परिचय
दोस्तों, आपने अपने घरों में छोटे छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को देखा ही होगा। जो कि लो वोल्टेज के डीसी सप्लाई पर चलने वाली डिवाइस होती है। लेकिन इसके अलावा भी एक डीसी सप्लाई होती है जो कि हाई वोल्टेज डीसी सप्लाई होती है। जिसे हम HVDC system कहते हैं। आज के इस पोस्ट में हम एचबीडीसी सिस्टम (HVDC transmission system in Hindi) के बारे में समझेंगे।
एचवीडीसी सिस्टम क्या है (HVDC transmission system in Hindi):
जैसे HVAC transmission system होता है। जिसके जरिए हम हाई वोल्टेज पर पावर को ट्रांसमिट करते हैं। उसी प्रकार HVDC सिस्टम होता है। जिसके द्वारा हम पावर को हाई वोल्टेज डीसी के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं। यह सिस्टम हर जगह इस्तेमाल नहीं किए जाते हैं। क्योंकि इसके कुछ लिमिटेशन होते है।

एचवीडीसी सिस्टम के लाभ(advantages of HVDC system in Hindi)
अगर हम HVAC system में देखें तो हमे इस सिस्टम में बहुत सारे हानि दिखाते हैं। जैसे की इसमें निम्न प्रकार के इफेक्ट पाए जाते हैं।
- Skin effect
- Ferranti effect
- Corona effect
- Proximity effect
- Higher insulation required
- Reactive power required
- Power flow control is not easy
- High charging current
- Stability limit
लेकिन वही अगर हम HVDC सिस्टम की बात करें तो इसमें उपर के सभी प्रकार के इफेक्ट नहीं होते हैं। इसे आपको लग रहा होगा कि इतने सारे हानि HVDC सिस्टम में नहीं होते है। लेकिन फिर भी हम इतनी हानि उत्पन्न करने वाले HVAC systems को इस्तेमाल क्यों करते हैं। इसके जगह पे HVDC सिस्टम ही क्यों नही इस्तेमाल कर लेते हैं। आपको पता होना चाइए की HVDC सिस्टम के इतने सारे एडवांटेजेस होने के बावजूद भी इसके कुछ ऐसे लिमिटेशन है जिनके कारण हम इस सिस्टम का प्रयोग ना के बराबर करते हैं।
एचवीडीसी सिस्टम की लिमिटेशन (Limitation of HVDC Transmission system in Hindi):
- HVDC system को हम HVAC system की तरह ट्रांसफार्मर लगाकर स्टेप डाउन नही कर सकते हैं। क्योंकि ट्रांसफार्मर सिर्फ एसी सप्लाई पर रन करता है।
- HVDC सिस्टम की इफियसेंसी लो होती हैं।
- HVDC सिस्टम में लगने वाले इक्विपमेंट (कन्वर्टर, ब्रेकर) का कॉस्ट बहुत हाई होता है। जिससे हमारा कॉस्ट भी हाई हो जायेगा।
- HVDC सिस्टम में लो ओवरलोड कैपेसिटी होती है।
HVDC सिस्टम के कुछ मुख्य पार्ट:-
- रेक्टिफायर
- इनवर्टर
- फिल्टर
इसमें रेक्टिफायर और इनवर्टर के कॉम्बिनेशन को ही कन्वर्टर कहते हैं।
Converter:-
कन्वर्टर ठीक उसी प्रकार कार्य करता है। जिस प्रकार डीसी मोटर में लगा कम्यूटेटर करता है। कन्वर्टर डीसी सप्लाई को एसी में तथा एसी सप्लाई को डीसी में कन्वर्ट करता है।
एचवीडीसी सिस्टम का उपयोग (Application of HVDC system):-
HVDC system का उपयोग फिर भी हम स्पेशल जगहों पर करते हैं। जहां पर HVAC system काम में नही ला पाते हैं।अतः एचवीडीसी सिस्टम का उपयोग निम्न जगहों पर करते हैं।
- अगर हमे HVAC systems को समुद्र के रास्ते पहुंचाने होते हैं तो ऐसी स्थिति में हम अल्टरनेटिंग करंट को हाई वोल्टेज के लेवल पर समुंद्र के रास्ते पहुंचाने में असमर्थ होते हैं। अतः हम एचवीडीसी का प्रयोग इस स्थिति में करते हैं। क्योंकि समुद्र के रास्ते ट्रांसमिशन लाइन को ले जाने के लिए हम केवल का इस्तेमाल करते हैं। और एचवीएसी केबल के लिए उपयुक्त नहीं होता है।
- यह सिस्टम bulk amount में पावर को ट्रांसमिसिट करने के लिए किया जाता है।
- HVDC लिंक बनाने के लिए HVDC सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
HVDC लिंक क्या होता है? :
किसी दो या दो से अधिक क्षेत्रों के ग्रिड को एक दूसरे से कनेक्ट करने के लिए एचवीडीसी लिंक या एसबीडीसी सिस्टम से जोड़ा जाता है। इसे ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि जुड़ने वाले किन्ही दो ग्रिडों की फ्रीक्वेंसी समान नहीं हो पाती। और जोड़ने के लिए फ्रीक्वेंसी समान होना जरूरी है।
आइडियल ग्रिड:
एक आइडियल ग्रिड की फ्रीक्वेंसी और वोल्टेज नियत (Constant) रहती है। जबकि हम जानते हैं कि कोई भी ग्रिड आइडियल नही होती है। लेकिन हा आइडियल के आस पास ही रहती है। अतः हम एक ग्रिड को आइडियल कह सकते हैं। और यह भी कह सकते हैं कि फ्रीक्वेंसी समान है। इसका मतलब ये नही को हम एक ग्रिड को दूसरे ग्रिड से आसानी से जोड़ देंगे। इसके लिए हमे HVDC लिंक बनाना ही पड़ता है।

एचवीडीसी सिस्टम के प्रकार (types of HVDC system):
HVDC system को विभिन्न प्रकार से बना सकते हैं।
- मोनोपोलर (monopolar HVDC system)
- बाइपोलर एचवीडीसी सिस्टम (bipolar HVDC system)
- होमोपोलर एचवीडीसी सिस्टम (Homopolar HVDC system)