Hysteresis motor in Hindi | हिस्ट्रेसिस मोटर क्या है और उपयोग

परिचय:-

हिस्ट्रेसिस मोटर (Hysteresis motor in Hindi) भी सिंगल फेज मोटर के अंतर्गत ही आता है। इस के नाम से ही पता लग रहा है कि इस मोटर में हिस्ट्रेसिस हानि का उपयोग किया गया है। तो आइए इस हिस्ट्रेसिस मोटर को आसान भाषा में तथा कम शब्दों में समझते हैं।

हिस्ट्रेसिस मोटर क्या है (Hysteresis motor in hindi):-

हिस्ट्रेसिस मोटर सिंगल फेज मोटर के कैटेगरी में स्पेशल मोटर का मोटर के अंतर्गत आता है। यह मोटर बहुत ही शांत गति से (यानी बिना किसी प्रकार के शोर किए) चलने वाली मोटर है।

हिस्ट्रेसिस मोटर को चलाने के लिए उस मोटर में उपस्थित लगातार घूर्णन करने वाले चुंबकीय फ्लक्स (Continuously revolving magnetic flux) जिम्मेदार होता है।

इस मोटर में दो वाइंडिंग होती है। जो स्प्लिट फेज ऑपरेशन सिद्धांत के आधार पर कार्य करती है। यही दो वाइंडिंग मोटर के प्रारंभ के समय तथा मोटर के चलने के समय भी सतत रूप से सप्लाई से जुड़ी रहती हैं।

ओवरऑल इस मोटर में शेडेड ध्रुव सिद्धांत का उपयोग किया जाता है। जिससे शेडेड ध्रुव प्रारूप हिस्ट्रेसिस मोटर बनती है। यह उसी प्रकार है जिस प्रकार यदि हम संधारित्र प्ररूपी मोटर के समान स्टेटर कुंडल प्रयोग करें तो मोटर संधारित्र प्ररूपी शेडिंग ध्रुव मोटर कहलाती है। इन दोनों प्रकार के मोटरों में सेंट्रीफ्यूगल डिवाइस नहीं प्रयोग की जाती है।

हिस्ट्रेसिस मोटर की विशेषताएं (characteristics of hysteresis motor in Hindi):-

चुकी हम इन मोटरों में high rententivity या उच्च धारण क्षमता रखना होता है। अतः इस मोटर में चिकने क्रोम स्टील के बेलनाकार रोटर प्रयोग किए जाते हैं। क्योंकि हमें हिस्ट्रेसिस हानि को ऊंचा रखना होता है। और इस रोटर में कोई वाइंडिंग भी नहीं होती है।

अब चुकी रोटर उच्च धारण क्षमता वाला है तो इसमें रोटर के रिवाल्विंग फ्लक्स के कारण उत्पन्न चुंबकीय पोलर्टी को बदलना बहुत ही कठिन होता है।

हिस्ट्रेसिस मोटर के कार्य सिद्धांत (working principle of hysteresis motor in Hindi):-

हिस्ट्रेसिस मोटर के रोटर की ध्रुव विपरीत ध्रुव वाले रिवाल्विंग स्टेटर पोल्स के साथ चुंबकीय रूप से लॉक हो जाता है। और हिस्ट्रेसिस मोटर का रोटर तुल्यकाली गति से घूमने लगता है।

रोटर में चुकी कोई खांचा नहीं होता है और ना ही कोई वाइंडिंग होती है इसीलिए यह मोटर बिना कोई शोर किए शांति से चलता रहता है। इसके साथ साथ मोटर मैकेनिकल और मैग्नेटिक कंपन से भी मुक्त होता है।

Hysteresis motor in Hindi

नीचे आपको एक चित्र दिखाया गया है जो कि घरेलू विद्युत घड़ी में चलने वाली हिस्ट्रेसिस मोटर का है। यह two pole shaded pole type hysteresis motor का चित्र है।

इसमें रोटर के रूप में पतले धातु के चिकने बेलनाकार रोटर का उपयोग किया गया है। यही रोटर उसमें लग गए सॉफ्ट – गियर प्रणाली को चलाती है।

हिस्ट्रेसिस मोटर का उपयोग (Uses of hysteresis motor in Hindi ):-

चुकी इस मोटर की विशेषता यह है कि यह काफी शांत गति से चलता है। इसमें किसी प्रकार का शोर नहीं होता है। अतः इस मोटर को ध्वनि रिकॉर्डिंग उपकरणों में ज्यादातर करके प्रयोग किया जाता है।

इस मोटर का उपयोग विद्युत घड़ियों में भी प्रयोग किया जाता है। यह घड़ियां वह होती है जिसमें सेकंड वाली सुई लगातार घूमती रहती है, रुक रुक कर चलने के बजाय।

प्रायः व्यापारिक हिस्ट्रेसिस मोटर दो ध्रुव वाली होती हैं। जिससे इसका स्पीड 50 Hz पर 3000rpm होती है। अतः इसको घड़ियों में प्रयोग करने के लिए बहुत सारे गियर प्रणालियों का उपयोग करके इसकी गति को कम किया जाता है।

यह मोटर साधारण मोटर की तरह धीरे-धीरे इसका स्पीड नहीं बढ़ता है। इसमें विराम अवस्था से फुल स्पीड तक शीघ्रता से इसकी स्पीड त्वरित हो जाती है।

ऊपर दिए गए हिस्ट्रेसिस मोटर का वर्णन आपके लिए कितना सहायक साबित हुआ कमेंट में हमें जरूर बताएं। और हां अगर कोई आपका इस मोटर से संबंधित क्वेरी है तो जरूर कमेंट करें धन्यवाद।

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