ऐसा लोन जो किसी व्यक्ति की संपत्ति के आकलन करने के बाद उस संपत्ति के आधार पर दी जाए तो उसे सिक्योर्ड लोन कहते हैं। यह सिक्योर्ड लोन बैंक के परिपेक्ष में सिक्योर होता है। क्योंकि उसे इस बात का डर नहीं होता है कि लोन लेने वाला व्यक्ति यदि नहीं चुका पाया तो उस व्यक्ति का पैसा उसका पैसा डूब जाएगा। क्योंकि यदि व्यक्ति लोन नहीं चुका पाया तो उसकी संपत्ति से बैंक द्वारा पैसा वसूल लिया जाएगा। इस प्रकार के लोन में व्यक्ति भी जो लोन ले रहा है वह भी सोच-समझकर लोन लेता है।
सिक्योर्ड लोन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के लोन आते हैं। जो कि निम्न है।
- व्हीकल लोन
- Life insurance loan
- Mortgage loan
- Pawn Shop loan
- Business loan
अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured loan): –
अनसिक्योर्ड लोन वह लोन होता है, जिसमे किसी प्रकार की गारंटी की जरूरत नहीं होती है। इस प्रकार का लोन छोटी-छोटी अमाउंट की होती है। उदाहरण के तौर पर क्रेडिट कार्ड, लाइन आफ क्रेडिट आदि। यह लोन बिना किसी सिक्योरिटी गारंटी के भी दिया जा सकता है।
अनसिक्योर्ड लोन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के लोन आते हैं। जो कि निम्न है।
- पर्सनल लोन
- Student loan
- Credit card loan
- लाइन आफ क्रेडिट
सबसे प्रसिद्ध लोन के प्रकार: –
इन सब लोन में से कुछ ऐसे लोन के प्रकार हैं जो सम्मानित लोग सबसे ज्यादा लेते हैं।
- होम लोन (Home loan)
- बिजनेस लोन (business loan)
- कार लोन (Car loan)
- पर्सनल लोन (Personal loan)
- गोल्ड लोन (Gold loan)
- एजुकेशन लोन (Education loan)
होम लोन (Home loan in Hindi):-
जाहिर सी बात है सबको घर लेने की आवश्यकता होती है। और इसके लिए हमें ज्यादा पैसे की जरूरत होती है। अतः ऐसे में हम लोग लोन लेने का विचार करते हैं। अतः जब हम घर बनाने या खरीदने के लिए लोन लेते हैं तो हम उसे होम लोन (Home loan in Hindi) कहते हैं।
यह होम लोन सिक्योर्ड लोन की श्रेणी में गिना जाता है। क्योंकि समन्यतः होम लोन mortgage loan के अंतर्गत आता है। और mortgage loan सिक्योर्ड लोन के अंतर्गत आता है।
बिजनेस लोन (Business loan in Hindi):-
जब हमारे दिमाग में कोई बिजनेस करने और पैसा कमाने का आईडिया आता है तो हमारे सामने सबसे बड़ी बाधा आती है पैसा। क्योंकि बिजनेस करने के लिए हमें एक बार में ज्यादा से ज्यादा पैसे की जरूरत होती है। और हमारे पास इतने पैसे की इनकम नहीं होती है। अतः ऐसे में जब हम बिजनेस के उद्देश्य से लोन लेते हैं तो उसे हम बिजनेस लोन (Business loan in Hindi) कहते हैं। यह भी एक सिक्योर्ड लोन के अंतर्गत आता है।
कार लोन (Car loan in Hindi):-
कई लोग कार के बड़े शौकीन होते हैं। लेकिन वह अपने शौक पैसों की कमी की वजह से पूरे नहीं कर पाते। या हम कहे तो यदि हमारी बड़ी फैमिली है। जिसको एक कार की सख्त जरूरत है। अतः जब हम कोई कार या व्हीकल के लिए लोन लेते हैं तो उससे कार लोन (Car loan in Hindi) या व्हीकल लोन कहते हैं।
कार लोन भी एक प्रकार से सिक्योर्ड लोन के अंतर्गत ही आता है। आजकल बहुत सारे बैंक कार लोन आप भी ऑफर करते हैं। जो ऑनलाइन डॉक्युमेंट्स वेरीफिकेशन के साथ आसानी से कार लोन दे देते हैं।
पर्सनल लोन (Personal loan in Hindi):-
यह लोन किसी व्यक्ति द्वारा अपने खर्चे को पूरा करने के लिए लिया जाता है। इस लोन की धनराशि अमूमन ज्यादा नहीं होती है। अतः यह लोन अक्सर बैंक बिना किसी गारंटी के दे देती है। अतः यह लोन अनसिक्योर्ड लोन के अंतर्गत आता है।
गोल्ड लोन (gold loan in Hindi):-
प्रायः आपने देखा होगा लोग गांव में अपनी सोने के गहने गिरवी रखते हैं। तथा उस गहने के भाव के हिसाब से सुनार पैसा देता है। इसे गांव में गिरवी रखना बोलते हैं। तो बिल्कुल यही विधि भी बैंक अपनाता है। इसमें व्यक्ति अपने पास रखे गोल्ड चाहे वह गोल्ड गहने, आभूषण के रूप में ही क्यों ना हो। उसे रख लेता है। तथा उसके बदले बैंक उस व्यक्ति को पैसा दे देता है।
उस दिए गए पैसे पर कुछ प्रतिशत का ब्याज दर भी लगाता है। जब वह व्यक्ति बैंक को पैसा लौटा देता है तो वह बैंक भी उस व्यक्ति के गोल्ड को वापस कर देता है। इस प्रकार का लोन ही गोल्ड लोन कहलाता है।
एजुकेशन लोन (education loan in Hindi): –
जैसा कि आपको नाम से लग रहा होगा कि वह धनराशि जो एजुकेशन की दृष्टि से लिया गया हो। यानी कि यदि आपको उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत है या कहीं विदेश में जाकर अपनी शिक्षा को पूरी करने की जरूरत है तो ऐसे में आपको एजुकेशन लोन लेना पड़ता है।
यह लोन भी काफी हद तक सिक्योर्ड लोन ही होता है। लेकिन सरकार इस लोन में बहुत कम ब्याज दर के साथ ज्यादा रियायत देती है। ताकि व्यक्ति जो लोन ले रहा है वह ज्यादा परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
लोन चुकाने के आधार पर लोन के प्रकार (types of loan on the basis of loan repayment times):-
लोन चुकाने के आधार पर लोन को मुख्यतः तीन प्रकार से विभाजित कर सकते हैं।
- Short term loan (less than one year)
- Medium term loan (1-3 years)
- Long term loan (More than one year)
Short term loan:-
ऐसे लोन जिसको चुकाने के लिए एक से कम या एक साल का समय दिया जाता है उसे शार्ट टर्म लोन इसके अंतर्गत पर्सनल लोन को मान सकते हैं
Medium term loan:-
ऐसे लोन जिसकी धन राशि को चुकाने का समय 1 से 3 साल का हो उसे मीडियम टर्म लोन कहते हैं। इस लोन के अंतर्गत आप कार लोन या व्हीकल लोन को ले सकते हैं।
Long term loan:-
ऐसे लोन जो कि काफी बड़ा अमाउंट के साथ ज्यादा सालों तक चुकाने का मौका मिलता है जैसे कि 3 साल से अधिक का समय तो हम इसे लॉन्ग टर्म लोन कहते हैं। इसके अंतर्गत आप बिजनेस लोन या होम लोन या एजुकेशन लोन भी ले सकते हैं।
लोन के लेने के हिसाब से लोन के प्रकार :-
किसी व्यक्ति के लोन के लेने की सहूलियत के आधार पर दो प्रकार के लोन होते हैं।
- ओपन एंडेड लोन (Open ended loan)
- क्लोज़्ड इंडेड लोन (closed ended loan)
ओपन एंडेड लोन (Open ended loan) :-
यह एक लोन ऐसा प्रकार है जो लोन लेने वाले के लिए लचीलापन प्रदान करता है। इसके अंतर्गत आप लोन बार-बार ले सकते हैं। उदाहरण के लिए क्रेडिट कार्ड्स और लाइन आफ क्रेडिट इस लोन के अंतर्गत आता है।
क्लोज़्ड इंडेड लोन (closed ended loan):-
इसमें यदि आप लोन लेते हैं तो आपको पहले वह लोन पूरी तरह से चुकता करना होता है। उसके बाद आप दूसरा लोन ले सकते हैं। इसके अंतर्गत होम लोन या बिजनेस लोन आ सकते हैं।
लोन से संबंधित कुछ शब्दावली (Some terminology regarding loan):-
Lenders:-
लैंडर उसे कहते हैं जो लोन देता है यह कोई व्यक्ति संस्था या बैंक हो सकता है।
Income:-
यदि आप लोन लेना चाहते हैं तो आपको आसानी से लोन तभी मिल सकता है जब आपका इनकम ज्यादा हो। इनकम का मतलब कि आप सालाना कितना रुपया कमाते हैं। आपका इनकम काफी ज्यादा है तो आपको लोन भी आसानी से मिल जाएगा।
EMI:-
इस का फुल फॉर्म EQUATED MONTHLY INSTALLMENT होता है। जब आप लोन लेते है तो आपको हर महीने निश्चित धनराशि चुकाना पड़ता है। उसे ही EMI कहते हैं।
EMI Calculator:-
यह एक प्रकार का फार्मूले से तैयार की गई कैलकुलेटर होता है। जो आपके लिए गए लोन की धनराशि तथा उस पर लगाने वाला ब्याज दर तथा उसको चुकाने के लिए समय के समय के आधार पर पूरे धनराशि को प्रत्येक महीने के हिसाब से बाट देते हैं। और वही धनराशि आपको हर महीने चुकाने होते हैं।
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