परिचय :-
दोस्तों कई बार इलेट्रिकल से रिलेटेड यह भी क्वेश्चन किया जाता है। या हम लोगों के मन में यह भी सवाल आता है कि क्यों हम लोग पावर जेनरेशन स्टेशन पर 11 kv का पावर ही पैदा करते है। जबकि हम उसे ट्रांसमिट करने के लिए बहुत हाई वोल्टेज पर ट्रांसमिट करते है। आज के इस पोस्ट में हम इसी बात पर डिस्कस करेंगे।
11 kv पावर जेनरेशन: –
दोस्तों अगर हम यह कहे कि बस केवल 11kv का पावर ही पावर स्टेशन पर जनरेटर किया जाता है तो यह पूरी तरह सही नही होगा। क्योंकि अलग अलग पावर स्टेशनों पर अलग अलग प्रकार के वोल्टेज पर भी पावर को जनरेट किया जाता है। यह वोल्टेज पावर जनरेशन के कैपेसिटी के हिसाब से कैलकुलेट कर के एक उचित वोल्ट की मात्रा निकला जाता है। और उसी वोल्टेज पर पावर को जनरेट किया जाता हैं। जैसे को आप इस नीचे दिखाए गए टेबल में देख सकते हैं। को किस किस वोल्टेज लेवल पर पावर जेनरेशन पर पावर को जेनरेट किया जाता है।
Alternator power | Generative voltage | Power Factor |
5 Mega Watt (MW) | 11 KV | 0.8 (lagging) |
100 MW | 11 KV | 0.8 (lagging) |
200 MW | 11 KV | 0.8 (lagging) |
210 MW | 15.75 KV | 0.85 (lagging) |
500 MW | 21 KV | 0.85 (lagging) |
600 MW | 22 KV | 0.9 (lagging) |
660 MW | 23 KV | 0.9 (lagging) |
800 MW | 27 KV | 0.9 (lagging) |
लेकिन अगर हम मैक्सिमम पावर जेनरेशन को बात करे तो मैक्सिमम के केस में 11 kv का ही अल्टरनेटर लगाया जाता है। अतः यह सवाल उठ सकता है कि ऐसा क्यों होता है। टेबल में दिखाए गए वोल्टेज को देख कर आपको फिर भी यही सवाल उठेगा को जब हम लोग पावर को 400kv पर ट्रांसमिट करते है तो क्यों न हम alternator से ही 400kv का पावर जेनरेट कर ले ताकि हमे उसको स्टेप अप ट्रांसफार्मर से स्टेप अप न करना पड़े। इससे हमारा ट्रांसफार्मर का बड़ा खर्च भी बढ़ जायेगा। तो आइए इसी बात को हम समझते है। इसके पीछे कुछ निम्न कारण होते हैं।

पहला कारण यह है कि यदि हम 400kv का पावर alternator से पैदा करना भी चाहे तो हमे alternator का साइज बहुत ज्यादा बड़ा बनना पड़ेगा। क्योंकि ज्यादा वोल्टेज बढाने के लिए हमे alternator में वाइंडिंग का टर्न बढ़ने पड़ेंगे। जिससे alternator का साइज बहुत ज्यादा बढ़ जायेगा। यानी की 11 kv वाले alternator से कई गुना बड़ा बन जाएगा।
अब जब alternator का साइज बड़ा बनेगा तो जाहिर सी बात है इस बड़े alternator का रोटर भी बहुत बड़ा होगा। और साथ में उसको घुमाने के लिए बड़ी टरबाइन का भी उपयोग करना पड़ेगा। अब इस बड़ी टरबाइन को घुमाने के लिए बड़े लेवल पर एनर्जी खर्च करना पड़ेगा। और जब बड़े साइज का अल्टरनेटर यूज करेंगे तो जाहिर सी बात है alternator के अंदर बहुत ज्यादा हानि बढ़ेगा। और साथ में ये बड़ी साइज वाला अल्टरनेंटर ज्यादा जगह घेरेगा।
दूसरा सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है की ज्यादा वोल्टेज का पावर जेनरेट करने के लिए alternator में बहुत ज्यादा इनसुलेशन का इस्तेमाल करना पड़ेगा। जिससे की मशीन की साइज और बढ़ने के साथ साथ हानि और लागत बढ़ जायेगा।
11 kv से कम वोल्टेज पर पावर जेनरेशन क्यों नही:-
अब आपके दिमाग में ये आता होगा की जब 11 kv यानि काम वोल्टेज पर पावर जेनरेशन करने पर ज्यादा फायदा है तो क्यों न हम और काम वोल्टेज पर पावर को जनरेट करें। तो हम आपको बता दें कि यदि हम काम वोल्टेज पर पावर को जनरेट करेंगे तो हम जानते है कि पावर, वोल्ट और करेंट का गुणनफल (P= VI) होता है। तो यदि हम पावर (P) को नियत कर दें । यानी कि यदि हम एक निश्चित मात्रा में पावर को जेनरेट करना है तो हमारा चुकी पावर नियत है और हमे यह पावर कम वोल्टेज पर (11kv से कम वोल्टेज पर) जेनरेट करना है। तो P= VI के अनुसार यदि वोल्टेज कर करेंगे तो करेंट का मान बढ़ जायेगा। क्योंकि हमे एक निश्चित मात्रा में पावर जनरेट करना है। अब जब करेंट की मात्रा बढ़ेंगी तो हमारा मशीन में कॉपर लॉस और पूरे सिस्टम में लॉस और हीटिंग बढ़ जायेगा। और साथ में ही करेंट के बढ़ने से उसी करंट के हिसाब से हमे मोटी कॉपर wire की वाइंडिंग भी करनी पड़ेगी। जिससे फिर alternator का साइज बढ़ने लगेगा।
अतः 11 kv या ऊपर के टेबल में दिखाए गए वोल्टेज लेवल वह कैलकुलेटेड वोल्टेज है जिस पर पावर का जेनरेशन इकोनॉमिकल होता है। अतः हम कह सकते है कि सिस्टम को इकोनॉमिकल बनाने के लिए हम ज्यादातर 11 kv या टेबल में दिए गए वोल्टेज लेवल का वोल्टेज जेनरेट करते हैं।