परिचय:
जैसा को हमने पिछले दो पोस्ट के जरिए ये देखा की जब हम अल्टरनेटिंग करंट के सप्लाई में शुद्ध रेजिस्टेंस और शुद्ध inductance लोड जोड़ेंगे तो क्या क्या परिवर्तन देखने को मिलता है। अब हमारे पास एक और प्रकार के लोड बचा है जो है कैपेसिटिव लोड। अब हम इसको एसी सप्लाई में जोड़ कर देखेंगे की आपकी जब हम इसको शुद्ध (AC through pure capacitance in Hindi ) रूप से जोड़ते है तो क्या क्या परिवर्तन देखने को मिलता है।
- AC through pure resistance in Hindi | अल्टरनेटिंग करेंट में शुद्ध प्रतिरोध
- AC Through pure inductance in hindi | AC सप्लाई में शुद्ध इंडक्टर
अल्टरनेटिंग सप्लाई में शुद्ध कैपेसिटर (AC through pure capacitance in Hindi):
इसके लिए आप नीचे चित्र में देख सकते है की एसी सप्लाई में एक शुद्ध कैपेसिटर लोड जोड़ा गया है। जिसके थ्रू एक करेंट i flow कर रही है।

AC Fundamental in Hindi | Average value in hindi | RMS value in hindi
और सप्लाई वोल्टेज v = Vm sinωt है। अब हमे फ्लो हो रहे करेंट i का मान निकलना है। जो को निस किए गए मैथमेटिकल एप्रोच में देख सकते हैं।


अब ऊपर के गणितीय एप्रोच से हमे अंत में करेंट i का मान Im sin(ωt + 90) मिलेगा। इससे आप देख सकते है कि शुद्ध कैपेसिटर के स्थिति में करंट, वोल्टेज से 90° के कोण पर लीड कर रही है। क्योंकि ωt के साथ पॉजिटिव में 90° कोण है।
फेजर डायग्राम :
अब इसी आधार पर हम जब वोल्टेज और करेंट के बीच ग्राफ बनाएंगे तो हम करंट को एंटीक्लॉक वाइज ने 90° लीड करते हुए दिखाएंगे। जैसे की चित्र में दिख रहा होगा। और इस condition में पावर फैक्टर 90° लीडिंग होगा।

वेव फॉर्म (wave for AC through pure capacitance in Hindi) :
अब इसी आधार पर जब हम वेव डायग्राम बनाएंगे तो वेव डायग्राम हमारा कुछ ऐसा होगा। जो को नीचे दिख रहा है। इसमें आप देख सकते हैं कि वोल्टेज करेंट से 90° पीछे चल रही है। यानी की जब हमारा वोल्टेज का फेजर जीरो प्वाइंट पर है तो उस टाइम करेंट का फेजर मैक्सिमम प्वाइंट पर है। जिससे यह पता चलता है कि करेंट 90° लीड कर रहा है करंट से।

शुद्ध कैपेसिटर में पावर की स्थिति :
जैसा की पता है पावर दो प्रकार के होते हैं
- इंस्टेंटेनियस पावर
- एवरेज पावर
Instantaneous power:
इसमें भी इंस्टेंटेनियस पावर का बिलकुल वैसे ही मान आएगा जैसे हमारे शुद्ध inductive load वाले स्थित में था। इसका भी गणितीय एप्रोच आप नीचे सके सकते हैं।

इसके में भी अगर आप देखेंगे तो आपको instantaneous power की फ्रीक्वेंसी दोगुना होता है इनपुट सप्लाई फ्रिकवेंसी से। और टाइम पीरियड आधा होता है।
एवरेज पावर:
अगर हम एवरेज पावर की बात करें तो शुद्ध कैपेसिटर के केस में भी एवरेज पावर का मान जीरो होता है। क्योंकि इसके भी
स्थिति में पूरे एक कंप्लीट साइकिल में एवरेज पावर जीरो हो जाता है। इसमें भी कैपेसिटर एक साइकिल के आधे चक्कर में पावर लेता है तो आधे चक्कर में पावर दे देता है। अतः टोटल एवरेज पावर कंजप्शन जीरो हो जाता है।
ग्राफिकल एप्रोच:
अब हम शुद्ध कैपेसिटर के केस में पावर का ग्राफिकल एक्पोरोच देखेंगे। तो हमे पता चलता है कि इसमें कैपेसिटर पहले आधे चक्कर में सप्लाई से पावर लेता है। और अगले आधे चक्कर में कैपेसिटर फिर इतना ही पावर सप्लाई को दे देता है। जबकि इंडक्टर लोड के स्थिति में इंडक्टिर पहले सप्लाई को पावर देता था। और फिर अगले आधे चक्कर में सप्लाई को पावर दे देता था। यही अंतर हमे याद करने की जरूरत है।

ग्राफिकल एप्रोच में पावर यदि पॉजिटिव साइकिल से शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है की इसमें लगा लोड पहले सप्लाई से पावर लेता है। और नेगेटिव का मतलब की लोड उस समय सप्लाई को पावर देता है।