ड्रिल मशीन ओवरलोड के दौरान क्यों नहीं जलता है : ड्रिल मशीन मोटर

ड्रिल मशीन

ड्रिल मशीन पावर टूल के अंतर्गत आता है। इसका काम किसी भी प्रकार के कठोर वस्तु या सतह मे होल करने के लिए किया जाता है। इसमें सतह के कठोरता के आधार पर अलग-अलग प्रकार के बिट लगाए जाते हैं। ड्रिल मशीन के कार्य से ही पता लग रहा है कि इस मशीन में लगने वाली मोटर पर कितना लोड पड़ता है।

ड्रिल मशीन पर लोड बढ़ाने की प्रवित्ति

इस मोटर पर सामान्यतः जब लोड पड़ता है तो लोड अचानक पड़ता है। इसमें ऐसा नहीं होता है कि इस मोटर पर धीरे-धीरे लोड बड़े।

अचानक लोड बढ़ने के कारण इसमें लोड करंट का मान अचानक से बढ़ जाता है। और सप्लाई वोल्टेज में तेजी से गिरावट आती है। लोड करंट बहुत ज्यादा बढ़ने के कारण हम देखते हैं कि ड्रिल मशीन का मोटर उसे आसानी से सह लेता है।

तो आज किस पोस्ट में हम जानेंगे और समझेंगे की ड्रिल मशीन पर अचानक कई गुना करंट बढ़ने के बाद भी ड्रिल मशीन का मोटर जलता क्यों नहीं है।इसके पीछे की तकनीकी को हम समझेंगे की मोटर में ऐसी कौन सी क्रिया होती है। जिसके कारण मोटर नहीं जलता है।

ड्रिल मशीन में लगने वाली मोटर

ड्रिल मशीन में मोटर जो लगा रहता है उस मोटर को यूनिवर्सल मोटर कहते हैं चुकी यह यूनिवर्सल मोटर संरचना के आधार पर एक प्रकार से डीसी सीरीज मोटर ही होता है। लेकिन इस सीरीज मोटर को एसी सप्लाई पर चलने के लिए इसमें कुछ मॉडिफिकेशन कर देते है।

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डीसी सीरीज मोटर का बलाघूर्ण समीकरण

अब हम जान चुके हैं कि ड्रिल मशीन में मोटर मुख्यतः सीरीज मोटर ही होता है। सीरीज मोटर के बल आघूर्ण का सूत्र T = K φse Ia होता है। लेकिन डीसी सीरीज मोटर के फील्ड वाइंडिंग armature के सीरीज मे जुड़ा होता है। अतः जो करंट आर्मेचर में होगी वही करंट फील्ड वाइंडिंग में भी होगी। अतः चुकी करंट बढ़ने पर फील्ड फ्लक्स का मान भी उसी अनुपात में बढ़ता है तो हम फ्लक्स φse के जगह पर Ia रख सकते हैं। इसलिए अब T = K Ia2 होगा।

या

Ia = √(T/K) होगा। यह मान फुल लोड पर करंट का मान है।

बल आघूर्ण के सूत्र से यह भी पता चलता है कि जब लोड अचानक बढ़ता है तो मोटर का बलाघुर्ण भी बढ़ता है। अब माना कि बल आघूर्ण अचानक 2 गुना बढ़ गया तो

अब मान लीजिए बल आघूर्ण फुल लोड पर बल आघूर्ण के 4 गुना ज्यादा बल आघूर्ण बढ़ गया तो

अब मान लीजिए फुल लोड बल आघूर्ण का 16 गुना बढ़ गया तो

एक्सप्लैनेशन

उपरोक्त तीनों प्रकार के स्थिति को अगर हम देखें तो हम पाते हैं कि जब मोटर पर फुल लोड पर बल आघूर्ण के दोगुना बल आघूर्ण बढ़ता है तो उस समय I’a दोगुना ना बढ़कर सिर्फ 1.4 14 गुना ही बढ़ता है जो कि समीकरण एक में चित्र में दिखाया गया है।

अब हम देखते हैं कि जब बल आघूर्ण बढ़कर 4 गुना हो जाता है तो उस समय मोटर का आर्मेचर करंट 4 गुना ना बढ़कर सिर्फ फुल लोड करंट का दोगुना ही बढ़ता है। जो कि समीकरण 2 में दिखाया गया है।

तीसरे वाले समीकरण में जब मोटर का बल आघूर्ण 16 गुना बढ़ता है तो हम देखते हैं कि आर्मेचर करंट फुल लोड करंट का सिर्फ 4 गुना ही बढ़ता है।

इन तीनों स्थिति में आपने देखा कि जितना बल आघूर्ण बढ़ रहा है उससे बहुत कम ही करंट का मान बढ़ रहा है। मतलब कि जितना गुना बल आघूर्ण बढ़ता है उतना गुना आर्मेचर करंट का मान नहीं बढ़ता है। ड्रिल मशीन के मोटर का यही गुण मोटर को जलने से बचा देता है।

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