अब VIVO IPL नहीं होगा अब होगा TATA IPL | BCCI चीफ ने दी जानकारी

जैसे कि आप टाइटल से ही समझ गए होंगे कि अब जो आईपीएल होगा उसका नाम विवो आईपीएल की जगह टाटा आईपीएल होगा। यानी कि टाटा कंपनी ने विवो को रिप्लेस कर दिया है।

वैसे आपको बता दूंगी आईपीएल कोई छोटा टूर्नामेंट नहीं है अगर हम पूरे विश्व भर की बात करें तो आईपीएल का चौथा स्थान है।

दुनिया की सबसे वैल्युएबल डेमो स्टिक टूर्नामेंट में सबसे पहला नंबर पर नेशनल फुटबॉल लीग आता है। इसका रेवेन्यू 16 बिलियन डालर होता है। उसके बाद सेकंड नंबर पर मेजर लीग बेसबॉल का और उसके बाद NBA और चौथे स्थान पर हमारा आईपीएल आता है। इसका रेवेन्यू 7 बिलियन डालर है।

अगर आईपीएल को देखे तो इसका दिन पर दिन ग्रोथ हो ही रहा है। हालांकि कोरोना के चलते इसके पापुलैरिटी में थोड़ा सा गिरावट आई है। लेकिन फिर भी आप देखें तो 2022 के आईपीएल में 2 टीम और जुड़ेंगे इसमें लखनऊ और अहमदाबाद की टीम हो गई।

क्या है आईपीएल का दुनिया में स्टेटस

अब जब भारत का सबसे बड़ा टूर्नामेंट में हम सबसे बड़े स्पॉन्सरशिप की बात करें और उसमें चाइनीस कंपनी का नाम आए तो थोड़ा सा हमें अजीब फील होता है। और वीवो ने बड़े लंबे समय से यह टाइटल स्पॉन्सर से ले रखी थी। क्योंकि विवो ने इस टाइटल स्पॉन्सर शिप के लिए बीसीसीआई को बहुत बड़ा अमाउंट भुगतान किया था। क्योंकि अब तक किसी ने इतना ज्यादा अमाउंट भुगतान नहीं किया था।

किसने किसने अब आईपीएल को स्पोंसर किया है

अगर हम 2008 से 2012 तक के आईपीएल को देखें तो उस समय डीएलएफ ने स्पॉन्सर किया था। और उसके लिए डीएलएफ ने बीसीसीआई को ₹40 करोड़ रुपए भुगतान किया था। इसलिए उस समय ‘डीएलएफ आईपीएल’ के नाम से जाना जाता था।

2013 से 2015 तक पेप्सी कंपनी नेम आईपीएल कोई स्पॉन्सर किया था। तथा इसके लिए पेप्सी कंपनी ने बीसीसीआई को ₹790000000 का भुगतान किया था। यह ₹790000000 पर सीजन ₹790000000 था.

लेकिन विवो चाइनीज मोबाइल मैन फैक्चर की इतनी बड़ी कंपनी है कि इस ने 2016 से 2017 तक तथा 2018 से 2019 तक के होने वाले आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर ज्यादा पैसे देकर खरीद लिया। इसमें 2016 से 2017 तक के आईपीएल में स्पॉन्सरशिप को 100 करोड़ देकर तथा 2018 से 2019 के आईपीएल को 440 करोड रुपए देकर खरीद लिया था।

इसके बाद 2021 में भी होने वाले आईपीएल को इस विवो ने 440 करोड देकर फिर खरीद लिया था।

लेकिन आप सोच रहे होंगे कि 2020 का टाइटल स्पॉन्सर शिप किसके पास था। तो वास्तव में 2020 का टाइटल स्पॉन्सर से भी vivo ही होस्ट करता लेकिन 2020 में हमने देखा कि चाइना के साथ हमारा तनाव ज्यादा बढ़ गए थे। तथा उस समय लोगों में चाइना के प्रति बहुत ज्यादा आक्रोश था। इसलिए vivo को हटाकर dream11 को टाइटल स्पॉन्सर मिला। इसके लिए dream11 ने बीसीसीआई को 222 करोड रुपए का भुगतान किया था।

हालाकि वीवो का जो कांट्रैक्ट था 2023 तक था। लेकिन अब बीसीसीआई ने विवो से बात कर ली है और चुकी आईपीएल कि पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण ब्रांड वैल्यू भी गिर गई है इसलिए vivo भी अब यह नहीं चाहता कि इस टाइटल स्पॉन्सर शिप के लिए इतना पैसा भुगतान करें।

अब जो आप यह अमाउंट का डिफरेंस देख रहे होंगे कि टाटा 335 करोड़ों रुपए दे रहा है लेकिन विवो 440 करोड रुपए दे रहा था तो आपको बता दें कि विवो चुकी 2023 तक का एग्रीमेंट करा रखा था। अतः अभी भी कुछ अमाउंट विवो पे करेगा बीसीसीआई को।

BCCI चीफ ने दी जानकारी  

जय शाह जो कि बीसीसीआई के चीफ सेक्रेटरी है उन्होंने भी इस बात की जानकारी दी है कि अब टाटा ग्रुप आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर शिप को होस्ट करेगा।

लेकिन मेरा मानना है कि यह टाइटल स्पॉन्सर सिर्फ हटा ही देना चाहिए। जैसे कि एनबीए तथा नेशनल फुटबॉल लीग के केस में होता है वह लोग टाइटल स्पॉन्सर शिप का कोई ऑप्शन नहीं रखते वह अपना सिर्फ नाम लेकर चलते हैं। लेकिन अगर हमें ऐसा नहीं करना है तो हमें एक ऐसा रूल बना देना है कि जो भी टाइटल स्पॉन्सर शिप कंपनी खरीदेगी वह इंडियन कंपनी ही होनी चाहिए।

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