कॉन्टैक्टर पर AC रेटिंग का क्या मतलब है? एक AC-1, AC-2, AC-3, AC-4, AC-6

परिचय:-

दोस्तों, अगर आप किसी इंडस्ट्री के पैनल को देखा होगा तो आपको उस पैनल में बहुत से प्रकार के पैनल लगे हुए दिखे होंगे। अगर आप उसपे ध्यान देंगे तो उसपे AC -1, AC-2, AC-3, AC-4 आदि लिखा होता है। तो आज के इस पोस्ट के जरिए हम इन्ही रेटिंग (कॉन्टैक्टर पर AC रेटिंग) के बारे में जानेंगे। की ये किस काम को प्रदर्शित करता है।

कॉन्टैक्टर क्या है? (Contactor in Hindi):

दोस्तों सबसे पहले हम कॉन्टैक्टर के बारे के एक छोटा सा ब्रीफ दे देते हैं। तो दोस्तों इंडस्ट्री में जितने भी मशीन के लोड और अन्य प्रकार के लोड होते हैं। जिनको हम ऑटोमैटिक चलाते हैं। उन सभी को ऑटोमैटिक बनाने के लिए कॉन्टैक्टर एक अहम भूमिका निभाता है।

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इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा यूज होने वाले कॉन्टैक्टर:

दोस्तों, वैसे तो इंडस्ट्रियल पैनल में मशीन को ऑटोमैटिक बनाने के लिए बहुत से प्रकार के कॉन्टैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। जिस पर अलग अलग प्रकार के रेटिंग लिखी होती है। जैसे AC -1, AC-2, AC-3, AC-4 आदि।  वैसे तो अगर देखा जाए तो कॉन्टैक्टर (contactor) AC-1 से लेकर AC -15 तक आते है। लेकिन उनमें से कुछ ऐसे महत्वपूर्ण रेटिंग के कॉन्टैक्टर होते हैं। जिसका हम सबसे ज्यादा इंडस्ट्री में उपयोग होते हुए देखते हैं। जो की निम्न प्रकार के होते हैं।

  • AC -1 type कॉन्टैक्टर
  • AC -2 type contactor
  • AC -3 type contactor
  • AC -4 type contactor
  • AC 6A type contactor
  • AC 6B type contactor
  • AC -11 type contactor

उपर्युक्त सभी प्रकार के कॉन्टैक्टर का उपयोग हम अलग अलग प्रकार के मशीनी लोड या अन्य लोड को चलाने के लिए करते है। जिसको हम आगे एक एक करके समझेंगे।

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इंडस्ट्री में प्रयोग होने वाले पैनल कौन कौन से है?

AC – 1 type contactor:

दोस्तों पैनल में अगर इस टाइप के कॉन्टैक्टर लगे हैं जिसके ऊपर AC -1 लिखा हो तो ऐसे contactor को हम resistive लोड को ऑपरेट करने के लिए उपयोग में लाते है। आपको पता होगा कि हमारे इलेक्ट्रिकल सिस्टम में तीन प्रकार के लोड होते हैं।

कॉन्टैक्टर पर AC रेटिंग
  • Resistive load
  • Inductive load
  • Capacitive load

इन तीनो में से resistive load यानी की ऐसे लोड जो केवल हिट पैदा करते हो उसे हम नॉन inductive लोड भी कहते हैं। वहां पर किसी प्रकार की मैग्नेटिक फील्ड पैदा नही होती हैं। उस लोड को रिजिएटिव लोड कहते हैं। तो हम ऐसे लोड को ऑपरेट करने के लिए AC -1 टाइप का कॉन्टैक्टर प्रयोग करते हैं।

AC -2 type contactor:

दोस्तों इस टाइप का कॉन्टैक्टर हम inductive लोड के लिए इस्तेमाल करते हैं। जिसके अंतर्गत हम स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर को चलाने के लिए AC -2 type का कॉन्टैक्टर इस्तेमाल करते हैं।

AC -3 type contactor:-

अगर हम बात करें की AC -3 type के कॉन्टैक्टर की तो हम इसका प्रयोग स्क्विरल केज इंडक्शन (Squirrel cage induction motor) मोटर के लिए करते हैं। जो की यह भी एक inductive load है। और यही एक contactor है जो कि इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला कॉन्टैक्टर है। क्योंकि इंडस्ट्री में मैक्सिमम मोटर स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर होते हैं।इसके अलावा किसी किसी contactor पे आपको AC -1 type के साथ AC -3 भी लिखा हुआ आता है। जैसे की इस नीचे दिखाए गए इमेज में देख सकते है।

CONTACTOR

तो सवाल यह आता है कि क्या हम resistive लोड के लिए भी हम AC -3 type का कॉन्टैक्टर इस्तेमाल कर सकते हैं। तो आप चित्र में देख सकते है को अगर हम उस contactor को AC -3 के तौर पर प्रयोग करना चाहते हैं। तो AC -3 के आगे लिखे गए रेटिंग के हिसाब से लोड को कनेक्ट करना चाइए। जैसे की चित्र के हिसाब से अगर आपको AC -3 के लिए उपयोग करनी है यानी की सपोज करिए की आपको स्क्विरल केज मोटर चलानी है तो आपको 11 kw का मोटर को चला सकते हैं। और करंट रेटिंग 25 एम्पियर होना चाइए। और सप्लाई वोल्टेज 415 वोल्ट होनी चाइए। लेकिन अगर आपको AC -1 के तौर पे प्रयोग करते हैं। तो आपको resistive load की करेंट रेटिंग 45 एम्पियर होनी चाइए।

नोट:-

कई बार अलग अलग कंपनियों के contactor पर ये रेटिंग नहीं दी गई होती है। अतः इसके लिए आप उस contactor के साथ आए एक छोटी सी बुक लेट में देख सकते हैं।

AC -4 type contactor:

दोस्तों इस AC- 4 के contactor का इस्तेमाल हम स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर को ही चलाने के लिए किया जाता है। लेकिन यह ऐसे स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर में उपयोग करते हैं। जो मोटर इंटरमिटेंट लोड यानी की वह मोटर बार बार बंद और चालू होती है। मतलब की इंडस्ट्री में बहुत सारे ऐसे लोड होते हैं जिसको समय समय पर बंद और चालू करने की आवश्यकता होती है। अतः ऐसे में AC – 4 type का कॉन्टैक्टर प्रयोग में लाते हैं। जैसे उदाहरण के लिए क्रेन में जो स्क्विरल केज इंडक्शन मोटर का प्रयोग होता है। उसमे हम AC – 4 type contactor का प्रयोग करते हैं।

नोट:-

हम जानते है की इंडस्ट्री के क्रेन में ज्यादातर स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर का ही इस्तेमाल होता है। लेकिन कही कही छोटी साइज के क्रेन में हम स्क्विरल केज इंडक्शन कप मोटर का इस्तेमाल कर लेते हैं।

AC – 6A Contactor:

इंडस्ट्री में कई प्रकार के लोड होते हैं। जिसमे कई प्रकार के उपकरण लगे होते है। उसमे बहुत से छोटे छोटे ट्रांसफार्मर भी लगे होते है। उन सभी ट्रांसफार्मर के स्विचिंग के लिए हम AC – 6A contactor का इस्तेमाल करते हैं।

AC – 6B type contactor:

इस टाइप कॉन्टैक्टर का इस्तेमाल हम पावर कैपेसिटर को ऑन ऑफ करने के लिए करते है। इंडस्ट्री में लगे APFC पैनल में आपको ये कॉन्टैक्टर लगा हुआ देख सकते हैं। मतलब की यह contactor capacity load को ऑपरेट कराने के लिए प्रयोग करते हैं।

कॉन्टैक्टर पर AC रेटिंग

AC – 11 type contactor:

इस टाइप के contactor का उपयोग सिर्फ कंट्रोल वायरिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इस टाइप की contactor (कॉन्टैक्टर पर AC रेटिंग) में आप देखेंगे तो इसमें पावर की वायरिंग के लिए टर्मिनल नहीं बना होगा यह सिर्फ और सिर्फ कंट्रोल वायरिंग के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है।

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