Biomass energy in Hindi | बायोमास उर्जा क्या होता है वर्तमान में इसके उपयोग

परिचय : –

मनुष्य जब से इस पृथ्वी पर अस्तित्व में आया तब से ही उसे उर्जा की जरुरत पड़ी है। और उस जरुरत को किसी न किसी प्रकार  से पूरा किया है। ऐसा माना जाता है की बायोमास उर्जा (Biomass energy in Hindi) ही है जो मनुष्य शुरू में प्रयोग में लाया था। आज के इस पोस्ट में हम बायोमास उर्जा के बारे में विस्तार से समझेंगे।

बायोमास उर्जा (Biomass energy in hindi): –

आर्गेनिक अपशिष्ट, पेड़ पौधे के सूखे लकड़ी, सीवेज के कचरा जो कि की शहरी नाले से निकला है, फसलों के बचे हुए पुआल या डंठल आदि से प्राप्त होने वाली उर्जा, बायोमास उर्जा कहलाती हैं। अगर हम थोडा और गहराई में जाए तो हम देखेंगे कि बायोमास उर्जा (Biomass energy in Hindi) की उतपत्ति सौर उर्जा द्वारा ही होती है। इसको ऐसे समझा जा सकता है।

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उर्जा के द्वारा ही इस पृथ्वी पर सभी प्रकार के जिव जंतु, पेड़ पौधे आदि फलते-फूलते हैं। और पेड़ पौधे सूर्य से उर्जा लेकर प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से भोजन का निर्माण करते हैं। और मनुष्य और जिव जंतु इन पेड़ पौधों को अपने भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अतः इन पेड़ पौधों के अपशिष्ट के दहन से बायोमास उर्जा उत्पन्न होती है। इसमें बायोमास उर्जा को निम्न प्रकार  से उपन्न किया जा सकते है।

Biomass energy in hindi
बायोगैस का बनाना

पहली विधि  में जब हम पेड़ पौधों के अपशिष्ट को जलाते हैं तो हमें उर्जा ऊष्मा उर्जा के रूप में प्राप्त होती है। उस ऊष्मा उर्जा को हम प्रयोग में लाते हैं।

दूसरी विधि में रासायनिक क्रियाओं द्वारा इस बायो कचरा को तेल तथा गैस (मीथेन, मैथिल ) में परिवर्तित कर उपयोग करते हैं। तीसरी विधि जलीय प्रक्रम है जो की बायो कचरा को अप्चयित कर के तेल तथा अल्कोहल उत्पादन किया जाता है। बायोमास उर्जा के अंतर्गत प्राप्त गैस बायोगैस कहलाता हैं। जिसका उपयोग घरेलु कार्यों के लिए किया जाता है।

बायोमास  उर्जा के स्रोत (Sources of Biomass energy in hindi): –

बायोमास उर्जा के बहुत से प्रकार के स्रोत है। जिससे हम बायो उर्जा ग्रहण करते हैं। अतः बायोमास उर्जा (Biomass energy in hindi) हम निम्न प्रकार से उत्पन्न कर सकते हैं।

  1. पेड़-पौधों से निकलने वाली लकड़ी  सूखे पत्तों आदि से हम बायोमास उर्जा उत्पन्न करते हैं।
  2. पशुओ से निकलने वाली मल-मूत्र गोबर से भी हम बायोमास उर्जा पैदा करते हैं।
  3. कृषि कार्यों में फसलों के अपशिष्ट के अपघटन से बायोगैस उतपन्न होती हैं
  4. शहरों से निकले वाली आर्गेनिक उपशिष्ट के अपघटन से बायो उर्जा उर्जा उत्पन्न होती है।

बायोमास इंधन के गुण (properties of Biomass Fuel): –

बायोमास इंधन के गुण, पेड़ पौधे की quality पर निर्भर करता है। ये पेड़ पौधे जो हम बायोमास इंधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उस पेड़ पौधों की गुणवत्ता उसकी प्रजातिओं पर निर्भर करता  है। वे पेड़ पौधे किस प्रकार के जगह से सम्बंधित है उसके अन्दर कितनी मात्रा में आर्दता है। उसमे कितने प्रतिशत शुष्कता है। ये ध्यान देते हुए हम यह भी ध्यान देते हैं कि उन पेड़ पौधों के अन्दर कितने प्रतिशत आयल की मात्रा हैं। इससे यह पता चलता है कि बायो इंधन की गुणवत्ता कितनी अच्छी है। इस प्रकार बहुत सारे फैक्टर को ध्यान में रखते हुए बायो इंधन की गुण को निरधारित करते हैं। अगर उदहारण के तौर पर चन्दन की लकड़ी को लिया जाये तो हमें  पता चलता है कि यह लकड़ी अन्य लकड़ी की अपेक्षा ज्यादा आयल युक्त है।

बायोगैस इंधन के और भी गुण होते हैं। बायोमास इंधन की गुणवत्ता उनके अन्दर भौतिक स्वरुप, आयतन घनत्व तथा उनके दहन के पश्चात् प्रति ग्राम राख भी कम बचाना चईये। बायोमास इंधन आसानी से प्राप्त होने के साथ साथ दहन योग्य भी होना चईये।

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बायोगैस क्या है ( biogas in hindi): –

जैसा  की हम जानते हैं, बायोमास उर्जा के अंतर्गंत हम गायों के गोबर तथा पेड़ पौधों के लकड़ी तथा सूखे पत्तों को सुखाकर उसका दहन करने से उर्जा प्राप्त होती हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में प्राप्त हुई उर्जा की दक्षता बहुत कम होती है। और उसका उष्मीय मान भी बहुत कम होता है। लेकिन अगर हम इसी गाय के गोबर, पेड़ पौधों के पत्तीं, सब्जिओं के पत्तीओं को सडा गला कर मीथेन गैस बना दें तो यह गैस अपेक्षाकृत अधिक उष्मीय मान वाला होगा। बायोमास इंधन को सडा गला कर मीथेन गैस के साथ कार्बन डाई ऑक्साइड तथा हाइड्रोजन सल्फाइड उत्पन्न किया जाता हैं। इन्ही सब गैस के मिश्रण को ही बायोगैस कहते है। इस बायोगैस में 55% – 60% तक मीथेन गैस तथा 40% -35% तक कार्बन डाई ऑक्साइड तथा 5% हाइड्रोजन सल्फाइड होता है।

इस बायोगैस को पैदा करने के लिए उचित तरीके से एक प्लांट का निर्माण किया जाता है। जिसे हम सामान्य भाषा में गोबर गैस प्लांट भी कहते हैं। इस प्लांट में गाय का गोबर,  सड़ हुए पत्ते तथा व्यर्थ कटे हुए सब्जियां को मिलाकर एक पेस्ट बनाया जाता है जिसे स्लरी कहते है। इस पेस्ट में उपस्थित कार्बो हाइड्रेट, प्रोटीन और चर्बी को ऑक्सीजन की उपस्थिति में क्रिया कराकर बायोगैस उत्पन्न किया जाता है।

बायोगैस का उपयोग (uses of biogas):-

बायोगैस का उपयोग घरेलु अनुप्रयोग जैसे lighting, खाना बनाना आदि के लिए किया जाता हैं। कभी कभी बायोगैस का उपयोग कमर्शियल स्तर पर भी किया जाता है।

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