ट्रांसफार्मर को चार्ज क्यों करते हैं?: इंटरव्यू सवाल

परिचय:

दोस्तों, आपने ट्रांसफार्मर के बारे में तो पढ़ा ही होगा। आपने नोटिस किया होगा कि हम ट्रांसफार्मर को किसी स्थान पर लगाते है तो चार्ज करते है। अतः आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ये बताएंगे को आखिर ये ट्रांसफार्मर की चार्जिंग की प्रोसेस क्या होती है। और ऐसा क्यों करते हैं।

ट्रांसफार्मर चार्जिंग क्या होता है? (What is transformer charging):

ट्रांसफार्मर को जब हम नो लोड की कंडीशन में कुछ घंटे जैसे को 7-8 घंटे तक छोड़ा जाता है। उसे ही हम ट्रांसफार्मर चार्जिंग प्रोसेस कहते हैं। No load की स्थिति का मतलब की जब आप इस ट्रांसफार्मर से किसी प्रकार का लोड नही जोड़े है। यानी की आप ट्रांसफार्मर के इनपुट टर्मिनल से सप्लाई तो दे दिया है लेकिन आउटपुट में किसी प्रकार का लोड नही जुड़ा है यानी की आउटपुट टर्मिनल ओपन को स्थिति में है।

ट्रांसफार्मर चार्जिंग
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किस टाइप के ट्रांसफार्मर चार्ज किए जाते है?:

ट्रांसफार्मर बेसिकली दो प्रकार के होते है। जैसे की ऑयल टाइप ट्रांसफार्मर और ड्राई टाइप ट्रांसफार्मर। और अगर चार्जिंग की बात करे तो हम इन दोनो टाइप के ट्रांसफोर्म में चार्जिंग की प्रोसेस को करते हैं।

ट्रांसफार्मर चार्जिंग क्यों करते है?:

ट्रांसफार्मर को चार्ज करने के मुख्य कारण यह होता है कि जो ट्रांसफार्मर में उपस्थिति नमी (moisture) को समाप्त कर सके है। बेसिकली होता क्या है। जब हम किसी जगह पर नए ट्रांसफार्मर का इंस्टॉलेशन करते हैं या कभी-कभी हम ट्रांसफार्मर की मरम्मत करते हैं या सर्विसिंग करते हैं उसके बाद जब हम उस ट्रांसफार्मर को उपयोग के लिए लगाते हैं और लोड को कनेक्ट करते हैं तो लोड को कनेक्ट करने से पहले हम उस ट्रांसफार्मर में उपस्थित मॉइश्चर को समाप्त करने के लिए ट्रांसफार्मर को चार्ज करते हैं। और यह चार्जिंग प्रोसेस लगभग 7 से 8 घंटे तक होती है।

एक्चुअली जब ट्रांसफार्मर नए रूप से इंस्टॉल किया जाता है या मरम्मत करने के बाद उसे फिर उपयोग में लाया जाता है तो उस स्थिति में ट्रांसफार्मर के अंदर नमी की मात्रा होती है। क्योंकि वह मरम्मत या यूज ना होने के कारण उसमें नमी की मात्र आ जाती है। उसी नमी की मात्रा को खत्म करने के लिए हम उसको चार्ज करते हैं

ट्रांसफार्मर में नमी होने से क्या हो सकता है?

हमारे दिमाग में यह भी सवाल आ सकता है कि ट्रांसफॉर्मर में अगर नमी आ जाए तो हमारे ट्रांसफार्मर पर क्या प्रभाव पड़ेगा तो बेसिकली ट्रांसफार्मर में जब नमी आ जाएगी तो अगर हमारा ट्रांसफार्मर आयल ट्रांसफार्मर है तो उसमें जो ट्रांसफार्मर का आयल है उसकी dielectric strength कम हो जाएगी।  जिससे कि हमारा ट्रांसफार्मर में एजिंग पर प्रभाव पड़ता है एजिंग प्रभाव कहने का मतलब है कि ट्रांसफार्मर की जो लाइफ है वह कम हो जाएगी। इसके साथ ही साथ अगर ट्रांसफार्मर में नमी की मात्रा ज्यादा है यानी कि ट्रांसफार्मर के आयल में अगर नमी की मात्रा ज्यादा है तो उस स्थिति में हमारा ट्रांसफार्मर आयल की डाइलेक्ट्रिक् स्ट्रेंथ इतनी कम हो जाएगी कि उस ऑयल  में जो हमारा वाइंडिंग डूबा हुआ है, वह वाइंडिंग एक दूसरे से शॉर्ट सर्किट हो जाएगी और हमारा ट्रांसफार्मर जल जाएगा।

ट्रांसफार्मर आयल की डाइलेक्ट्रिक स्ट्रैंथ ज्यादा होने के कारण ही ट्रांसफार्मर के बाइंडिंग को शॉर्ट होने से बचाता है।

ड्राई टाइप ट्रांसफॉर्मर को चार्ज क्यों करते हैं?:

अब सवाल यह भी आ सकता है कि आखिर हम ड्राई टाइप ट्रांसफॉर्मर को चार्ज क्यों करते हैं। आयल टाइप ट्रांसफॉर्मर का चार्ज करने का एक उद्देश्य तो दिख रहा है। लेकिन ड्राई टाइप ट्रांसफॉर्मर को क्यों चार्ज करते हैं। वास्तव में होता क्या है कि ड्राई टाइप ट्रांसफॉर्मर दो प्रकार के होते हैं एक होता है कॉस्ट रेजिंग टाइप ट्रांसफॉर्मर और दूसरा होता है एयर टाइप ट्रांसफॉर्मर। अभी यह जो कॉस्ट रेजिंग टाइप ट्रांसफॉर्मर है या जो एयर टाइप ट्रांसफार्मर है। यह अगर ज्यादा दिन तक बिना उसे किया रखा जाता है, तो इसका कॉस्ट रेजिन टाइप ट्रांसफॉर्मर में नमी की मात्रा आ जाती है या जो एयर टाइप ट्रांसफार्मर है उसमे एयर भरा हुआ है। उसमें भी नमी की मात्रा आ जाती है। जिससे कि ट्रांसफार्मर को अगर हम चार्ज नहीं करेंगे तो इसके वाइंडिंग में नमी के कारण शॉर्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।

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चार्जिंग moisture कैसे कम हो जाता है?

जब हम ट्रांसफॉर्मर को नो लोड की कंडीशन में इनपुट सप्लाई देखकर छोड़ देते हैं तो हमारा बाइंडिंग, सप्लाई की कारण गर्म होता है। और जिससे हमारा आसपास का एनवायरमेंट भी हिट होता है अगर आसपास का एनवायरमेंट आयल है तो आयल भी हिट होगा और हिट होने के कारण आयल में उपस्थित नमी भाप बनकर उड़ जाएगी और अगर आसपास का इन्वायरमेंट या माध्यम हवा है तो हवा में उपस्थित नमी भी वाष्प बनकर उड़ जाएगी जिससे हमारा माध्यम ऑयल हो या हवा नमी से मुक्त हो जाएगा।

ट्रांसफार्मर चार्ज करने की और क्या कारण हो सकते हैं?:

जिस समय ट्रांसफार्मर को हम चार्ज कर रहे होते हैं। उस समय हम यह भी चेक करते हैं कि ट्रांसफार्मर के अंदर कोई समस्या तो नही है। और इसके साथ ही ट्रांसफार्मर के लूज कनेक्शन को भी इसी दौरान चेक भी कर लेते हैं। इसके साथ ही ट्रांसफार्मर के अंदर ओवरहीटिंग की समस्या को भी चेक कर लेते हैं। ट्रांसफार्मर की नो लोड की कंडीशन में नॉइस लेवल भी चेक करते हैं।

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