कंप्यूटर का परिचय (introduction to computer):-
Compute शब्द से बना कंप्यूटर (computer) का शाब्दिक अर्थ गणना करने वाला होता है। क्योंकि compute का अर्थ गणना करना होता है। अतः कंप्यूटर को पहले के समय में सामान्यतः एक calculating device माना जाता था। क्योंकि जब पहली बार कंप्यूटर अस्तित्व में आया तो इसे बनाए का मुख्य उद्देश्य सिर्फ गणना करना था। लेकिन अब कंप्यूटर सिर्फ गणना करने तक सीमित नहीं है। आजकल कंप्यूटर का उपयोग हर एक क्षेत्र में जैसे मेडिकल का क्षेत्र, शिक्षा का क्षेत्र, फिल्म जगत का क्षेत्र सभी जगह बहुत बड़े स्तर पर उपयोग किया अलग अलग काम करने के लिए किया जाता है। दोस्तों आज हम लोग इसी टॉपिक पर discuss करेंगे कि कंप्यूटर क्या है (Computer kya hai) और यह कैसे काम करता है। इसके कितने और कौन कौन से parts होते है। इसका इतिहास क्या रहा है।
कंप्यूटर क्या है (computer kya hai):-
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक device है जो हमारे द्वारा दिए गए इनपुट डाटा को रिसीव करता है , और उस प्राप्त किए गए डाटा के अनुसार प्रोसेसिंग करता है और प्रोसेसिंग करने के बाद एक उचित आउटपुट हमें प्रदान करता है।

कंप्यूटर का हिंदी नाम क्या है (computer ka hindi naam kya hai) :-
चुकी हम जानते हैं कि कंप्यूटर का अर्थ गणना करना होता है। अतः इसे हिंदी में संगणक के नाम से जाना जाता है जिसका भी अर्थ गणना करने वाला ही होता है।
कंप्यूटर के प्रकार (Types of computer in hindi):-
कंप्यूटर को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है।
- एनालॉग कंप्यूटर (analog computer)
- डिजिटल कंप्यूटर (digital computer)
- हाइब्रिड कंप्यूटर (hybrid computer)
एनालॉग कंप्यूटर क्या है (what is analogue computer in Hindi):-
ऐसे कंप्यूटर जो लगातार बदलने वाले फिजिकल वैल्यू में प्रयोग होता है। जैसे कि इलेक्ट्रिक पोटेंशियल, fluid pressure, आदि इन सभी प्रकार के राशियों की गणना करने के लिए एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है।एनालॉग कंप्यूटर का सबसे अधिक मेडिकल साइंस में प्रयोग किया जाता है।

डिजिटल कंप्यूटर क्या है ( what is digital computer in hindi):-
दोस्तों आजकल डिजिटल कंप्यूटर सबसे ज्यादा प्रयोग में होने वाली डिवाइस है। इस प्रकार के कंप्यूटर माइक्रोप्रोसेसर के टेक्नोलॉजी पर आधारित होता है। इस प्रकार का कंप्यूटर बाइनरी कोड के आधार पर चलता है। मतलब की अगर इसे आसान भाषा में कहें तो यह कंप्यूटर सिर्फ बायनरी भाषा को समझता है। इस बाइनरी मे 0 तथा 1 दो वैल्यू होता है। इसी दो वैल्यू के आधार पर हम कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देते हैं। इसमें जीरो (0) का मतलब false (गलत) होता है था एक (1) का मतलब true (सही) होता है।

जब भी हम कोई इनपुट कंप्यूटर को देते हैं तो चाहे वह इंस्ट्रक्शन किसी भी प्रकार का हो वह इंस्ट्रक्शन कंप्यूटर को जीरो तथा एक के रूप में प्राप्त होता है और उसे उसी इंस्ट्रक्शन के हिसाब से हमें जीरो तथा एक के रूप में आउटपुट देता है। लेकिन कंप्यूटर का कनवर्टर सिस्टम हमें समझने के लिए हमारे अनुसार बदल कर दिखाता है।
हाइब्रिड कंप्यूटर क्या होता है (what is hybrid computer in hindi):-
दोस्तों नाम से ही हमें पता चल रहा है की इस प्रकार के कंप्यूटर में दो प्रकार की कंप्यूटर (analogue & digital) का मिक्चर होता है। मतलब की इस प्रकार की कंप्यूटर में दोनों प्रकार के ऑपरेशन होता है।

साइज के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार (types of computer on the basis of size):-
साइज के आधार पर कंप्यूटर निम्न प्रकार के होते हैं।
- माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
- मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
- मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
- सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
माइक्रो कंप्यूटर क्या है(what is micro computer in Hindi):-
इस प्रकार की कंप्यूटर का डिजाइन काफी कंपैक्ट होता है। इसमें माइक्रो प्रोसेसर का इस्तेमाल कर बनाया जाता है। इसे माइक्रोकंप्यूटर कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर desktop, laptop, palmtop, tablet, notbook इत्यादि होते हैं।
मिनी कंप्यूटर क्या होता है(what is mini computer in hindi):-
Mini computer का इस्तेमाल मुख्यत व्यावसायिक स्तर पर किया जाता है। जहा पर एक से अधिक यूजर काम करते है। इसका प्रोसेसर, माइक्रो प्रोसेसर से अपेक्षाकृत बड़ा होता है।
मेनफ्रेम कंप्यूटर क्या है(what is mainframe computer in hindi):-
इस प्रकार के कंप्यूटर मिनी कंप्यूटर से बड़ा होता है इसमें बड़े साइज का प्रोसेसर इस्तेमाल होता है। इस प्रकार के कंप्यूटर पर यूजर की संख्या मिनी कंप्यूटर से अधिक होती है। इस कंप्यूटर को बड़े स्तर पर प्रयोग करने के लिए बनाया जाता है। इसका उपयोग e- कॉमर्स, बैंकिंग सेक्टर, मिलिट्री में, healthcare sector में किया जाता है।

सुपर कंप्यूटर क्या होता है( what is super computer in hindi):-
सभी प्रकार के कंप्यूटर के अपेक्षा सबसे बड़े साइज के प्रोसेसर वाला कंप्यूटर, सुपर कंप्यूटर होता है। यह सबसे तेज गति से चलने वाला कंप्यूटर होता है। यह सबसे तेज गति से किसी डाटा को प्रोसेस करने मै सक्षम होता है। तथा यह सबसे तेज गति से कैलकुलेशन का भी काम करता है। इसका सामान्यतः न्यूक्लियर साइंस में कैलकुलेशन तथा analysis के लिए किया जाता है। दुनिया का सबसे पहला सुपर कंप्यूटर CRAY-I है। भारत का पहला सुपर कंप्यूटर PARAM-10000 है।

दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर (most powerful computer in the world):-
हाल ही के न्यूज़ के अनुसार दुनिया का सबसे पावरफुल कंप्यूटर जापान का फुगाकू(Fugaku) सुपर कंप्यूटर है।
कंप्यूटर का इतिहास (history of computer in Hindi):-
कंप्यूटर आज कल का सबसे आधुनिक यंत्र बन गया है लेकिन इसका इतिहास भी बहुत पुराना रहा है। कंप्यूटर की शुरुआत कैलकुलेटर डिवाइस बनाने से हुई है और सबसे पहली बार अबाकस नामक कैलकुलेटर को बनाने से हुई जिसको ईसा पूर्व में बनाया गया। पहले बनाई गई डिवाइस, मैकेनिकल डिवाइसेज थी। अबाकस (abacus) के बाद पास्कल लॉरेंस जैकब आदि कैलकुलेटिंग डिवाइस आई लेकिन इसमें एक कमी हाथी की इसमें कोई मेमोरी की सुविधा नहीं थी। लेकिन 17 वीं सेंचुरी में चार्ल्स बैबेज के द्वारा एक एनालिटिकल और डिफरेंस मशीन बनाई गई जिस में एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि इसमें मेमोरी की सुविधा उपलब्ध थी। और यही कारण था कि चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक (Father of computer) माना जाता है।
पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर ENIAC था जिस का फुल फॉर्म है electronic numerical in integrater and calculator और यही वो समय था जहा से इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर युग की शुरुआत हुई।
कंप्यूटर की पीढ़ियां( generation of computer in hindi) :-
दोस्तों अगर कंप्यूटर के जेनरेशन कि बात करे तो अभी तक पांच पीढ़ियां आ चुकी है। जो कि निम्न है।
पहला पीढ़ी (First generation) (1945-1954):-
पहले जेनरेशन के कंप्यूटर को वैक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर के बनाया गया था। यह इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर के क्षेत्र में पहला कदम था, जो 1945 से शुरू हुआ।
दूसरा पीढ़ी (Second Generation)(1955-1964):-
यह पीढ़ी 1955 से शुरू हुआ था तथा कंप्यूटर को और छोटा तथा तेज काम करने के लिए इसमें ट्रांजिस्टर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया।
तीसरी पीढ़ी(Third Generation)(1965-1974)-
इस पीढ़ी की शुरुआत 1965 से हुई इसमें कंप्यूटर को और ज्यादा कंपैक्ट और 30 बनाने के क्षेत्र में काम किया गया इसमें आईसी(IC) इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल किया गया यहां से हमें भविष्य के कंप्यूटर का झलक साफ साफ दिखने लगा और हम इस क्षेत्र में और तेजी से विकास करने लगे ।
चौथी पीढ़ी(Fourth Generation)(1975- अभी तक):-
इस जेनरेशन में पीबीसी (pbc) या प्रिंटेड सर्किट बोर्ड का इस्तेमाल करने लगे। और उसमे माइक्रो प्रोसेसर का इस्तेमाल करने लगे। जिससे कंप्यूटर और छोटा और तेज हो गया । इससे हम कंप्यूटर इतना छोटा बना सकते थे की हम कंप्यूटर को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाता जा सकता है। जैसे कि लैपटॉप और PC इसके उदाहरण है।
पांचवीं पीढ़ी(Fifth Generation)(वर्तमान – अगला):-
इस पीढ़ी को वर्तमान का पीढ़ी और आने वाला कल का पहले पीढ़ी मां सकते है। इस जेनरेशन में कंप्यूटर में आर्टिफिशल intelligence ne जगह ले ली है। और आने वाले समय में यह आर्टिफिशल intelligence और ज्यादा एडवांस हो जाएगा। उस समय हम यह feel कर सकेंगे कि एक मशीन सामान्य है मानव को तरह कार्य कर रहा है।
कंप्यूटर के भाग(Parts of computer in hindi):-
जैसा कि हम सब जानते हैं की कंप्यूटर अलग-अलग भागो से मिलकर बना है जो कि निम्न है।


मॉनिटर (moniter):-
इसके द्वारा हम कंप्यूटर के द्वारा प्रदर्शित किया गया और पुट को देख पाते हैं।
सीपीयू (CPU):-
सीपीयू का फुल फॉर्म सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है। इसे कंप्यूटर का ब्रेन माना जाता है क्योंकि सभी प्रकार के प्राप्त डाटा का प्रोसेसिंग इसी भाग में होता है।
कीबोर्ड (keyboard):-
यह कंप्यूटर का एक इनपुट डिवाइस होता है। जिसके द्वारा हम अपना इनपुट कंप्यूटर को देते हैं इसके द्वारा हम टाइपिंग और कई प्रकार के फंक्शन को ऑपरेट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
Keyboard कितने प्रकार के होते है?
माउस (mouse):-
माउस भी कंप्यूटर का एक इनपुट device है। इसे pointing device है जिसके जरिए हम कंप्यूटर में drawing और desinging करने के साथ साथ कंप्यूटर में इंट्रक्शन भी देने को काम करते है।
Mouse कैसे काम करता है और इसका इतिहास क्या है?
यूपीएस (UPS):-
यूपीएस को भी कंप्यूटर का एक अहम part माना जाता है। क्योंकि इसका काम अचानक पॉवर के कट होने पर कंप्यूटर को शट डाउन होने से बचाता है। ताकि आपके काम किए गए डाटा को सेव कर सके। इसका फुल फार्म uninterrupted power supply होता है।
यूपीएस क्या है कितने प्रकार का होता है?
मदर बोर्ड (mother board):-
मदरबोर्ड कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है। जो कंप्यूटर के सीपीयू में लगा होता है। इसी मदरबोर्ड में ही सभी प्रकार के कंपोनेंट जैसे माइक्रो प्रोसेसर RAM , ROM, और सभी प्रकार के Ic’s लगे होते हैं ।
रैम (RAM):-
बेसिकली रैम का फुल फॉर्म Random access memory होता है। मतलब इसमें कोई भी डेटा कुछ समय के लिए स्टोर रहता है। जब आप कंप्यूटर पर कोई काम करते है तो उस समय जिस मेमोरी क उपयोग होता है वह RAM ही होता है। और जब आप काम करना बंद कर देते हैं तो सेव हुआ डाटा कुछ देर बाद ऑटोमैटिक मिट जाता है।
रोम(ROM):-
इसका फुल फार्म Read only memory होता है। इसके नाम से ही पता चल रहा है। की रोम का उपयोग सिर्फ उस से होता है जिस से device को बुट( boot) किया जाता है। उस समय जो हम company का लोगो तहत नाम देखते है वह सारी details हमारे रोम मे स्टोर रहती है। जिसे हम BIOS इंफॉर्मेशन भी कहते है।
Display adapter card(graphic card):-
यह कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कंपोनेंट माना जाता है। इस ग्राफिक्स कार्ड को हम कंप्यूटर और हमारे बीच कम्युनिकेशन का एक जरिया मान सकते है। ग्राफिक कार्ड, सीपीयू और मॉनिटर के बीच कम्युनिकेशन स्थापित करता है। सीपीयू के द्वारा को भी आउटपुट मिलता है उसे मॉनिटर पर प्रदर्शित करने का काम ग्राफिक कार्ड करता है।
Expension slot:-
कंप्यूटर के मदरबोर्ड में कुछ एक्स्ट्रा स्लॉट लगे होते हैं। जिसकी मदद से हम कंप्यूटर में कुछ अन्य डिवाइस या इंटरफ़ेस को जोड़ सकते हैं। कभी-कभी हमें ऐसा देखने को मिलता है की ऐसा कोई फीचर होता है जो हमारे वर्तमान कंप्यूटर को सपोर्ट नहीं करता है। तो ऐसी स्थिति में हम उस फीचर को सपोर्ट कराने के लिए एक अलग डिवाइस एक्सपेंशन स्लॉट की मदद से जोड़ देते हैं।
Fan:-
यह फैन एग्जास्ट फैन टाइप का होता है जो सीपीयू के अंदर उत्पन्न होने वाली गर्मी को बाहर निकालता है जिससे सीपीयू ठंडी रहती है।
एसएमपीएस ( SMPS):-
जब कंप्यूटर में पावर आता है तो सबसे पहले एसएमपीएस(SMPS) में आता है। तथा एसएमपीएस उस पावर को कंप्यूटर के छोटे-छोटे कंपोनेंट(Component) में उसके पावर कैपेसिटी के अनुसार डिस्ट्रीब्यूट कर देता है।
Power switch button:-
computer को on तथा off करने के लिए पॉवर स्विच बटन (power switch button) दिया होता है। जो कि सीपीयू में लगा होता है। यह toggle switch type का स्विच होता है।
Indicator light:-
computer में एक छोटा सा सिग्नल लाइट दिया रहता है। जो हमे यह सिग्नल देता है कि अगर यह लाइट जल रही है तो इसका मतलब की आपका सिस्टम running की स्थिति में है। जब हम कंप्यूटर को ऑफ करते है तो यह लाइट automatically off हो जाता है।
Power supply socket:-
इसके द्वारा कंप्यूटर को पॉवर की सप्लाई दी जाती है।
कीबोर्ड सॉकेट (keyboard socket):-
इस सॉकेट की मदद से keyboard को कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है।
माउस सॉकेट (mouse socket):-
इसके द्वारा माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है।
पैरेलल स्लॉट(parellel slot):-
इस सॉकेट के द्वारा किसी भी पैरेलल पिं वाले device को कनेक्ट कर सकते है। जैसे कि प्रिंटर इत्यादि।
VGA port:-
इस port के द्वारा किसी भी प्रकार के visual display unit(VDU) को जोड़ा जाता है। जैसे कि मॉनिटर।
USB port:-
इसका फुल फार्म universal serial bus होता है। इसकी मदद से हम अनेक प्रकार के device जैसे के बोर्ड, माउस मॉडेम, पेनड्राइव इत्यादि को कनेक्ट कर सकते है। कंप्यूटर में यूएसबी का version -2.0 इस्तेमाल किया जाता है।
Mic & speaker socket:-
इसकी मदद से हम हेडफोन, इयरफोन, mic तथा speaker booster इत्यादि जोड़ सकते है।
Network slot:-
इस स्लॉट की सहायता से हम इंटरनेट के नेटवर्क केवल को कनेक्ट करते है। जिसके द्वारा हम कंप्यूटर पर इंटरनेट एक्सेस कर पाते है।
IEEE 1394(FIRE WIRE):-
यह एक सीरियल बस इंटरफेस होता है। जिसकी मदद से किसी भी डाटा को हाई स्पीड के साथ transfer कर सकते है। इस स्लॉट को बनाने वाली कंपनी ने इसका नाम Fire Wire रखा।
Table of all computer components:-
S.N. | Components | Description |
---|---|---|
1. | Moniter | To display outputs |
2. | CPU | All processing done here after giving input |
3. | Keyboard | To give input like typing and function keys |
4. | Mouse | To give instruction to the computer by pointing |
5. | UPS | To give continuous supply to the computer |
6. | Motherboard | All small components of the computer mounted here |
7. | RAM | It’s a temporary memory which is used during operating computer |
8. | ROM | Its small size of memory which is used during booting computer. |
9. | Graphic Card | Its helps to display output on monitor |
10. | Expension slot | For adding extra device interface |
11. | Fan | For cooling CPU |
12. | SMPS | Giving supply to various component of computer |
13. | Power Switch Button | It is used for on /off computer |
14. | Keyboard Socket | To connect keyboard |
15. | Mouse Socket | To connect mouse |
16. | Parellel slot | For connecting printer |
17. | VGA Port | To connect monitor |
18. | USB Port | To connect various types of device like pen drive, keyboard, mouse etc. |
19. | Mic & Speaker socket | To connect Mic and speaker |
20. | Network slot | To connect internet service |
21. | IEEE 1394 (Fire Wire) | For transferring data with high speed |
22. | Power supply socket | To give supply to the computer |
23. | Indicator light | Its a signal for knowing computer’s on/off condition |
कंप्यूटर की विशेषता (characteristics of computer in hindi):-
आजकल कंप्यूटर के टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इतनी क्रांति आती है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्न है।
स्पीड(speed):-
कंप्यूटर की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण विशेषता इसकी स्पीड को माना जाता है। यह तीव्र गति से किसी भी कार्य को आसानी से करने वाला यंत्र है। Computer किसी भी कार्य को जो मनुष्य घंटों लगाता है उसे यह 1 सेकंड के कुछ भाग में ही हल कर देता है। यह बात आश्चर्यजनक है कि कंप्यूटर मिलियन इंस्ट्रक्शन को एक सेकंड में प्रोसेस कर सकता है।
एक्यूरेसी (Accuracy):-
कंप्यूटर की दूसरी सबसे बड़ी विशेषता इसकी एक्यूरेसी है कंप्यूटर किसी भी कार्य को हंड्रेड परसेंट 100% एक्यूरेसी के साथ करता है। इसके द्वारा किया गया कार्य में कोई भी गलती नहीं हो सकता है इसलिए कंप्यूटर को आजकल ज्यादा महत्व दिया जा रहा है।
Delligence:-
थकान और आलसी पन सिर्फ हम मानव तथा जीवों में पाया जाता है इन कंप्यूटर मे नही। अतः कंप्यूटर बिना थके 24×7 काम कर सकता है।
Storage capacity:-
कंप्यूटर की यह भी एक विशेषता है कि कंप्यूटर पर किसी भी प्रकार के किए गए काम को हम आसानी से स्टोर कर सकते हैं क्योंकि इसमें स्टोरेज कैपेसिटी होती है अतः कंप्यूटर की स्टोरेज कैपेसिटी हमें फ्यूचर में रिवीजन के लिए काफी मददगार साबित होती है। कंप्यूटर में स्टोरेज कैपेसिटी के रूप में हार्ड डिक्स फ्लॉपी डिस्क ऑप्टिकल डिस्क इस्तेमाल किया जाता है।
Multitasking:-
कंप्यूटर के द्वारा एक समय में एक से अधिक कार्य किया जा सकता है जैसे कि आप कोई भी काम कर रहे हैं जैसे प्रेजेंटेशन बनाने के साथ-साथ आप गाने भी सुन सकते हैं या साथ में कोई डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं।
कंप्यूटर का उपयोग (applications of computer in hindi):-
दोस्तों कंप्यूटर के उपयोग में को गिनना संभव नहीं है लेकिन मैं कुछ उपयोगी को गिना सकता हूं जो कि निम्न है।
बैंक के क्षेत्र में (in banking sector):-
बैंक के क्षेत्र में कंप्यूटर तो मानो क्रांति हिला दी है। आजकल जो हम कैशलेस इंडिया का सपना देख रहे हैं वह सब कंप्यूटर का ही देन है। आजकल हम कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की मदद से ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन मोबाइल से कर सकते हैं।
In hospital:-
आजकल हॉस्पिटल की मैनेजमेंट को इस कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हुए देखा ही होगा। कंप्यूटर के द्वारा आप रिसेप्शन पर से ही पेशेंट के नाम और वार्ड नंबर सब आसानी से पता कर सकते हैं हॉस्पिटल की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा को कंप्यूटर से ही मैनेज करते हैं।
Desktop publishing:-
Desktop publishing कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है इसके द्वारा आप ग्राफिक डिजाइन, ग्रीटिंग कार्ड डिजाइन, मैरिज कार्ड डिजाइन, मैगजीन कवर पेज डिजाइन आदि कार्य कर सकते हैं।
सुरक्षा के क्षेत्र में:-
आजकल सुरक्षा करने वाले तकनीकी इन कंप्यूटर के द्वारा ही ज्यादा एडवांस हो गया है आजकल जितने भी प्रकार की मिसाइल बनाई जा रही हैं वह सब कंप्यूटराइज्ड कंट्रोल्ड होती हैं।
टेलीकम्युनिकेशंस:-
आजकल हम लोग मोबाइल फोन से दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से बात कर लेते हैं इसका मुख्य कारण कंप्यूटर ही है।
कंप्यूटर से होने वाली हानियां (disadvantage of computer in Hindi):-
दोस्तों कंप्यूटर के लाभ को गिराने की जरूरत ही नहीं क्योंकि उपयुक्त लेखों में कंप्यूटर का सिर्फ लाभ ही वर्णन किया गया है।
अब हम इसके हानि को भी देख लेते हैं दोस्तों कंप्यूटर से निम्न प्रकार की हानियां हो सकती हैं।
Hacking and blackmailing:-
आजकल कंप्यूटर का उपयोग जितना बड़ा है उतना ही हमारे समाज में इससे संबंधित नेगेटिव तत्व आ गए हैं बहुत सारे क्रिमिनल माइंडेड लोग कंप्यूटर का उपयोग कर लोगों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर रहे हैं। और लोगों को डाटा को चुरा कर ब्लैकमैल भी कर रहे है।
Cyber crime:-
इसके अंतर्गत लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल कर आम जनता के बैंकों से पैसा निकाल लेते हैं इसलिए हमें ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा को बहुत ही सावधानी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए।
Unemployment:-
बेरोजगारी का बढ़ना कंप्यूटर के क्षेत्र में क्रांति आना भी एक कारण हो सकता है। क्योंकि कंप्यूटर के आने के कारण कंप्यूटर 10 लोगों के काम को अकेले कर दे रहा है जिससे बेरोजगारी में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी हुई है ।
Conclusion:-
दोस्तों उपयुक्त आर्टिकल से मुझे लगता है कि कंप्यूटर क्या है (computer kya hai) का बेसिक जानकारी मिल गई होगी।
चुकी कंप्यूटर से होने वाली हानि का दोष हम कंप्यूटर को नहीं दे सकते हैं क्योंकि कंप्यूटर स्वयं कुछ नहीं करता जब तक हम इसमें कोई इंस्ट्रक्शन नहीं देते। जब हम कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देते हैं उसी इंस्ट्रक्शन के अनुसार कंप्यूटर में आउटपुट देता है अतः indirectly कंप्यूटर का दुरुपयोग हम लोग ही करते हैं। अतः हम सबको या सीख लेना चाहिए की कंप्यूटर का उपयोग सही ढंग से करें और आगे बढ़े धन्यवाद।
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