Bus coupler in Hindi | बस कपलर क्या है और इसका उपयोग

परिचय:

दोस्तों आपने का नाम तो सुना ही होगा। ये बस कपलर (bus coupler in Hindi) हमारे बहुत प्रकार के इंडस्ट्रियल पैनल में देखने भी मिलता है। अतः आज के इस पोस्ट में हम बस कपलर क्या होता है। और इसका उपयोग क्या है। इसको भी समझेंगे।

बस कपलर क्या है? (Bus coupler in Hindi):

बस कपलर दो शब्दो से मिलकर बना है। जिसमें बस और कपिल शब्द शामिल है। बस का यहां यह मतलब होता है बस बार और कपलर का यहां अर्थ होता है जोड़ने वाला यानी कि बस बार को जोड़ने वाला एक ऐसा सिस्टम होता है जिसे हम बस कपलर कहते हैं। यानी कि यदि हमारे पास दो बस बार है जो दो सोर्स से आ रहे हैं। तो इन दोनो को कपल करने का काम हमारा बस कपलर करता है। जैसे की इस चित्र में बीच वाला सर्किट ब्रेकैर बस coupler का सेक्शन है.

Bus coupler in Hindi

ये बस कपलर इंडस्ट्री में प्रयोग होने वाले पैनल में जैसे की इंडस्ट्री एक main LT panel में लगा हुआ मिल जायेगा। इन पैनल में ही बस बार लगे होते हैं। जिसको बस कपलर द्वारा कपल किया जाता है।  दोस्तों बस कपलर किन्ही दो बसों से आने वाले सप्लाई को मैनेज करता है। मतलब की इंडस्ट्री में पावर को सप्लाई का सोर्स दो प्रकार का होता है। जिसमे एक पावर ग्रिड की सप्लाई होती है। और दूसरा एक स्टैंड बाई में डीजी की सप्लाई होती है। जिसमे पावर ग्रिड एक मुख्य पावर सप्लाई होती है।  जिसमे  यदि किसी कारणवश पावर ग्रिड की सप्लाई चली जाती है। तो इस स्थिति में हम स्टैंड बाई में लगे डीजी सप्लाई को बस कपलर के माध्यम से जोड़ देते है।

क्या बस कपलर और चेंज ओवर स्विच समान है?:

बस कपलर के कार्य करने के सिद्धांत से आपको ये लग सकता है कि ये बस कपलर और चेंज ओवर स्विच तो दोनो समान है। लेकिन दोस्तों ये दोनो समान नहीं हैं। बस कपलर का सिस्टम बहुत ज्यादा एडवांस होता है। और इसको बनाने में या इसका ओवर ऑल कॉस्ट बहुत ज्यादा होता है चेंज ओवर स्विच की अपेक्षा। बस कपलर को अगर आप देखेंगे तो इसमें एक सर्किट ब्रेकर लगा होता है। अतः यह ऐसे काम करता है आपको पावर ग्रिड के लाइन शट डाउन होने का पता नही चलता है। मतलब की इसमें पावर इंट्रप्शन की समस्या नहीं आतीं है। जबकि चेंज स्विच के स्थिति में सप्लाई सोर्स बदलने के टाइम पावर का इंट्रप्शन देखने को मिलेंगे।

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बस कपलर काम कैसे करता है ( how bus coupler works) :-

दोस्तों बस कपलर का काम करने का तरीका सिंपल है। जिसको हम आसानी से समझ सकते हैं इसको समझने के लिए हम ब्लॉक डायग्राम के माध्यम से समझेंगे। अतः हम मान लेते हैं की एक पैनल है जिसमे दो पावर सोर्स से सप्लाई आ रही है। जिसमे एक हमारा पावर ग्रिड वाला पावर सप्लाई है तथा दूसरा हमारा डीजी वाला पावर सोर्स है। यानी कि इनकमिंग सप्लाई दो है। अतः आप चित्र में देख सकते है दोनो इनकमिंग सप्लाई के लिए अलग अलग बीसीबी यानी कि वैक्यूम सर्किट ब्रेकर लगा है। लेकिन चित्र में एक और सर्किट ब्रेकर दिख रहा होगा। जो की इन दोनो सप्लाई के बीच में लगा है। यही सर्किट ब्रेकर ही हमारा बस कपलर का सर्किट ब्रेकर है।

अब दूसरे चित्र में देख सकते हैं कि तीनो सर्किट ब्रेकर को ऑफ की स्थिति में दिखाया गया है। अतः इस स्थिति में दोनो आउटपुट बस बार में कोई सप्लाई नहीं जाएगी।

Bus coupler in Hindi

अब यदि पावर ग्रिड वाली vcb को ऑन कर दिए और बाकी दोनों ब्रेकर (बस कपलर और डीजी वाला ब्रेकर) ऑफ है तो इस स्थिति में सिर्फ Output bas baar-1 में ही सप्लाई जायेगी।

Bus coupler in Hindi

अब यदि इसी स्थिति में अगर चाहे की हमारा पावर ग्रिड की सप्लाई Output bas baar-2 में भी जाए तो हम बस कपलर के ब्रेकर को ऑन कर देंगें। जिससे हमारा सप्लाई दूसरे वाले आउटपुट बस बार में भी जाने लगेगा।

Bus coupler in Hindi

अब यदि अचानक पावर ग्रिड को सप्लाई चली गई और हमे दोनो आउटपुट बसबार में सप्लाई देने है तो हमारा बस कपलर का ब्रेकर ऑन होगा और डीजी की सप्लाई दोनो आउटपुट बस बार पर चली जायेगी।

Bus coupler in Hindi

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